जयपुर. राजपूत, ब्राह्मण, जाट, यादव, एसटी-एससी, कुमावत और माली समाज के बाद अब अग्रवाल समाज ने अग्रमहाकुंभ करते हुए समाज की शक्ति का परिचय दिया. इस महाकुंभ में 5 राज्यों से प्रतिनिधि शामिल हुए. राजस्थान के बाहर उद्योग और राजनीतिक क्षेत्र में मुकाम हासिल करने वाले समाज के लोगों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान मंच से मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि आज अग्रवाल समाज में भी जागृति का सूत्रपात हुआ है. समाज किसी एक पार्टी के पॉकेट ना बने. जो पार्टी समाज हित में काम करें, उसके साथ समाज को खड़ा रहना चाहिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि सीएम अशोक गहलोत ने कई समाजों के बोर्ड बनाए हैं, जल्द अग्रसेन कल्याण बोर्ड बनाने की मांग को भी पूरा किया जाएगा.
इससे पहले बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण 14 फीसदी करने की मांग की जा रही है. जब एकजुट नहीं थे तभी 10 फीसदी आरक्षण मिल गया तो अब तो एकजुट है तो 14 फीसदी आरक्षण जरूर होगा. जहां तक आयोग का विषय है, तो इंतजार की घड़ियां खत्म हो रही है. 5 महीने का समय और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी तो सबसे पहला काम व्यापारिक कल्याण आयोग बनाने का होगा.
उन्होंने कहा कि आज सनातन धर्म हिंदू समाज अग्रवाल समाज के कारण बचा हुआ है, लेकिन आज समाज के लोग जब राजनीति में कदम रखते हैं, तो सबसे पहले घर वाले ही उसकी टांग खींचते हैं. लेकिन यदि राजनीति में इंटरेस्ट नहीं लेंगे तो समाज की उपेक्षा हो होती रहेगी. कोई भी राजनीतिक दल हो सब वोटों के भिखारी हैं. जब उनको लगेगा की अग्रवाल समाज अब जागरूक है, समाज में एकता आ गई है तो निश्चित रूप से समाज जितनी सीट चाहता है उतनी सीट मिलेगी. यह भी तय होना चाहिए कि यदि समाज का कोई व्यक्ति खड़ा हो तो पूरा समाज उसके साथ लगे, क्योंकि कोई भी पार्टी ऐसी नहीं है जिसे वोटों की जरूरत नहीं. अब ये नहीं चलेगा कि नोट हमारे वोट तुम्हारे, अब नोट भी देंगे और वोट भी देंगे, लेकिन देंगे उसी को जो समाज का होगा.
इस दौरान स्वागत अध्यक्ष राजेंद्र केडिया ने कहा कि 2023 के अंत में राजस्थान में चुनाव होने जा रहे हैं. अब तक समाज को राजनीति में प्रतिनिधित्व नहीं मिला, कहते हैं अग्रवाल समाज वोट नहीं डालता, अग्रवाल समाज बिखरा हुआ है. ऐसे में समाज की संगठित शक्ति को दिखाने के लिए ये महाकुंभ का आयोजन किया गया है. अग्रसेन समाज की जो जायज मांग है, वो यदि नहीं मानी गई है तो राजनीतिक पार्टियों को इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा. एक करोड़ की आबादी वाला अग्रसेन समाज का कल्याण बोर्ड स्थापित करें और आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों प्रमुख राजनीतिक दल अग्रसेन समाज के लोगों को 20-20 टिकट दे.