श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा शनिवार को शिया समुदाय के मुहर्रम जुलूस में शामिल हुए. यह जुलूस आंतरिक शहरी इलाकों में पारंपरिक मार्ग से निकाला गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि पिछले 35 वर्षों में यह पहली बार है कि राज्य का कोई प्रमुख यहां मुहर्रम जुलूस में शामिल हुआ है. प्रशासन ने 34 वर्षों में पहली बार गुरुवार को आठवें दिन के मुहर्रम जुलूस को गुरुबाजार से डलगेट तक पारंपरिक मार्ग से गुजरने की अनुमति दी थी.
उन्होंने बताया कि काला कुर्ता पहने सिन्हा कड़े सुरक्षा घेरे में शहर के अंदरूनी इलाके के जदीबल स्थित बोटा कदल में जुलूस में शामिल हुए. पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपराज्यपाल के साथ मौजूद थे. कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) विजय कुमार ने कहा कि आशूरा जुलूस से पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. उल्लेखनीय है कि यह दिन पैगंबर मोहम्मद के पोते हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की इराक के कर्बला युद्ध में शहादत का प्रतीक है.
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Today on Youm-e-Ashoora joined Zuljinah procession at Botakadal, Srinagar's Downtown and paid my tributes to Hazrat Imam Hussain (AS) and his companions. Their sacrifice for righteousness and greater good of humankind serves as a beacon light for the world. pic.twitter.com/9CsXMves9X
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उपराज्यपाल ने ट्विटर पर हजरत इमाम हुसैन को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने ट्वीट किया, "आज यौम-ए-आशूरा पर श्रीनगर के डाउनटाउन बोताकादल में ज़ुल्जनाह जुलूस में शामिल हुआ और हज़रत इमाम हुसैन (एएस) और उनके साथियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की. धार्मिकता और मानव जाति की भलाई के लिए उनका बलिदान दुनिया के लिए एक प्रकाशस्तंभ के रूप में कार्य करता रहेगा." सिन्हा ने लोगों से हजरत इमाम हुसैन के शाश्वत आदर्शों को अपनाने और सभी की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की. उपराज्यपाल ने ज़ुल्जनाह जुलूस में सैकड़ों लोगों के साथ शामिल होने की तस्वीर भी शेयर की. इस अवसर पर एलजी सिन्हा ने ज़ुल्जनाह को 'चादर' भी चढ़ाया और हजरत इमाम हुसैन (एएस) को श्रद्धांजलि अर्पित की.