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HC ने कुलगाम के युवक की हिरासत रद्द की, रिहाई का दिया आदेश - hc quashed psa of kulgam youth

जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने कुलगाम जिले के एक युवक की हिरासत के आदेश को रद्द करने के साथ ही उसकी रिहाई का आदेश दिया. युवक पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था. HC quashes detention of Kulgam youth, Kulgam youth in gurgaon jail hc orders release, jk hc quashes psa, hc quashed psa of kulgam youth,High Court of Jammu Kashmir and Ladakh

High Court of Jammu Kashmir and Ladakh
जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 8, 2023, 8:31 PM IST

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने बुधवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के एक युवक की हिरासत के आदेश को रद्द कर दिया. मजदूर के रूप में काम करने वाले युवक पर पिछले साल सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस संबंध में ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता बशीर अहमद टाक ने कहा कि मेरा मुवक्किल मुहम्मद इलियास डार एक छात्र है और 2022 में अपनी गिरफ्तारी से पहले अंशकालिक मजदूर के रूप में भी काम कर रहा था. वह सिर्फ 22 साल का है और रहपुरा के खदोनी गांव का निवासी है.

उन्होंने आगे कहा कि आज, न्यायमूर्ति विनोद चटर्जी कौल की अदालत ने पीएसए के तहत उनकी हिरासत को रद्द कर दिया. उन्हें मई 2022 में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और बाद में पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया और जेल भेज दिया गया था. मामले के बारे में जानकारी देते हुए डार के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल को 2021 में कुलगाम पुलिस द्वारा उसके खिलाफ दर्ज एक पुराने मामले में गिरफ्तार किया गया था.

दिलचस्प बात यह है कि गिरफ्तारी के बाद भी उन्हें डोजियर या कोई अन्य दस्तावेज मुहैया नहीं कराया गया. वकील ने कहा कि सुनवाई के दौरान हम अदालत के सामने तथ्य पेश करने और जस्टिस कोल को समझाने में भी सफल रहे कि 2022 में गिरफ्तारी के बाद से वह हरियाणा के गुड़गांव में सलाखों के पीछे है. उन्होंने कहा कि हमारी दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उनकी (डार की) तत्काल रिहाई का आदेश दिया.

ये भी पढ़ें - SC का तमिलनाडु के मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति पर आदेश को रद्द करने से इनकार, मौजूदा स्थिति रहेगी बरकरार

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने बुधवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के एक युवक की हिरासत के आदेश को रद्द कर दिया. मजदूर के रूप में काम करने वाले युवक पर पिछले साल सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस संबंध में ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता बशीर अहमद टाक ने कहा कि मेरा मुवक्किल मुहम्मद इलियास डार एक छात्र है और 2022 में अपनी गिरफ्तारी से पहले अंशकालिक मजदूर के रूप में भी काम कर रहा था. वह सिर्फ 22 साल का है और रहपुरा के खदोनी गांव का निवासी है.

उन्होंने आगे कहा कि आज, न्यायमूर्ति विनोद चटर्जी कौल की अदालत ने पीएसए के तहत उनकी हिरासत को रद्द कर दिया. उन्हें मई 2022 में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और बाद में पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया और जेल भेज दिया गया था. मामले के बारे में जानकारी देते हुए डार के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल को 2021 में कुलगाम पुलिस द्वारा उसके खिलाफ दर्ज एक पुराने मामले में गिरफ्तार किया गया था.

दिलचस्प बात यह है कि गिरफ्तारी के बाद भी उन्हें डोजियर या कोई अन्य दस्तावेज मुहैया नहीं कराया गया. वकील ने कहा कि सुनवाई के दौरान हम अदालत के सामने तथ्य पेश करने और जस्टिस कोल को समझाने में भी सफल रहे कि 2022 में गिरफ्तारी के बाद से वह हरियाणा के गुड़गांव में सलाखों के पीछे है. उन्होंने कहा कि हमारी दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उनकी (डार की) तत्काल रिहाई का आदेश दिया.

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