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Jammu and Kashmir : जम्मू-कश्मीर सरकार ने 'राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों' के लिए 3 कर्मचारियों को किया बर्खास्त

जम्मू कश्मीर सरकार ने देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की वजह से तीन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया. इन कर्मचारियों पर खुफिया एजेंसियों के द्वारा प्रतिकूल टिप्पणी की गई थी.

Government of Jammu and Kashmir
जम्मू कश्मीर सरकार
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Published : Feb 26, 2023, 6:14 PM IST

जम्मू : जम्मू-कश्मीर सरकार ने रविवार को संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत तीन कर्मचारियों को 'राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों' में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त कर दिया. अनुच्छेद 311 में संघ या राज्य के तहत नागरिक क्षमताओं में नियोजित व्यक्ति की बर्खास्तगी का प्रावधान है. आधिकारिक बयान में कहा गया है, इन कर्मचारियों की गतिविधियां कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों के प्रतिकूल नोटिस में आ गई थीं.

अधिकारियों ने कर्मचारियों को विरोधी गतिविधियों में शामिल पाया, जैसे कि आतंक से संबंधित गतिविधियों और मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होना आदि. जिन तीन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें लोक निर्माण विभाग के जूनियर इंजीनियर मंजूर अहमद इटू, समाज कल्याण विभाग के सैयद सलीम अंद्राबी और शासकीय मध्य विद्यालय के मोहम्मद औरिफ शेख शामिल हैं. आधिकारिक बयान में कहा, मंजूर अहमद इटू ने आतंकवादियों के समर्थन में लोगों को लामबंद करने और युवाओं को आतंकवादी रैंकों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने भारतीय राज्य की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया था.

सैयद सलीम अंद्राबी मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल पाया गया. इसके अलावा, मोहम्मद औरिफ शेख को पाकिस्तान से सक्रिय आतंकवादियों के निर्देश पर आईईडी लगाने में शामिल पाया गया, जिससे मानव जीवन और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है. इसमें कहा गया है कि सरकार ने देश विरोधी तत्वों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, जो सरकार में होने का फायदा उठा रहे हैं. इन तीन बर्खास्तगी से पहले भी, 44 सरकारी अधिकारियों को अनुच्छेद 311 के प्रावधानों का हवाला देते हुए बर्खास्त कर दिया गया था.

जम्मू : जम्मू-कश्मीर सरकार ने रविवार को संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत तीन कर्मचारियों को 'राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों' में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त कर दिया. अनुच्छेद 311 में संघ या राज्य के तहत नागरिक क्षमताओं में नियोजित व्यक्ति की बर्खास्तगी का प्रावधान है. आधिकारिक बयान में कहा गया है, इन कर्मचारियों की गतिविधियां कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों के प्रतिकूल नोटिस में आ गई थीं.

अधिकारियों ने कर्मचारियों को विरोधी गतिविधियों में शामिल पाया, जैसे कि आतंक से संबंधित गतिविधियों और मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होना आदि. जिन तीन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें लोक निर्माण विभाग के जूनियर इंजीनियर मंजूर अहमद इटू, समाज कल्याण विभाग के सैयद सलीम अंद्राबी और शासकीय मध्य विद्यालय के मोहम्मद औरिफ शेख शामिल हैं. आधिकारिक बयान में कहा, मंजूर अहमद इटू ने आतंकवादियों के समर्थन में लोगों को लामबंद करने और युवाओं को आतंकवादी रैंकों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने भारतीय राज्य की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया था.

सैयद सलीम अंद्राबी मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल पाया गया. इसके अलावा, मोहम्मद औरिफ शेख को पाकिस्तान से सक्रिय आतंकवादियों के निर्देश पर आईईडी लगाने में शामिल पाया गया, जिससे मानव जीवन और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है. इसमें कहा गया है कि सरकार ने देश विरोधी तत्वों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, जो सरकार में होने का फायदा उठा रहे हैं. इन तीन बर्खास्तगी से पहले भी, 44 सरकारी अधिकारियों को अनुच्छेद 311 के प्रावधानों का हवाला देते हुए बर्खास्त कर दिया गया था.

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(आईएएनएस)

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