श्रीनगर : अमरनाथ यात्रा से जुड़े एक अधिकारी ने आधिकारिक बयान में कहा कि 1 जुलाई को यात्रा शुरू होने के बाद से कुल 67,566 तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ गुफा मंदिर के दर्शन किए हैं. बुधवार को बालटाल बेस कैंप और नुनवान बेस कैंप दोनों से 18,354 तीर्थयात्री अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए रवाना हुए. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इनमें 12483 पुरुष, 5146 महिलाएं, 457 बच्चे, 266 साधु और 2 साध्वियां शामिल हैं.
इसमें कहा गया है कि शुरुआत से अब तक दर्शन करने वाले यात्रियों की कुल संख्या 67566 है. आने वाले दिनों में और अधिक यात्री मंदिर का दौरा करेंगे. आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, तीर्थयात्रियों को उनकी पूरी यात्रा के दौरान राज्य एजेंसियों और नागरिक विभागों द्वारा सभी आवश्यक चीजें और सुविधाएं उपलब्ध कराकर सहायता की जा रही है.
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस, एसडीआरएफ, सेना, अर्धसैनिक बल, स्वास्थ्य, पीडीडी, पीएचई, यूएलबी, सूचना, श्रम, अग्निशमन और आपातकालीन, शिक्षा और पशुपालन सहित सभी विभागों ने अपने कर्मियों की तैनाती से यात्रा की समग्र आवश्यकताओं और व्यवस्थाओं को पूरा कर लिया है. बयान में कहा गया है कि शिविर निदेशकों की देखरेख में यात्रियों को लंगर, स्वास्थ्य सुविधाएं, पोनीवाला, पित्थूवाला, दांडीवाला सहित सेवा प्रदाताओं द्वारा सहायता, स्वच्छता और कई अन्य सहायता सहित पूरी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. 62 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा 31 अगस्त, 2023 को समाप्त होगी.
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक सुजॉय लाल थाउसेन ने यहां भगवती नगर आधार शिविर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद अमरनाथ यात्रा के लिए मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल आधार शिविर की ओर जा रहे तीर्थयात्रियों के एक जत्थे के साथ यात्रा की. दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए 62 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा एक जुलाई को अनंतनाग जिले के पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग और 14 किलोमीटर छोटे बालटाल मार्ग से शुरू हुई.
एक और अमरनाथ यात्री की मौत, मृतक संख्या तीन हुई : राजस्थान का 38 वर्षीय एक अमरनाथ यात्री बुधवार को मृत पाया गया. इसी के साथ इस साल अमरनाथ यात्रा में मरने वालों की संख्या तीन हो गई है. अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान के पांसल ढीलेरा इलाके का रहने वाला रोशन लाल सुथार मंगलवार से लापता था. उसका शव निचली पवित्र गुफा के पास मिला. अधिकारियों ने बताया कि उसकी मौत का कारण अभी पता नहीं चल सका है.
उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रियों और वहां तैनात सुरक्षा कर्मियों की मौत का सबसे आम कारण अधिक ऊंचाई पर कम ऑक्सीजन सांद्रता के कारण दिल का दौरा पड़ना है. सुथार के निधन से इस वर्ष की यात्रा में अब तक मरने वालों की संख्या तीन हो गई है जिसमें एक सुरक्षा कर्मी भी शामिल है.
(एजेंसियां)