इंदौर : कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप की रोकथाम के लिए यहां बुधवार से शुरू जनता कर्फ्यू के दौरान कथित रूप से बेवजह सड़क पर घूमते पाए गए 129 लोगों को अस्थाई जेल की हवा खानी पड़ी.
केंद्रीय जेल के अधीक्षक राकेश कुमार भांगरे ने बताया कि इन लोगों को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 (संज्ञेय अपराध घटित होने से रोकने के लिए की जाने वाली एहतियातन गिरफ्तारी) के तहत अस्थाई जेल लाया गया है. यह जेल प्रशासन के आदेश पर स्नेहलतागंज क्षेत्र में एक सामुदायिक अतिथि गृह में बनाई गई है.
उन्होंने बताया कि जनता कर्फ्यू के दौरान सभी 129 लोग शहर के अलग-अलग इलाकों में घूम रहे थे. पुलिस ने जब इनके बाहर घूमने का सबब पूछा, तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके.भांगरे ने बताया कि अस्थायी जेल पहुंचने वाले लोगों को आमतौर पर तीन घंटे बाद रिहा किया जा रहा है. इससे पहले, उनसे मुचलका (bond) भरवाया जा रहा है कि वह आगे से कोविड-19 से बचाव के तमाम दिशा-निर्देश मानेंगे.
उन्होंने बताया कि अस्थायी जेल में 15 कर्मचारियों की तैनाती की गई है और कैदियों पर निगाह रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. इस जेल में एक बार में 300 लोगों को रखने की क्षमता है.
गौरतलब है कि इंदौर, सूबे का कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है जहां महामारी की रोकथाम के नये उपाय के तहत प्रशासन ने 30 अप्रैल तक जनता कर्फ्यू लागू किया हुआ है. इसके तहत आम लोगों से कहा गया है कि वे बेहद जरूरी काम होने पर ही घर से निकलें.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 94,549 मरीज मिले हैं। इनमें से 1,069 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है.