जयपुर. राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने करिश्माई जीत हासिल की है. बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही है, पार्टी मुख्यालय पर दिनभर जश्न का माहौल बना रहा. वहीं, पार्टी की इस जीत के साथ ही हर किसी के जुबान पर सबसे अहम सवाल यही है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा?. इस सवाल का जवाब पार्टी के नेताओं के पास अभी नहीं है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में कई नामों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है.
पहले पार्टी ने सीएम चेहरा घोषित नहीं किया था, अब सभी के मन में एक ही सवाल है कि प्रदेश की कमान किसके हाथों में सौंपी जाएगी ? हालांकि सीएम रेस से तीन बड़े नाम रेस से बहार माने जा रहे हैं. इनमें पहला नाम नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ , दूसरा उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया का था, लेकिन दोनों चुनाव हार गए हैं. वहीं, तीसरा नाम लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का भी मजबूत था, लेकिन लोकसभा सत्र शुरू होने से वो भी रेस से बहार माने जा रहे हैं. अब सवाल ये कि क्या पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सीएम होंगी या पार्टी किसी नए चेहरे पर भी दांव लगा सकती है, आइए जानते है बीजेपी में सीएम पद के लिए कौन कौन मजबूत दावेदार रेस में हैं.
इसे भी पढ़ें - Jaipur, Rajasthan Assembly Election Result 2023 : सीएम गहलोत बोले- आए चौंकाने वाले नतीजे, हमें नहीं थी इसकी उम्मीद
वसुंधरा राजे - बीजेपी में सीएम दावेदारों की बात करें तो सबसे पहला नाम पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का सबसे ऊपर है. दो बार मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. इस बार भले ही पार्टी ने सीएम फेस नहीं बनाया हो लेकिन प्रत्याशियों के समर्थन में सबसे ज्यादा सभा राजे ने ही की. राजे के पास कुशल प्रबंधन का अनुभव भी है और सरकार चलाने का अनुभव भी. राजनीति के पंडित मान रहे हैं कि पार्टी शीर्ष नेतृत्व को वसुंधरा राजे को आगे करना होगा. 6 महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में 25 - 25 सीटें राजे को आगे करके ही हासिल की जा सकती है. राजे को नजरअंदाज किया गया तो इसका असर लोकसभा चुनाव में में दिख सकता है.
दीया कुमारी - दीया कुमारी विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा मतों से जीतने वाली प्रत्याशी हैं. जयपुर राजपरिवार से आने वाली दीया कुमारी को भी सीएम की रेस में आगे माना जा रहा है. एक बार विधायक और एक बार सांसद रही दीया कुमारी को पार्टी शीर्ष नेतृत्व के करीबी भी हैं और आरएसएस की पसंद भी. बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे के विकल्प के तौर पर राजपूत समाज को साधने और युवा चेहरे के लिहाज से दीया कुमारी को भी मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
अश्विनी वैष्णव - केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी सीएम पद का दावेदार माना जा रहा है, हालांकि उन्हें पार्टी ने मैदान में नहीं उतारा, लेकिन पार्टी शीर्ष नेतृत्व तय करता है तो छह महीने के भीतर एक सीट पर चुनाव कराया जा सकता है. बता दें कि पहले वैष्णव के जयपुर से चुनाव लड़ने की चर्चा भी थी. प्रशासनिक सेवा के वैष्णव की पार्टी शिर्ष नेतृत्व में अच्छी पकड़ मानी जाती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंददीदा मंत्रियों में एक हैं.
इसे भी पढ़ें - Rajasthan Assembly Election Result 2023: राजस्थान में कायम रहेगा रिवाज, BJP को मिला बहुमत,गहलोत ने स्वीकारी हार
अर्जुन राम मेघवाल - दलित चेहरे के लिहाज से देखा जाए तो केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल भी इस दौड़ में शामिल हैं. केंद्रीय कानून मंत्री मेघवाल इस बार विधानसभा चुनाव में काफी सक्रिय भी थे. उनके पास इस बार राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर अहम जिम्मेदारी थी. हालांकि उन्हें पार्टी ने चुनाव मैदान में नहीं उतारा है.
गजेंद्र सिंह शेखावत - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और विश्वासपात्र में शामिल केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को भी सीएम चेहरे के लिहाज से मजबूत माना जा सकता है. हालांकि, न तो शेखावत को चुनावी मैदान में प्रत्याशी बना कर उतरा गया और न ही सीधे तौर पर विधानसभा चुनाव में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी गई, लेकिन फिर भी इस बार विधानसभा चुनाव में शेखावत की सक्रियता लगातार दिखी.
ओम माथुर - यूपी, गुजरात और महाराष्ट्र के बाद अब छत्तीसगढ़ जैसे राज्य का प्रदेश प्रभारी पद संभालने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता ओम माथुर को भी सीएम रेस में माना जा रहा है. ओम माथुर इन दिनों जयपुर में डेरा डाले हुए हैं. बड़ी बात है कि विधानसभा चुनावों के दौरान ओम माथुर ने राजस्थान से दूरी बनाई रखी हुई थी, लेकिन 25 नवंबर को मतदान के बाद राजस्थान में फिर से सक्रिय दिखाई दे रहे हैं. कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात ने चर्चाओं को बल दिया है. ओम माथुर पूर्व में राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं.
इसे भी पढ़ें - Jaipur Rajasthan Assembly Election Result 2023 : 11 राउंड में पिछड़ने के बाद 50 हजार वोटों से जीते राज्यवर्धन सिंह राठौड़, कही ये बात
सीपी जोशी - राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी का नाम भी सीएम की रेस में शामिल हैं, जोशी ने प्रदेश अध्यक्ष के नाते पार्टी के चुनाव अभियान की बागडोर अग्रिम मोर्चे से संभाली. उनको भी पार्टी सीएम का चेहरा बना सकती है, कुछ लोग प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को डार्क हॉर्स मान रहे हैं. हालांकि, सीपी जोशी सहित पार्टी के तमाम नेताओं ने साफ़ करने की कोशिश की है कि अभी सीएम फेस को लेकर कोई चर्चा नहीं है, पहले विधायक दल की बैठक होगी , जिसमे विधायकों की पसंद के नाम को दिल्ली संसदीय बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा. उसके बाद अंतिम निर्णय बोर्ड तय करेगा.
भूपेंद्र यादव - बीजेपी के दिग्गज नेता भूपेंद्र यादव केंद्र सरकार में वन और पर्यावरण मंत्री हैं. उनको पीएम मोदी और अमित शाह का करीबी माना जाता है. राजस्थान में मुख्यमंत्री की रेस में उनका भी नाम शामिल है. माना जा रहा है कि अगर बीजेपी राजस्थान में ओबीसी को सीएम के तौर पर चुनती है, भूपेंद्र यादव को मौका मिल सकता है.
बाबा बालकनाथ - राजस्थान की सियासत में बाबा बालकनाथ का नाम तेजी से उभरा है. बालक नाथ को राजस्थान का योगी कहा जाता है. बालकनाथ उसी नाथ संप्रदाय से आते हैं, जिससे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ आते हैं. फिलहाल वो अलवर से सांसद हैं, लेकिन पार्टी ने उनको तिजारा सीट से विधानसभा चुनाव में उतारा है. काउंटिंग से पहले एग्जिट पोल में उनको 10 फीसदी लोगों ने सीएम के तौर पर अपनी पसंद बताया था.