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कोरोना इफेक्टः जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट का कैदियों को रिहा करने का फैसला - जस्टिस अली मोहम्मद मागरे

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने कोरोना के कहर के मद्देनजर केंद्र शासित प्रदेश के जेलों में बंद कैदियों को रिहा करने का फैसला किया. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस अली मोहम्मद मागरे की उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने ये फैसला उच्चतम न्यायालय के निर्देश की पृष्ठभूमि में किया है.

जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट
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Published : May 18, 2021, 9:39 AM IST

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश की पृष्ठभूमि में केंद्र शासित प्रदेश के जेलों में बंद कैदियों को कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर 90 दिनों की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का फैसला किया.

आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस अली मोहम्मद मागरे की उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने मार्च 2020 में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के आलोक में सभी कैदियों को रिहा करने का फैसला किया.

पढ़ेंः देश में धीमी हुई कोरोना की रफ्तार, नए केस 3 लाख से कम

मागरे ने जम्मू-कश्मीर विधिक सेवा प्राधिकरण को समिति के दो अन्य सदस्यों से यह जानने के लिए समन्वय करने को कहा कि दोषियों और विचाराधीन कैदियों की श्रेणी क्या है जिन्हें रिहा किया जा सकता है.

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश की पृष्ठभूमि में केंद्र शासित प्रदेश के जेलों में बंद कैदियों को कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर 90 दिनों की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का फैसला किया.

आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस अली मोहम्मद मागरे की उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने मार्च 2020 में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के आलोक में सभी कैदियों को रिहा करने का फैसला किया.

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मागरे ने जम्मू-कश्मीर विधिक सेवा प्राधिकरण को समिति के दो अन्य सदस्यों से यह जानने के लिए समन्वय करने को कहा कि दोषियों और विचाराधीन कैदियों की श्रेणी क्या है जिन्हें रिहा किया जा सकता है.

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