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जम्मू-कश्मीर : DGP ने किया हमला स्थल का दौरा, दोषियों को सजा दिलाने का लिया संकल्प

पुलिस बस पर आतंकवादी (TERRORISTS ATTACK ON POLICE BUS IN SRINAGAR) हमले के एक दिन बाद पुलिस महानिदेशक (DGP) दिलबाग सिंह ने सभी घायलों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना.

DGP Dilbag Singh (file photo)
दिलबाग सिंह (फाइल फोटो)
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Published : Dec 15, 2021, 12:04 AM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने मंगलवार को आतंकी हमले की उस जगह का दौरा किया, जहां सोमवार को घात लगाकर पुलिसकर्मियों के वाहन पर हमला किया गया था. इस दौरान डीजीपी ने दोषियों को जल्द न्याय दिलाने का संकल्प लिया.

डीजीपी ने सबसे पहले घटना स्थल का दौरा किया, जहां जेवान सशस्त्र पुलिस परिसर के पास आतंकवादियों ने एक पुलिस बस पर घात लगाकर हमला किया था. बाद में उन्होंने सोमवार के आतंकी हमले में घायल हुए पुलिसकर्मियों का हालचाल जानने के लिए सेना के 92 बेस अस्पताल का दौरा किया.

पुलिस बयान के अनुसार, डीजीपी ने पहले घटना स्थल का दौरा किया और बाद में सशस्त्र पुलिस परिसर जेवन में अधिकारियों और जवानों से बातचीत की. इस अवसर पर एडीजीपी (सशस्त्र) एस जे एम गिलानी, आईजीपी कश्मीर, विजय कुमार, डीआईजी सेंट्रल कश्मीर रेंज, सुजीत कुमार, आईआर/एआरपी के कमांडेंट और एसएसपी श्रीनगर इस अवसर पर उपस्थित थे.

अधिकारियों और जवानों से बातचीत के दौरान डीजीपी ने सोमवार को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी. शहीद वीरों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया.

डीजीपी ने आतंकवादी हमले की जवाबी कार्रवाई करने के लिए जवानों की सराहना करते हुए कहा कि तत्काल प्रतिक्रिया से काफी बचाव संभव हो पाया, क्योंकि इससे भी बड़ा नुकसान हो सकता था. उन्होंने घटना के दौरान चालक को उसकी समझदारी और त्वरित कार्रवाई के लिए बधाई भी दी.

उन्होंने वादा किया कि अपराधियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा. उन्होंने बल कर्मियों को व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए ड्यूटी के दौरान सुरक्षात्मक गियर का उपयोग करने और शिविरों से तैनाती स्थानों तक यात्रा के दौरान और साथ ही ड्यूटी पर सभी सुरक्षा इंतजाम का निर्देश दिया.

उन्होंने कहा, 'हमने अतीत में चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है और जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के समर्पित और प्रतिबद्ध प्रयासों से, स्थिति में काफी सुधार भी हो रहा है. शांति को नुकसान पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं और इस तरह के हर प्रयास को विफल कर दिया जाएगा.'

उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी बातचीत की और कर्मियों की तैनाती, उनकी यात्रा के साथ-साथ अन्य विभिन्न स्थितियों में अपनाए जाने वाले उपायों की एक श्रृंखला का आदेश दिया.

घायलों से मुलाकात कर जाना हाल-चाल

डीजीपी पुलिस बस को देखने भी गए, जिस पर हमला किया गया था. डीजीपी ने 15 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डी. पी. पांडेय व अन्य अधिकारियों के साथ सभी घायलों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना. डीजीपी ने घायल अधिकारियों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.

उन्होंने घायल पुलिसकर्मियों के माता-पिता और रिश्तेदारों से भी मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया. अस्पताल के अधिकारियों ने उन्हें घायल अधिकारियों को दिए जा रहे उपचार के बारे में जानकारी दी.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर सशस्त्र पुलिस बस पर आतंकी गोलीबारी, 3 पुलिसकर्मी शहीद, 11 घायल

(एजेंसी इनपुट के साथ)

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने मंगलवार को आतंकी हमले की उस जगह का दौरा किया, जहां सोमवार को घात लगाकर पुलिसकर्मियों के वाहन पर हमला किया गया था. इस दौरान डीजीपी ने दोषियों को जल्द न्याय दिलाने का संकल्प लिया.

डीजीपी ने सबसे पहले घटना स्थल का दौरा किया, जहां जेवान सशस्त्र पुलिस परिसर के पास आतंकवादियों ने एक पुलिस बस पर घात लगाकर हमला किया था. बाद में उन्होंने सोमवार के आतंकी हमले में घायल हुए पुलिसकर्मियों का हालचाल जानने के लिए सेना के 92 बेस अस्पताल का दौरा किया.

पुलिस बयान के अनुसार, डीजीपी ने पहले घटना स्थल का दौरा किया और बाद में सशस्त्र पुलिस परिसर जेवन में अधिकारियों और जवानों से बातचीत की. इस अवसर पर एडीजीपी (सशस्त्र) एस जे एम गिलानी, आईजीपी कश्मीर, विजय कुमार, डीआईजी सेंट्रल कश्मीर रेंज, सुजीत कुमार, आईआर/एआरपी के कमांडेंट और एसएसपी श्रीनगर इस अवसर पर उपस्थित थे.

अधिकारियों और जवानों से बातचीत के दौरान डीजीपी ने सोमवार को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी. शहीद वीरों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया.

डीजीपी ने आतंकवादी हमले की जवाबी कार्रवाई करने के लिए जवानों की सराहना करते हुए कहा कि तत्काल प्रतिक्रिया से काफी बचाव संभव हो पाया, क्योंकि इससे भी बड़ा नुकसान हो सकता था. उन्होंने घटना के दौरान चालक को उसकी समझदारी और त्वरित कार्रवाई के लिए बधाई भी दी.

उन्होंने वादा किया कि अपराधियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा. उन्होंने बल कर्मियों को व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए ड्यूटी के दौरान सुरक्षात्मक गियर का उपयोग करने और शिविरों से तैनाती स्थानों तक यात्रा के दौरान और साथ ही ड्यूटी पर सभी सुरक्षा इंतजाम का निर्देश दिया.

उन्होंने कहा, 'हमने अतीत में चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है और जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के समर्पित और प्रतिबद्ध प्रयासों से, स्थिति में काफी सुधार भी हो रहा है. शांति को नुकसान पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं और इस तरह के हर प्रयास को विफल कर दिया जाएगा.'

उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी बातचीत की और कर्मियों की तैनाती, उनकी यात्रा के साथ-साथ अन्य विभिन्न स्थितियों में अपनाए जाने वाले उपायों की एक श्रृंखला का आदेश दिया.

घायलों से मुलाकात कर जाना हाल-चाल

डीजीपी पुलिस बस को देखने भी गए, जिस पर हमला किया गया था. डीजीपी ने 15 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डी. पी. पांडेय व अन्य अधिकारियों के साथ सभी घायलों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना. डीजीपी ने घायल अधिकारियों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.

उन्होंने घायल पुलिसकर्मियों के माता-पिता और रिश्तेदारों से भी मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया. अस्पताल के अधिकारियों ने उन्हें घायल अधिकारियों को दिए जा रहे उपचार के बारे में जानकारी दी.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर सशस्त्र पुलिस बस पर आतंकी गोलीबारी, 3 पुलिसकर्मी शहीद, 11 घायल

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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