नई दिल्ली / श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पासपोर्ट हासिल करने की इच्छा रखनेवाले अपने कर्मचारियों के लिए सतर्कता मंजूरी अनिवार्य कर दी है.
सामान्य प्रशासन विभाग ने गुरुवार को जारी एक परिपत्र में सभी प्रशासनिक सचिवों और विभाग के प्रमुखों को इस संबंध में सतर्कता मंज़ूरी मिलने के बाद ही पासपोर्ट के लिए आवेदन करनेवाले कर्मचारियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने को कहा है.
यह परिपत्र पासपोर्ट के लिए आवेदन करनेवाले कर्मचारियों के संबंध में भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा पिछले साल जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप है. दिशानिर्देशों के अनुसार, विदेश मंत्रालय द्वारा पासपोर्ट जारी करने के लिए नए सिरे से सतर्कता मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया गया था.
जम्मू-कश्मीर के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो ने भी प्रशासन से कहा था कि मौजूदा तंत्र में उन कर्मचारियों को भी पासपोर्ट जारी करने का प्रावधान है, जिनके खिलाफ सतर्कता के मामले दर्ज हैं. परिपत्र में कहा गया, 'इसलिए, सभी प्रशासनिक विभागों को केवल सतर्कता मंजूरी के आधार पर ही पासपोर्ट के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश देने की तत्काल जरूरत है.'
एक पूर्व सरकारी कर्मचारी ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि पहले उन्हें पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए सतर्कता मंजूरी लेनी पड़ती थी. उन्होंने कहा, 'अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद विभिन्न प्रक्रियाओं और विभागों के नामकरण को देखते हुए आदेश जारी किया किया गया है. यह आदेश कोई नई बात नहीं है.'
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पिछले महीने प्रशासन ने एक आदेश जारी किया था जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि जिन व्यक्तियों पर पथराव और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए पुलिस थानों में मामले दर्ज हैं, उन्हें पासपोर्ट से वंचित कर दिया जाएगा.