ETV Bharat / bharat

जम्मू-कश्मीर के बनिहाल में मृत घोषित नवजात बच्ची कब्र में जिंदा मिली

author img

By

Published : May 23, 2022, 10:17 PM IST

Updated : May 23, 2022, 10:55 PM IST

जम्मू कश्मीर के बनिहाल से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसके बारे में जानकर आपके आंखों में आंसू आ जाएंगे. यहां के एक अस्पताल में एक नवजात को मृत घोषित कर दिया गया. मां-बाप ने उसे दफना भी दिया. लेकिन कुछ देर बाद स्थानीय लोगों ने उसके दफनाने की जगह को लेकर विरोध किया. मजबूर होकर पिता को कब्र से उसका शव निकालना पड़ा. अचरज देखिए, वह बच्ची जिंदा निकली. लेकिन दोबारा अस्पताल में भर्ती कराने के बाद ....पढ़ें पूरी खबर.

concept photo
कॉन्सेप्ट फोटो

बनिहाल (जम्मू-कश्मीर) : जम्मू-कश्मीर के बनिहाल में जन्म के कुछ देर बाद ही अस्पताल के डॉक्टरों ने जिस बच्ची को मृत घोषित कर दिया था, वह दफनाने के करीब एक घंटे बाद कब्र से जिंदा निकली. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने बच्ची को उनके कब्रिस्तान में दफनाने का विरोध किया था और उसे उसके खानदानी कब्रिस्तान में दफनाने पर जोर दे रहे थे.

अधिकारियों ने बताया कि चमत्कारिक तरीके से बच्ची के जिंदा मिलने के बाद उसके रिश्तेदारों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने बताया कि इसपर संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने प्रसव कक्ष में कार्यरत दो कर्मियों को निलंबित कर दिया है और जांच के आदेश दिए हैं.

विरोध प्रदर्शन करते परिजन, (बनिहाल में)

स्थानीय सरपंच मंजूर अल्यास वानी ने बताया कि बच्ची बशारत अहमद गुज्जर और शमीना बेगम की है. उन्होंने बताया कि उप जिला अस्पताल में सोमवार को बच्ची का जन्म सामान्य प्रसव से हुआ. उन्होंने बताया कि दंपति रामबन जिले के बनिहाल से तीन किलोमीटर दूर बनीकूट गांव का रहने वाला है.

वानी ने आरोप लगाया कि बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया और अस्पताल में उसे दो घंटे तक किसी चिकित्सक ने नहीं देखा जिसके बाद परिवार ने उसे होल्लान गांव में दफनाने का फैसला किया. उन्होंने बताया कि दंपति जब अस्पताल लौटा तो कुछ स्थानीय लोगों ने कब्रिस्तान में बच्ची को दफनाने का विरोध किया. इसकी वजह से परिवार को करीब एक घंटे बाद बच्ची को कब्र से निकालना पड़ा.

वानी ने कहा कि जब बच्ची को कब्र से निकाला गया तो वह जिंदा मिली, जिसके बाद परिवार उसे अस्पताल ले गया. उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआती इलाज के बाद बच्ची को विशेषज्ञ डॉक्टरों से इलाज कराने के लिए श्रीनगर रेफर कर दिया गया.’’ गुज्जर नेता चौधरी मंसूर जो स्वयं पंच हैं, उन्होंने अस्पताल कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया.

इस घटना के बाद परिवार और अन्य लोगों ने अस्पताल परिसर में ‘‘डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मियों के गैर पेशेवर रवैये के खिलाफ’’प्रदर्शन किया. बनिहाल ब्लॉक की चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) डॉ.राबिया खान ने बताया कि मामले के जांच के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमने पहले ही स्त्रीरोग विभाग में कार्यरत कनिष्ठ स्टाफ नर्स और स्वीपर को तत्काल प्रभाव से जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया है.’’ डॉ.खान ने कहा कि जांच के बाद विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी.

बनिहाल (जम्मू-कश्मीर) : जम्मू-कश्मीर के बनिहाल में जन्म के कुछ देर बाद ही अस्पताल के डॉक्टरों ने जिस बच्ची को मृत घोषित कर दिया था, वह दफनाने के करीब एक घंटे बाद कब्र से जिंदा निकली. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने बच्ची को उनके कब्रिस्तान में दफनाने का विरोध किया था और उसे उसके खानदानी कब्रिस्तान में दफनाने पर जोर दे रहे थे.

अधिकारियों ने बताया कि चमत्कारिक तरीके से बच्ची के जिंदा मिलने के बाद उसके रिश्तेदारों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने बताया कि इसपर संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने प्रसव कक्ष में कार्यरत दो कर्मियों को निलंबित कर दिया है और जांच के आदेश दिए हैं.

विरोध प्रदर्शन करते परिजन, (बनिहाल में)

स्थानीय सरपंच मंजूर अल्यास वानी ने बताया कि बच्ची बशारत अहमद गुज्जर और शमीना बेगम की है. उन्होंने बताया कि उप जिला अस्पताल में सोमवार को बच्ची का जन्म सामान्य प्रसव से हुआ. उन्होंने बताया कि दंपति रामबन जिले के बनिहाल से तीन किलोमीटर दूर बनीकूट गांव का रहने वाला है.

वानी ने आरोप लगाया कि बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया और अस्पताल में उसे दो घंटे तक किसी चिकित्सक ने नहीं देखा जिसके बाद परिवार ने उसे होल्लान गांव में दफनाने का फैसला किया. उन्होंने बताया कि दंपति जब अस्पताल लौटा तो कुछ स्थानीय लोगों ने कब्रिस्तान में बच्ची को दफनाने का विरोध किया. इसकी वजह से परिवार को करीब एक घंटे बाद बच्ची को कब्र से निकालना पड़ा.

वानी ने कहा कि जब बच्ची को कब्र से निकाला गया तो वह जिंदा मिली, जिसके बाद परिवार उसे अस्पताल ले गया. उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआती इलाज के बाद बच्ची को विशेषज्ञ डॉक्टरों से इलाज कराने के लिए श्रीनगर रेफर कर दिया गया.’’ गुज्जर नेता चौधरी मंसूर जो स्वयं पंच हैं, उन्होंने अस्पताल कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया.

इस घटना के बाद परिवार और अन्य लोगों ने अस्पताल परिसर में ‘‘डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मियों के गैर पेशेवर रवैये के खिलाफ’’प्रदर्शन किया. बनिहाल ब्लॉक की चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) डॉ.राबिया खान ने बताया कि मामले के जांच के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमने पहले ही स्त्रीरोग विभाग में कार्यरत कनिष्ठ स्टाफ नर्स और स्वीपर को तत्काल प्रभाव से जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया है.’’ डॉ.खान ने कहा कि जांच के बाद विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी.

Last Updated : May 23, 2022, 10:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.