नई दिल्ली: जेल में बंद अलगाववादी नेता अल्ताफ अहमद शाह का मंगलवार तड़के नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया. शाह की बेटी रुवा शाह ने एक ट्वीट के जरिए मौत की पुष्टि की. उन्होंने ट्वीट किया कि अबू ने एम्स, नई दिल्ली में एक कैदी के रूप में अंतिम सांस ली. हुर्रियत के दिवंगत अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी के दामाद शाह को एनआईए ने 2018 में कई अन्य अलगाववादी नेताओं के साथ कथित टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया था. वह तिहाड़ जेल में बंद थे.
पिछले छह महीनों से, उनकी बेटी अधिकारियों से नियमित अपील कर रही थी कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है और उन्हें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता है. उनकी बेटी के अनुसार, शाह को गुर्दे के कैंसर का पता चला था जो उनके शरीर के अन्य हिस्सों में फैल गया था, और उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था, जिसमें कोई ऑन्कोलॉजी विभाग नहीं था.
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक अक्टूबर को आदेश दिया था कि शाह को दिल्ली के एम्स में स्थानांतरित कर दिया जाए, लेकिन उन्हें कुछ दिन पहले ही अस्पताल ले जाया गया था. अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि उनके बेटे या बेटी को उनसे रोजाना एक घंटे मिलने दिया जाए. रुवा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी अपील की थी. वह अपने पिता के लिए तत्काल चिकित्सा सुविधा और मानवीय आधार पर जमानत की मांग कर रही थी.
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श्रीनगर के सौरा निवासी शाह हुर्रियत के दिवंगत अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी के दामाद थे और उनके करीबी सहयोगियों में से एक थे. वह 2004 में गिलानी द्वारा स्थापित तहरीक-ए-हुर्रियत से भी जुड़े थे. शाह के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और दो बेटियां हैं. भाई-बहनों में सबसे बड़े शाह के बेटे अनीस उल इस्लाम को 'राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा' बताकर अक्टूबर 2021 में धारा 311 (2) (सी) के तहत सरकारी नौकरी से हटा दिया गया था.
22 सितंबर में रुवा ने प्रधानमंत्री को एक खुला पत्र भी लिखा था जिसमें उनके पिता के लिए चिकित्सा देखभाल की मांग की गई थी. उन्होंने लिखा था कि मेरे पिता श्री अल्ताफ अहमद शाह, जो वर्तमान में नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं, दो सप्ताह से अधिक समय से अस्वस्थ थे, इस दौरान उन्होंने बार-बार जेल अधिकारियों से उन्हें अस्पताल ले जाने का अनुरोध किया. अंत में जब उन्हें दीनदयाल अस्पताल जनकपुरी ले जाया गया, तो डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति के कारण उन्हें आगे के इलाज के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया. हालांकि, उन्हें इसके बजाय तिहाड़ जेल वापस लाया गया था. रुवा ने एक हफ्ते पहले ट्वीट किया था कि यहां डॉक्स (आरएमएल) हमसे बात करने से इनकार करते हैं. पुलिस हमें उससे मिलने नहीं दे रही है. उन्हें जल्द से जल्द इलाज की जरूरत है. उनके फेफड़े काम नहीं कर रहे हैं. ऑक्सीजन लेवल गिर गया है. वेंटिलेटर पर रखने से पहले वे हमें उन्हें देखने नहीं दे रहे हैं.