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India Maldives FM Meet: मालदीव के विदेश मंत्री बोले- हिंद महासागर क्षेत्र में तनाव पैदा न करें विदेशी शक्तियां

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Published : Jul 11, 2023, 6:43 PM IST

Updated : Jul 11, 2023, 7:42 PM IST

मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद दो दिवसीय भारत यात्रा पर हैं. मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उनकी मुलाकात हुई. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट.

Jaishankar with Maldivian Foreign Minister
मालदीव के विदेश मंत्री के साथ जयशंकर

नई दिल्ली : मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला साहिद ने ईटीवी भारत से बातचीत में मंगलवार को कहा, 'मालदीव ने हिंद महासागर में शांति और स्थिरता और समृद्धि बनाए रखने के लिए सभी कदम उठाए हैं. हम हिंद महासागर में कोई संघर्ष नहीं चाहते हैं और यह किसी का मुकाबला करने के बारे में नहीं है बल्कि यह परामर्श करने के बारे में है कि हिंद महासागर में शांति और स्थिरता है. विदेशी शक्तियां यहां तनाव न पैदा करें.'

उनकी टिप्पणी हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के विस्तार का मुकाबला करने पर एक सवाल के जवाब में आई जो भारत के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है. मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद 11-12 जुलाई तक दिल्ली की आधिकारिक यात्रा पर हैं.

सप्रू हाउस व्याख्यान में मौजूद  मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला साहिद
सप्रू हाउस व्याख्यान में मौजूद मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला साहिद

मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने 43वें सप्रू हाउस व्याख्यान में 'पावर ऑफ मालदीव' का जिक्र करते हुए कहा कि 'वर्तमान मालदीव सरकार मालदीव में भारत-चीन झगड़ों के लिए जगह नहीं देती है. हम एक को दूसरे के खिलाफ खेलने के व्यवसाय में नहीं हैं. हम सबके मित्र हैं और किसी के शत्रु नहीं. हमारी साझेदारी सबके साथ है.'

अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि 'भारत के साथ हमारा विशेष रिश्ता है. भारत हमारा निकटतम पड़ोसी है.' चीन पर कटाक्ष करते हुए, मालदीव के विदेश मंत्री ने विदेशी शक्तियों से हिंद महासागर क्षेत्र में संघर्ष न करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि 'मालदीव की शांति और समृद्धि के लिए हिंद महासागर में शांति, समृद्धि और स्थिरता आवश्यक है. हमारी सभी के साथ अच्छी साझेदारी है. मालदीव हिंद महासागर का हार्ट है.'

मालदीव, हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से स्थित एक छोटा सा द्वीपसमूह राष्ट्र है. दक्षिण एशिया में भारत-चीन प्रतिस्पर्धा के बीच काफी मायने रखता है.

मालदीव के विदेश मंत्री ने सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार का आह्वान किया, साथ ही कहा कि सुरक्षा परिषद पुरानी हो चुकी है और विशेष रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण परिषद गतिरोध की स्थिति में आ गई है.

इससे पहले आज मालदीव के विदेश मंत्री ने विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर से मुलाकात की, जिसके दौरान उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि पर दृष्टिकोण साझा किए.

  • मालदीव के विदेश मंत्री @abdulla_shahid जी के साथ आज एक गर्मजोशी भरी और सार्थक बैठक हुई।

    हमारी विकास साझेदारी में निरंतर प्रगति के बारे में जानकर उत्साहित हूँ। हमारे पड़ोसी के आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण में इसका प्रत्यक्ष योगदान है।

    हिंद महासागर क्षेत्र की स्थिरता और… https://t.co/ED9ho4ly6d

    — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जयशंकर ने किया ट्वीट : जयशंकर ने ट्वीट किया 'मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद के साथ आज गर्मजोशी भरी और सार्थक बैठक हुई. हमारी विकास साझेदारी में निरंतर प्रगति के बारे में जानने के लिए प्रोत्साहित हुआ. यह हमारे पड़ोसी के आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण में प्रत्यक्ष योगदान दे रहा है.'

