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5 जुलाई से जम्मू-कश्मीर की अदालतों में शुरू होगी फिजिकल सुनवाई

हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने इस संदर्भ में आदेश जारी किया है. आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि इस दौरान याचिकाकर्ताओं और आम लोगों के कोर्ट परिसर में दाखिल होने पर प्रतिबंध जारी रहेगा और उन्हें हर कोर्ट परिसर के मुख्य द्वार से आगे जाने की अनुमति नहीं होगी.

जम्मू-कश्मीर
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Published : Jul 1, 2021, 8:41 AM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में सोमवार से अब मामलों की सुनवाई प्रत्यक्ष रूप से की जायेगी और अदालत परिसर में केवल उन्हीं अधिवक्ताओं एवं कर्मचारियों को प्रवेश की अनुमति होगी, जिन्होंने कोविड-19 रोधी टीका (anti covid 19 vaccine) लगवाया है. बुधवार को जारी एक आधिकारिक आदेश में इसकी जानकारी दी गयी है.

रजिस्ट्रार जनरल जवाद अहमद (Registrar General Jawad Ahmed) की ओर से जारी इस आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण (corona virus infection) की बदल रही स्थिति के आलोक में अधिवक्ताओं को पांच जुलाई से अदालत परिसर में प्रवेश की अनुमति (Permission to enter court premises from July 5) होगी. इसमें कहा गया है कि हालांकि, उच्च न्यायालय के केवल उन्हीं अधिवक्ताओं एवं कर्मचारियों को प्रवेश की अनुमति होगी, जिन्होंने टीकाकरण करवा लिया है.

आदेश के अनुसार, अधिवक्ताओं अदालत भवन में तभी आने के लिये कहा गया है जब उनके संबंधित मामले सुनवाई के लिये सूचीबद्ध हो.

पढ़ें- इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम काेर्ट में चुनौती, एनसीबी की हुई खिंचाई

इसमें कहा गया है कि अधिवक्ताओं को अदालत कक्षों में तभी प्रवेश की अनुमति होगी, जब उनके मामले सुनवाई के लिये लाये जायेंगे. इसमें यह भी कहा गया है कि इस दौरान दोनों पक्षों से केवल दो-दो अधिवक्ताओं को अदालत कक्ष में प्रवेश की अनुमति होगी.

आदेश में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं, एजेंटों अथवा अधिवक्ताओं के लिपिकों के प्रवेश पर रोक जारी रहेगी.

इसमें कहा गया है कि यदि किसी वादी को उचित आधार पर व्यक्तिगत रूप से मामले में बहस करने के लिए मजबूर किया जाता है, तो उसे ऐसा करने की अनुमति दी जाएगी.

आदेश में यह भी कहा गया है कि आरोपियों एवं गवाहों को कोविड के उचित प्रोटोकॉल के पालन करने के साथ ही अदालत समक्ष उपस्थित होने की अनुमति होगी.

इसमें कहा गया है कि अदालत एक अधिवक्ता को मामले में ऑनलाइन सुनवाई की अनुमति दे सकती है, अगर वह व्यक्तिगत रूप से पेश होने की स्थिति में नहीं हो और दूसरे पक्ष को (ऑनलाइन सुनवाई पर) आपत्ति नहीं हो.

(भाषा)

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में सोमवार से अब मामलों की सुनवाई प्रत्यक्ष रूप से की जायेगी और अदालत परिसर में केवल उन्हीं अधिवक्ताओं एवं कर्मचारियों को प्रवेश की अनुमति होगी, जिन्होंने कोविड-19 रोधी टीका (anti covid 19 vaccine) लगवाया है. बुधवार को जारी एक आधिकारिक आदेश में इसकी जानकारी दी गयी है.

रजिस्ट्रार जनरल जवाद अहमद (Registrar General Jawad Ahmed) की ओर से जारी इस आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण (corona virus infection) की बदल रही स्थिति के आलोक में अधिवक्ताओं को पांच जुलाई से अदालत परिसर में प्रवेश की अनुमति (Permission to enter court premises from July 5) होगी. इसमें कहा गया है कि हालांकि, उच्च न्यायालय के केवल उन्हीं अधिवक्ताओं एवं कर्मचारियों को प्रवेश की अनुमति होगी, जिन्होंने टीकाकरण करवा लिया है.

आदेश के अनुसार, अधिवक्ताओं अदालत भवन में तभी आने के लिये कहा गया है जब उनके संबंधित मामले सुनवाई के लिये सूचीबद्ध हो.

पढ़ें- इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम काेर्ट में चुनौती, एनसीबी की हुई खिंचाई

इसमें कहा गया है कि अधिवक्ताओं को अदालत कक्षों में तभी प्रवेश की अनुमति होगी, जब उनके मामले सुनवाई के लिये लाये जायेंगे. इसमें यह भी कहा गया है कि इस दौरान दोनों पक्षों से केवल दो-दो अधिवक्ताओं को अदालत कक्ष में प्रवेश की अनुमति होगी.

आदेश में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं, एजेंटों अथवा अधिवक्ताओं के लिपिकों के प्रवेश पर रोक जारी रहेगी.

इसमें कहा गया है कि यदि किसी वादी को उचित आधार पर व्यक्तिगत रूप से मामले में बहस करने के लिए मजबूर किया जाता है, तो उसे ऐसा करने की अनुमति दी जाएगी.

आदेश में यह भी कहा गया है कि आरोपियों एवं गवाहों को कोविड के उचित प्रोटोकॉल के पालन करने के साथ ही अदालत समक्ष उपस्थित होने की अनुमति होगी.

इसमें कहा गया है कि अदालत एक अधिवक्ता को मामले में ऑनलाइन सुनवाई की अनुमति दे सकती है, अगर वह व्यक्तिगत रूप से पेश होने की स्थिति में नहीं हो और दूसरे पक्ष को (ऑनलाइन सुनवाई पर) आपत्ति नहीं हो.

(भाषा)

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