ETV Bharat / bharat

UP GIS-2023: यूपी के 30 प्रमुख शहरों में होटल खोलेगा जापान का एचएमआई ग्रुप, 7200 करोड़ का हुआ एमओयू

जापान के प्रसिद्ध होटल समूह होटल मैनेजमेंट इंटरनेशनल कम्पनी लिमिटेड (Global Investors Summit 2023) ने यूपी सरकार के साथ 7200 करोड़ रुपये के निवेश का समझौता किया है. एचएमआई ग्रुप के निदेशक, पब्लिक रिलेशन टाकामोटो योकोयामा ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश की पर्यटन संभावनाओं को जमीन पर उतारने के प्रयासों से होटल इंडस्ट्री के लिए अपार संभावनाएं बनी हैं.'

Global Investors Summit 2023
Global Investors Summit 2023
author img

By

Published : Feb 11, 2023, 4:24 PM IST

लखनऊ : जापान के प्रसिद्ध होटल समूह होटल मैनेजमेंट इंटरनेशनल कम्पनी लिमिटेड (एचएमआई) यूपी में 30 नए होटल स्थापित करने जा रही है. लखनऊ में चल रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन जापानी कंपनी ने प्रदेश सरकार के साथ इस संबंध में 7200 करोड़ के निवेश का समझौता किया. जापान के प्रमुख शहरों में 60 से अधिक होटल संचालित कर रहे एचएमआई ग्रुप के निदेशक, पब्लिक रिलेशन टाकामोटो योकोयामा ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश की पर्यटन संभावनाओं को जमीन पर उतारने के प्रयासों से होटल इंडस्ट्री के लिए अपार संभावनाएं बनी हैं. वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के विकास के बाद बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं. यह हमारे लिए अनुकूल अवसर है. यूपी की औद्योगिक नीतियां एचएमआई समूह को प्रोत्साहित करने वाली हैं. ऐसे में एचएमआई समूह आगरा, वाराणसी और अयोध्या सहित 30 प्रमुख स्थानों पर अपने होटल चेन का विस्तार करेगी. इससे यहां के 10 हजार से अधिक लोगों के लिए नौकरी के प्रत्यक्ष मौके भी बनेंगे.

इससे पहले, दधीचि सभागार में 'उत्तर प्रदेश में जापान और भारत के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी का क्रियान्वयन' विषयक महत्वपूर्ण सत्र में विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में सलाहकार (जापान) प्रो. अशोक चावला ने कहा कि 'वर्ष 2015 में तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे का भारत दौरा हुआ तो 2016 में प्रधानमंत्री मोदी जापान गए. 2017 में शिंजो आबे अहमदाबाद आए और हाईस्पीड रेल के बारे में कार्ययोजना बनी तो 2018 में प्रधानमंत्री मोदी दोबारा जापान गए. लगातार होने वाले इन शीर्ष नेताओं के दौरे से दोनों देशों के बीच गहरा विश्वास पैदा हुआ है, जिसका सकारात्मक असर द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों पर भी देखने को मिला है. स्वास्थ्य, ऊर्जा, लॉजिस्टिक्स, होटल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, टेक्सटाइल, स्टील, रियल एस्टेट, लेदर आदि सेक्टर में निवेश में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है. ग्रेटर उत्तर प्रदेश भी इससे लाभान्वित हो रहा है. ग्रेटर नोएडा में जापान इंडस्ट्रियल टाउनशिप का विकास हो रहा है.