दोनों मंत्री भारतीय अनुदान सहायता के तहत परियोजना विकास समझौतों के आदान-प्रदान के भी गवाह बने. मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और प्रधानमंत्री के 'पड़ोसी पहले' और 'सागर' (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण में एक विशेष स्थान रखता है.

विदेश मंत्री शाहिद की यात्रा दोनों पक्षों की ओर से उच्च स्तरीय यात्राओं के क्रम में है. इससे दोनों देशों के बीच ठोस द्विपक्षीय सहयोग को और गति मिलने की उम्मीद है.

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उनकी टिप्पणी हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के विस्तार का मुकाबला करने पर एक सवाल के जवाब में आई जो भारत के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है. मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद 11-12 जुलाई तक दिल्ली की आधिकारिक यात्रा पर हैं.

सप्रू हाउस व्याख्यान में मौजूद  मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला साहिद
सप्रू हाउस व्याख्यान में मौजूद मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला साहिद

मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने 43वें सप्रू हाउस व्याख्यान में 'पावर ऑफ मालदीव' का जिक्र करते हुए कहा कि 'वर्तमान मालदीव सरकार मालदीव में भारत-चीन झगड़ों के लिए जगह नहीं देती है. हम एक को दूसरे के खिलाफ खेलने के व्यवसाय में नहीं हैं. हम सबके मित्र हैं और किसी के शत्रु नहीं. हमारी साझेदारी सबके साथ है.'

अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि 'भारत के साथ हमारा विशेष रिश्ता है. भारत हमारा निकटतम पड़ोसी है.' चीन पर कटाक्ष करते हुए, मालदीव के विदेश मंत्री ने विदेशी शक्तियों से हिंद महासागर क्षेत्र में संघर्ष न करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि 'मालदीव की शांति और समृद्धि के लिए हिंद महासागर में शांति, समृद्धि और स्थिरता आवश्यक है. हमारी सभी के साथ अच्छी साझेदारी है. मालदीव हिंद महासागर का हार्ट है.'

मालदीव, हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से स्थित एक छोटा सा द्वीपसमूह राष्ट्र है. दक्षिण एशिया में भारत-चीन प्रतिस्पर्धा के बीच काफी मायने रखता है.

मालदीव के विदेश मंत्री ने सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार का आह्वान किया, साथ ही कहा कि सुरक्षा परिषद पुरानी हो चुकी है और विशेष रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण परिषद गतिरोध की स्थिति में आ गई है.

इससे पहले आज मालदीव के विदेश मंत्री ने विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर से मुलाकात की, जिसके दौरान उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि पर दृष्टिकोण साझा किए.

  • मालदीव के विदेश मंत्री @abdulla_shahid जी के साथ आज एक गर्मजोशी भरी और सार्थक बैठक हुई।

    हमारी विकास साझेदारी में निरंतर प्रगति के बारे में जानकर उत्साहित हूँ। हमारे पड़ोसी के आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण में इसका प्रत्यक्ष योगदान है।

    हिंद महासागर क्षेत्र की स्थिरता और… https://t.co/ED9ho4ly6d

    — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जयशंकर ने किया ट्वीट : जयशंकर ने ट्वीट किया 'मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद के साथ आज गर्मजोशी भरी और सार्थक बैठक हुई. हमारी विकास साझेदारी में निरंतर प्रगति के बारे में जानने के लिए प्रोत्साहित हुआ. यह हमारे पड़ोसी के आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण में प्रत्यक्ष योगदान दे रहा है.'

दोनों मंत्री भारतीय अनुदान सहायता के तहत परियोजना विकास समझौतों के आदान-प्रदान के भी गवाह बने. मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और प्रधानमंत्री के 'पड़ोसी पहले' और 'सागर' (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण में एक विशेष स्थान रखता है.

विदेश मंत्री शाहिद की यात्रा दोनों पक्षों की ओर से उच्च स्तरीय यात्राओं के क्रम में है. इससे दोनों देशों के बीच ठोस द्विपक्षीय सहयोग को और गति मिलने की उम्मीद है.

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Last Updated : Jul 11, 2023, 7:42 PM IST
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