नई दिल्ली: विदेश मंत्री जयशंकर द्वारा भूटान नरेश की हवाई अड्डे पर अगवानी करने को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. भूटान नरेश की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब हाल ही में ऐसी खबर आई थी कि भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने कहा था कि डोकलाम विवाद के समाधान में चीन की भी भूमिका है.
भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा करेंगे. वे आर्थिक एवं विकास सहयोग सहित दोनों देशों के करीबी द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार देने के लिए विभिन्न नेताओं से बातचीत करेंगे. जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा कि भूटान नरेश वांगचुक की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच अनोखे गठजोड़ को और मजबूती मिलेगी.
उन्होंने कहा, ‘‘ भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के भारत आने पर उनका स्वागत करके सम्मानित हूं. ’’ विदेश मंत्रालय के अनुसार, वांगचुक के साथ भूटान के विदेश व विदेश व्यापार मंत्री टैंडी दोरजी और भूटान की शाही सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री भी आए हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘ महामहिम, भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक का कुछ देर पहले भारत आने पर स्वागत है. ’’उन्होंने कहा, ‘‘ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हवाई अड्डे पर महामहिम की अगवानी की.’’
विदेश मंत्रालय ने कुछ दिन पहले बताया था कि, ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के न्योते पर भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक तीन से पांच अप्रैल तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे.’’
मंत्रालय ने बयान में कहा था कि भूटान नरेश की यात्रा दोनों देशों के बीच लंबे समय से उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की पंरपरा के तहत हो रही है. विदेश मंत्रालय ने कहा था, ‘‘ भारत और भूटान करीबी मित्रता और सहयोग को साझा करते हैं जो समझ और आपसी विश्वास पर आधारित है.’
पीटीआई- भाषा
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