श्रीनगर: जम्मू- कश्मीर में फिलिस्तीन के खिलाफ आक्रामकता के विरोध में पीडीपी द्वारा प्रदर्शन का आह्वान किया गया लेकिन इससे पहले पुलिस ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी दी. पार्टी के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि गाजा के खिलाफ आक्रामकता के विरोध में प्रदर्शन का आह्वान किया गया, लेकिन प्रस्तावित विरोध से पहले पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया. उन्हें नजरबंद कर दिया गय.
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अब्दुल रहमान वेरी, महासचिव गुलाम नबी लोन हंजुरा को पुलिस ने नजरबंद कर दिया. उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने बडगाम जिले के पार्टी अध्यक्ष मुहम्मद यासीन भट्ट को सोमवार रात हिरासत में ले लिया गया. उन्हें चादुरा पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखा गया. इसके साथ ही अन्य कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया.
प्रवक्ता ने बताया कि श्रीनगर और बारामूला के पीडीपी जिला अध्यक्ष अब्दुल कय्यूम भट, जलालुद्दीन शाह को भी पुलिस ने नजरबंद रखा. प्रवक्ता ने ईटीवी भारत को बताया कि पार्टी ने इजरायल की बमबारी और गाजा में निर्दोष नागरिकों पर हमले के खिलाफ बडगाम और गांदरबल जिलों में आज विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी. इसके चलते प्रशासन ने हमारे नेताओं पर कार्रवाई की है ताकि पार्टी विरोध प्रदर्शन न कर सके.
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी ने श्रीनगर में इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. हालांकि, तब पुलिस ने इस विरोध प्रदर्शन को भी नाकाम कर दिया था. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि प्रशासन ने संभावित इजरायल विरोधी विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए श्रीनगर में ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में पिछले दो शुक्रवार को सामूहिक प्रार्थना पर प्रतिबंध लगा दिया था.
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हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को भी घर में नजरबंद कर दिया गया. पिछले दो शुक्रवार को जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज को संबोधित करने से रोका गया. पिछले शुक्रवार को बडगाम जिले में इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था. हालांकि प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया था. प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि वह किसी भी राजनीतिक दल या घाटी में असामाजिक तत्वों को शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की अनुमति नहीं देगा और न ही किसी राजनीतिक दल को लोगों को विरोध के लिए उकसाने की कोशिश करने देगा.