श्रीनगर : जम्मू हवाई अड्डा परिसर में स्थित वायुसेना स्टेशन पर विस्फोटकों से लदे दो ड्रोनों के गिरने के बाद हुए धमाके के बाद रविवार को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए संकेत दिया कि यह मामला आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच करने वाली एजेंसी एनआईए द्वारा अपने हाथों में लिये जाने की संभावना है.
अधिकारियों ने बताया कि बीती रात को जम्मू हवाई अड्डा परिसर में स्थित वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन गिरे है. उन्होंने बताया कि ऐसा शायद पहली बार हुआ है कि पाकिस्तान के संदिग्ध आतंकवादियों ने हमले में मानवरहित यान का इस्तेमाल किया है.
अधिकारियों ने कहा, 'एनआईए द्वारा इस मामले को अपने हाथ में लिए जाने की संभावना है. जांच से जुड़ने के बाद वह (NIA) विस्फोट स्थल पर जांच की पहले से निगरानी कर रही है.'
अधिकारी ने बताया कि वायुसेना के कनिष्ठ वारंट अधिकारी के आवेदन पर सतवारी थाने में विस्फोटक सामग्री अधिनियम, गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और भादंसं की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
अधिकारियों के अनुसार रात एक बजकर 40 मिनट पर छह मिनट के अंतराल पर हुए दो धमाकों में वायुसेना के दो कर्मी घायल हो गए. शहर के सतवारी क्षेत्र में पहले विस्फोट से हवाई अड्डे के तकनीकी क्षेत्र में एक इमारत की छत ढह गई. इस स्थान की देखरेख की जिम्मेदारी वायुसेना की है और दूसरा विस्फोट छह मिनट बाद जमीन पर हुआ.
इससे पहले जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह (Dilbag Singh) ने इस घटना को आतंकवादी हमला करार दिया. उन्होंने कहा, जम्मू हवाई क्षेत्र में हुए दोनों धमाकों में पेलोड के साथ ड्रोन का इस्तेमाल कर गिराई गई 5-6 किलोग्राम वजन विस्फोटक सामाग्री (explosive material) और आईईडी बरामद किया. यह IED लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेटिव द्वारा प्राप्त किया गया था और इसे किसी भीड़-भाड़ वाली जगह पर लगाया जाना था.
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दिलबाग सिंह आगे कहा कि इस रिकवरी से बड़ा आतंकी हमला टल गया है. पूछताछ के दौरान संदिग्ध को उठा हिरसात में लिया गया है. इस मामले में और भी संदिग्धों के पकड़े जाने की संभावना है. पुलिस अन्य एजेंसियों के साथ जम्मू हवाई क्षेत्र (Jammu airfield blasts) में हुए विस्फोटों पर भी काम कर रही है. फिलहाल मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आगे की जांच जारी है.