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जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर, मध्य भारत 2020 में उग्रवादी, आतंकी गतिविधियों से प्रभावित: अमेरिकी रिपोर्ट - terror activities in 2020

अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा आतंकवाद पर जारी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय उपमहाद्वीप में कई आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं. रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर के अलावा पूर्वोत्तर भारत और मध्य भारत इनसे प्रभावित इलाके हैं.

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आतंकवाद (फाइल फोटो)
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Published : Dec 17, 2021, 10:33 PM IST

वाशिंगटन : लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, आईएसआईएस और अलकायदा जैसे आतंकवादी संगठन भारतीय उपमहाद्वीप में सक्रिय हैं. साथ ही, जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर भारत और मध्य भारत उग्रवादी-आतंकी गतिविधियों से प्रभावित क्षेत्र हैं. अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा आतंकवाद पर जारी नवीनतम रिपोर्ट में यह कहा गया है.

बृहस्पतिवार को जारी '2020 कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने अपनी सीमाओं के भीतर प्रमुख आतंकवादी संगठनों की मौजूदगी का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए महत्वपूर्ण कोशिश की लेकिन खतरा बना हुआ है.

हर साल प्रकाशित की जाने वाली रिपोर्ट में कहा गया है '2020 में, आतंकवाद ने भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर भारत और मध्य भारत में माओवाद प्रभावित क्षेत्रों को प्रभावित किया. भारतीय उपमहाद्वीप में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, आईएसआईएस और अल कायदा सहित प्रमुख आतंकवादी समूह भारत में सक्रिय हैं.'

ये भी पढ़ें - इस्लामिक स्टेट में अबतक 66 भारतीय मूल के ज्ञात लड़ाके : अमेरिकी रिपोर्ट

रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर में अल कायदा से जुड़े संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद के कई प्रमुख सदस्यों पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई का उदाहरण दिया गया है. सितंबर 2020 में, अमेरिका और भारत ने आतंकवाद विरोधी संयुक्त कार्य समूह की 17वीं बैठक और तीसरी 'यूएस-इंडिया डेजिग्नेशन डॉयलॉग' बैठक आयोजित की. रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर में, भारत ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ एक और क्वाड आतंक रोधी अभ्यास आयोजित करने का प्रस्ताव रखा था.

उग्रवादी समूह पूर्वोत्तर में सक्रिय हैं लेकिन आतंकवादी हिंसा के स्तर में कमी आई है. रिपोर्ट में देश में खालिस्तान समूहों की घटती उपस्थिति की का भी जिक्र किया गया है. इसमें कहा गया है, 'सिख अलगाववादी (खालिस्तान) आंदोलन में शामिल कई संगठन भारत की सीमाओं के भीतर हाल की महत्वपूर्ण गतिविधियों में शामिल नहीं रहे हैं.'

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां आतंकी खतरों को रोकने में प्रभावी हैं लेकिन अंतर-एजेंसी खुफिया और सूचना साझा करने में अंतर बना हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, 'भारतीय सुरक्षा बल गश्त करने और व्यापक समुद्री और भूमि सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए सीमित क्षमता का प्रदर्शन करते हैं.'

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, आईएसआईएस और अलकायदा जैसे आतंकवादी संगठन भारतीय उपमहाद्वीप में सक्रिय हैं. साथ ही, जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर भारत और मध्य भारत उग्रवादी-आतंकी गतिविधियों से प्रभावित क्षेत्र हैं. अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा आतंकवाद पर जारी नवीनतम रिपोर्ट में यह कहा गया है.

बृहस्पतिवार को जारी '2020 कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने अपनी सीमाओं के भीतर प्रमुख आतंकवादी संगठनों की मौजूदगी का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए महत्वपूर्ण कोशिश की लेकिन खतरा बना हुआ है.

हर साल प्रकाशित की जाने वाली रिपोर्ट में कहा गया है '2020 में, आतंकवाद ने भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर भारत और मध्य भारत में माओवाद प्रभावित क्षेत्रों को प्रभावित किया. भारतीय उपमहाद्वीप में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, आईएसआईएस और अल कायदा सहित प्रमुख आतंकवादी समूह भारत में सक्रिय हैं.'

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रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर में अल कायदा से जुड़े संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद के कई प्रमुख सदस्यों पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई का उदाहरण दिया गया है. सितंबर 2020 में, अमेरिका और भारत ने आतंकवाद विरोधी संयुक्त कार्य समूह की 17वीं बैठक और तीसरी 'यूएस-इंडिया डेजिग्नेशन डॉयलॉग' बैठक आयोजित की. रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर में, भारत ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ एक और क्वाड आतंक रोधी अभ्यास आयोजित करने का प्रस्ताव रखा था.

उग्रवादी समूह पूर्वोत्तर में सक्रिय हैं लेकिन आतंकवादी हिंसा के स्तर में कमी आई है. रिपोर्ट में देश में खालिस्तान समूहों की घटती उपस्थिति की का भी जिक्र किया गया है. इसमें कहा गया है, 'सिख अलगाववादी (खालिस्तान) आंदोलन में शामिल कई संगठन भारत की सीमाओं के भीतर हाल की महत्वपूर्ण गतिविधियों में शामिल नहीं रहे हैं.'

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां आतंकी खतरों को रोकने में प्रभावी हैं लेकिन अंतर-एजेंसी खुफिया और सूचना साझा करने में अंतर बना हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, 'भारतीय सुरक्षा बल गश्त करने और व्यापक समुद्री और भूमि सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए सीमित क्षमता का प्रदर्शन करते हैं.'

(पीटीआई-भाषा)

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