ETV Bharat / bharat

जम्मू-कश्मीर में 43 लाख रूपए की बिरयानी किसने खाई, एसीबी की जांच

जम्मू कश्मीर फुटबॉल एसोसिएशन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. आरोप बिरयानी को लेकर लगा है. इसके अनुसार एसोसिएशन ने 43 लाख की बिरयानी का ऑर्डर किया था. लेकिन जांच दल ने इस बिल को फर्जी पाया.

biryani concept
बिरयानी, कॉन्सेप्ट
author img

By

Published : Aug 3, 2022, 6:45 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर फुटबॉल एसोसिएशन (जेकेएफए) ने 43 लाख रुपये में बिरयानी खरीदी थी, जिसे कभी किसी ने नहीं देखा और ना ही खाया. जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने अपनी जांच में इस बात का खुलासा किया है. जेकेएफए के पदाधिकारियों द्वारा एक वित्तीय घोटाले का खुलासा करते हुए, एसीबी ने पाया है कि उसके रिकॉर्ड के अनुसार, एसोसिएशन ने युवाओं के लिए जलपान के रूप में एक स्थानीय भोजनालय 'मुगल दरबार' से 43 लाख रुपये की बिरयानी खरीदी, लेकिन जांच में बिल फर्जी पाया गया.

एसीबी के एक सूत्र ने कहा, किसी ने उस बिरयानी को कभी नहीं देखा या खाया, जिसके लिए एसोसिएशन ने मुगल दरबार को 43 लाख रुपये देने का दावा किया था. बिल फर्जी निकला. सूत्र ने कहा, जन हार्डवेयर की दुकान बेमिना नाम की स्टेशनरी और हार्डवेयर की एक दुकान से 1,41,300 रुपये की रसीद दिखाई गई. जांचकर्ताओं ने पाया है कि दुकान कभी मौजूद ही नहीं थी.

एसीबी सूत्रों ने बताया कि जेकेएफए के अध्यक्ष जमीर ठाकुर, कोषाध्यक्ष, एसएस बंटी, मुख्य कार्यकारी फैयाज अहमद और एसए हमीद पर जालसाजी और आपराधिक साजिश से संबंधित आपराधिक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

ये भी पढे़ं : राजस्व रिकॉर्ड के सात करोड़ से अधिक पन्नों, 55,216 नक्शों का डिजिटलीकरण किया गया

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर फुटबॉल एसोसिएशन (जेकेएफए) ने 43 लाख रुपये में बिरयानी खरीदी थी, जिसे कभी किसी ने नहीं देखा और ना ही खाया. जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने अपनी जांच में इस बात का खुलासा किया है. जेकेएफए के पदाधिकारियों द्वारा एक वित्तीय घोटाले का खुलासा करते हुए, एसीबी ने पाया है कि उसके रिकॉर्ड के अनुसार, एसोसिएशन ने युवाओं के लिए जलपान के रूप में एक स्थानीय भोजनालय 'मुगल दरबार' से 43 लाख रुपये की बिरयानी खरीदी, लेकिन जांच में बिल फर्जी पाया गया.

एसीबी के एक सूत्र ने कहा, किसी ने उस बिरयानी को कभी नहीं देखा या खाया, जिसके लिए एसोसिएशन ने मुगल दरबार को 43 लाख रुपये देने का दावा किया था. बिल फर्जी निकला. सूत्र ने कहा, जन हार्डवेयर की दुकान बेमिना नाम की स्टेशनरी और हार्डवेयर की एक दुकान से 1,41,300 रुपये की रसीद दिखाई गई. जांचकर्ताओं ने पाया है कि दुकान कभी मौजूद ही नहीं थी.

एसीबी सूत्रों ने बताया कि जेकेएफए के अध्यक्ष जमीर ठाकुर, कोषाध्यक्ष, एसएस बंटी, मुख्य कार्यकारी फैयाज अहमद और एसए हमीद पर जालसाजी और आपराधिक साजिश से संबंधित आपराधिक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

ये भी पढे़ं : राजस्व रिकॉर्ड के सात करोड़ से अधिक पन्नों, 55,216 नक्शों का डिजिटलीकरण किया गया

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.