इस अवसर पर यामानाशी हाइड्रोजन कंपनी के चेयरपर्सन यामानाशी शिमिज़ू ने भारत और जापान के प्राचीन लोकतांत्रिक मूल्यों के हवाले से दोनों देशों के मजबूत बीच सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि 'जापानी कंपनियों की यह विशेषता है कि वह बगैर गहन अध्ययन के व्यापारिक समझौते नहीं करती और अगर एक बार निवेश के लिए कदम बढ़ा दिया तो उसे समय सीमा के अनुसार जरूर पूरा करती हैं. उनकी कंपनी हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में काम करती है और यहां यूपी में बड़े प्रोजेक्ट की लिए तैयारी कर रही है, वहीं निर्माणाधीन जेवर एयरपोर्ट को वैश्विक व्यापार की दृष्टि से बेहद उपयोगी करार दिया. पार्टनर कंट्री जापान के इस खास सत्र में उत्तर प्रदेश में निवेश कर रहे जापानी निवेशकों ने अपने अनुभव भी साझा किए. इनमें वेस्ट मैनेजमेंट सेक्टर में काम रहे वन वर्ल्ड कॉर्पोरेशन के सीईओ (रिप्रेजेंटेटिव डायरेक्टर) टोमोकी आईटो, नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर की कंपनी ओएमसी पॉवर के सीईओ अजय कुमार, एनपीआई कम्पनी लिमिटेड, टोक्यो के प्रेसिडेंट नरेंद्र उपाध्याय, सोलर एनर्जी सेक्टर की कंपनी वीणा इंटरप्राइजेज की डायरेक्टर दीप शिखा महाजन प्रमुख रहे. निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में अपनी कंपनी के निवेश, क्रियाशील प्लांट, अपने क्लाइंट्स, टर्नओवर कार्यप्रणाली और भावी रणनीति के बारे में भी जानकारी दी.

बता दें कि पिछले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश से जापान को निर्यात 2.7% की सीएजीआर से बढ़ा है. उत्तर प्रदेश ने 2021 में जापान को कुल 122 मिलियन अमरीकी डालर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया. वर्ष 2020 में कोविड प्रभाव के बाद, वर्ष 2021 में यूपी से जापान को निर्यात में लगभग 86% तक बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो भविष्य में विकास की उच्च संभावना का संकेत देता है. पिछले तीन वर्षों के दौरान 12 चुनिंदा क्षेत्रों ने जापान को यूपी के निर्यात में लगभग 82% का योगदान दिया. इनमें मशीनरी व उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स व इलेक्ट्रिकल ऑर्गेनिक केमिकल, ऑटो कंपोनेंट, अपैरल, चमड़े के सामान और जूते-चप्पल, कॉरपेट, लोहे और स्टील आर्टिकल्स आदि प्रमुख हैं.

यह भी पढ़ें : Global Investors Summit 2023 : यूएई व यूपी के बीच 70 हजार करोड़ के एमओयू हुए, सुनिए क्या कहते हैं पर्यटन प्रमुख सचिव

लखनऊ : जापान के प्रसिद्ध होटल समूह होटल मैनेजमेंट इंटरनेशनल कम्पनी लिमिटेड (एचएमआई) यूपी में 30 नए होटल स्थापित करने जा रही है. लखनऊ में चल रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन जापानी कंपनी ने प्रदेश सरकार के साथ इस संबंध में 7200 करोड़ के निवेश का समझौता किया. जापान के प्रमुख शहरों में 60 से अधिक होटल संचालित कर रहे एचएमआई ग्रुप के निदेशक, पब्लिक रिलेशन टाकामोटो योकोयामा ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश की पर्यटन संभावनाओं को जमीन पर उतारने के प्रयासों से होटल इंडस्ट्री के लिए अपार संभावनाएं बनी हैं. वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के विकास के बाद बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं. यह हमारे लिए अनुकूल अवसर है. यूपी की औद्योगिक नीतियां एचएमआई समूह को प्रोत्साहित करने वाली हैं. ऐसे में एचएमआई समूह आगरा, वाराणसी और अयोध्या सहित 30 प्रमुख स्थानों पर अपने होटल चेन का विस्तार करेगी. इससे यहां के 10 हजार से अधिक लोगों के लिए नौकरी के प्रत्यक्ष मौके भी बनेंगे.

