नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की आज की बैठक के बारे में जानकारी देते हुए वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी का चिंतन शिविर 13-15 मई के बीच उदयपुर में होगा और यह शिविर कोई एक गंतव्य नहीं होगा, बल्कि एक लंबी यात्रा की शुरुआत होगी.
रमेश ने कहा, 'यह राजनीतिक चिंतन शिविर है. यह कदम उठाने से जुड़ा है. इसमें कोई प्रस्ताव नहीं, बल्कि कार्ययोजना सामने आएगी. इसमें राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों, जिसका कि हम सामना कर रहे हैं, उन पर विचार किया जाएगा.'
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा, 'हम सत्ता में नहीं हैं. इस चिंतन शिविर में हम दो साल के लिए निर्णय ले रहे हैं. हमारा मकसद 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी संगठन को तैयार करना है. विधानसभा चुनावों को भी ध्यान में रखेंगे.' रमेश के अनुसार सोनिया ने साफ कर दिया है कि यह कोई औपचारिक या पारंपरिक बैठक नहीं होगी. उन्होंने साफ निर्देश दिया है कि फोकस नहीं बदलें.
बैठक की जानकारी देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, 'देश कठिन चुनौतियों के दौर से गुजर रहा है. चिंतन शिविर ऐसे समय में आयोजित की गई है, जबकि देश और विदेश दोनों ही स्तर पर कठिन आर्थिक समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं. लोग कांग्रेस से उम्मीद लगाए हुए हैं. ऐसे में संगठन को पुनर्जीवित करना और अन्य मुद्दों पर शिविर में बातचीत होगी.'
रमेश ने जोर देकर कहा कि बैठक हमारा लक्ष्य नहीं है. हम अगले दो सालों की कार्ययोजना और उसकी रणनीति पर काम करेंगे. यह एक लंबी यात्री की शुरुआत है. बैठक मील का पत्थर साबित होगी. इसके लिए संगठन स्तर पर व्यापक बदलाव की जरूरत है.
उन्होंने बताया, 'मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजनैतिक मुद्दों, चिदम्बरम ने आर्थिक मुद्दों, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कृषि से संबंधित मुद्दों पर जानकारी दी. इसके साथ ही सलमान खुर्शीद ने एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों पर बात की, मुकुल वासनिक ने संगठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की और अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने युवाओं से जुड़े मुद्दों पर बात की.'
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि चिंतन शिविर में कुल 422 नेता शामिल होंगे. जब उनसे पूछा गया कि बैठक में शामिल होने वाले नेताओं के चयन को लेकर असंतोष की खबरें आ रहीं हैं, इस पर सुरजेवाला ने कहा कि नेताओं का चयन खुद सोनिया गांधी ने किया है, और उन्होंने युवाओं और अनुभवी नेताओं, दोनों के बीच तालमेल बिठाया है.
सुरजेवाला के अनुसार, 'चिंतन शिविर में शामिल होने वाले 50 प्रतिशत लोग 50 साल से कम आयु के हैं और इनमें भी करीब आधे 40 साल से कम उम्र के हैं. इनमें से 21 प्रतिशत महिलाएं हैं. समाज के भिन्न-भिन्न वर्गों से जुड़े लोगों को भी बुलाया गया है, ताकि भारत की विविधता प्रतिबिंबित हो सके.'
उन्होंने बताया, 'डिजिटल सदस्यता अभियान लगभग संपन्न हो चुका है. ऐसे में इसके लिए कांग्रेस के संविधान में संशोधन की जरूरत थी और इसका अनुमोदन किया गया. राहुल गांधी की पहल पर डिजिटल सदस्यता अभियान को हरी झंडी दी गई है.' इसी तरह से लद्दाख यूनिट के गठन को भी मंजूरी दी गई है. यह जम्मू-कश्मीर यूनिट का ही एक अंग होगा.
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