इससे पहले, दधीचि सभागार में 'उत्तर प्रदेश में जापान और भारत के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी का क्रियान्वयन' विषयक महत्वपूर्ण सत्र में विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में सलाहकार (जापान) प्रो. अशोक चावला ने कहा कि 'वर्ष 2015 में तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे का भारत दौरा हुआ तो 2016 में प्रधानमंत्री मोदी जापान गए. 2017 में शिंजो आबे अहमदाबाद आए और हाईस्पीड रेल के बारे में कार्ययोजना बनी तो 2018 में प्रधानमंत्री मोदी दोबारा जापान गए. लगातार होने वाले इन शीर्ष नेताओं के दौरे से दोनों देशों के बीच गहरा विश्वास पैदा हुआ है, जिसका सकारात्मक असर द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों पर भी देखने को मिला है. स्वास्थ्य, ऊर्जा, लॉजिस्टिक्स, होटल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, टेक्सटाइल, स्टील, रियल एस्टेट, लेदर आदि सेक्टर में निवेश में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है. ग्रेटर उत्तर प्रदेश भी इससे लाभान्वित हो रहा है. ग्रेटर नोएडा में जापान इंडस्ट्रियल टाउनशिप का विकास हो रहा है.


इस अवसर पर यामानाशी हाइड्रोजन कंपनी के चेयरपर्सन यामानाशी शिमिज़ू ने भारत और जापान के प्राचीन लोकतांत्रिक मूल्यों के हवाले से दोनों देशों के मजबूत बीच सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि 'जापानी कंपनियों की यह विशेषता है कि वह बगैर गहन अध्ययन के व्यापारिक समझौते नहीं करती और अगर एक बार निवेश के लिए कदम बढ़ा दिया तो उसे समय सीमा के अनुसार जरूर पूरा करती हैं. उनकी कंपनी हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में काम करती है और यहां यूपी में बड़े प्रोजेक्ट की लिए तैयारी कर रही है, वहीं निर्माणाधीन जेवर एयरपोर्ट को वैश्विक व्यापार की दृष्टि से बेहद उपयोगी करार दिया. पार्टनर कंट्री जापान के इस खास सत्र में उत्तर प्रदेश में निवेश कर रहे जापानी निवेशकों ने अपने अनुभव भी साझा किए. इनमें वेस्ट मैनेजमेंट सेक्टर में काम रहे वन वर्ल्ड कॉर्पोरेशन के सीईओ (रिप्रेजेंटेटिव डायरेक्टर) टोमोकी आईटो, नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर की कंपनी ओएमसी पॉवर के सीईओ अजय कुमार, एनपीआई कम्पनी लिमिटेड, टोक्यो के प्रेसिडेंट नरेंद्र उपाध्याय, सोलर एनर्जी सेक्टर की कंपनी वीणा इंटरप्राइजेज की डायरेक्टर दीप शिखा महाजन प्रमुख रहे. निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में अपनी कंपनी के निवेश, क्रियाशील प्लांट, अपने क्लाइंट्स, टर्नओवर कार्यप्रणाली और भावी रणनीति के बारे में भी जानकारी दी.

बता दें कि पिछले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश से जापान को निर्यात 2.7% की सीएजीआर से बढ़ा है. उत्तर प्रदेश ने 2021 में जापान को कुल 122 मिलियन अमरीकी डालर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया. वर्ष 2020 में कोविड प्रभाव के बाद, वर्ष 2021 में यूपी से जापान को निर्यात में लगभग 86% तक बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो भविष्य में विकास की उच्च संभावना का संकेत देता है. पिछले तीन वर्षों के दौरान 12 चुनिंदा क्षेत्रों ने जापान को यूपी के निर्यात में लगभग 82% का योगदान दिया. इनमें मशीनरी व उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स व इलेक्ट्रिकल ऑर्गेनिक केमिकल, ऑटो कंपोनेंट, अपैरल, चमड़े के सामान और जूते-चप्पल, कॉरपेट, लोहे और स्टील आर्टिकल्स आदि प्रमुख हैं.

यह भी पढ़ें : Global Investors Summit 2023 : यूएई व यूपी के बीच 70 हजार करोड़ के एमओयू हुए, सुनिए क्या कहते हैं पर्यटन प्रमुख सचिव

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.