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अंतिम दर्शन के बीच खड़ी कर दीं कायदे की दीवार, छह घंटे तड़पती रही महिला नहीं पसीजे पत्थर दिल

रसूखदारों के आगे नतमस्तक और मजलूमों के लिए रौबदार अधिकारियों को तो बहुत देखा होगा. आज ऐसे ही और अधिकारियों के बारे में बताते हैं ताकि आपकी सूची बड़ी हो जाय. चतरा में मंडल कारा के पास एक 'मां' छह घंटे तड़पती रही लेकिन पत्थर दिल अधिकारियों ने नियम कानून की ऐसी दीवारें खड़ी कर दीं कि आंसुओं का सैलाब और मर्मांतक पुकार भी दीवारों को पार कर दिल तक नहीं पहुंच सकी. आखिरकार बाप को मृत बेटे का अंतिम दर्शन (glimpse of dead son) कराए बगैर उसे लौटना पड़ा.

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Published : Aug 16, 2022, 5:18 PM IST

चतरा: नियम कानून की दीवारों ने रखवालों के दिलों को भी पत्थर बना दिया है. तभी चतरा में एक 'मां' की पुकार उनके कानों और दिल तक पहुंच सकी. भले जब तब और जगह-जगह सरकारी कर्मचारियों पर नियम कानूनों को रौंदने के आरोप लगते रहे हों, लेकिन जब किसी मजलूम और खाली हाथ की बात हो तो इनका कर्तव्य चौंकन्ना होकर खड़ा हो जाता है. रविवार को चतरा में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला.

ये भी पढ़ें- युवक ने दांत से काट ली दूसरे लड़के की जीभ, झगड़े के बाद उठाया कदम

और रूठ के दूर चला गयाः वशिष्ठ नगर थाना क्षेत्र के बंदरचुवां गांव की रहने वाली 27 वर्षीय चुमन महतो की पत्नी फूल देवी ने शुक्रवार रात एक बच्चे को जन्म दिया था. प्रसव उसके मायके प्रतापपुर के घोरदौड़ा के निजी क्लीनिक में हुआ था, जन्म के समय जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ थे. शनिवार रात अचानक नवजात की तबीयत बिगड़ गई. सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण आवागमन की उचित व्यवस्था नहीं थी. इससे सुबह का इंतजार करने लगे. लेकिन परिजनों के लिए एक-एक पल काटना भारी पड़ रहा था, सुबह होने पर नवजात को उपचार के लिए लेकर जाने वाले थे. इससे पहले ही रात में ही नवजात ने दम तोड़ दिया और परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.

बता दें कि नवजात के पिता चुमन महतो पिछले सात महीनों से एनडीपीएस एक्ट के मामले में मंडल कारा में बंद है. उसके नवजात बेटे की मौत के बाद नानी कुलेश्वरी देवी अपने बेटे के साथ बाइक से नवजात का शव लेकर कारा में बंद चुमन को दर्शन कराने के लिए ले आई थी. रविवार सुबह आठ बजे से वह कारा के मुख्य द्वार पर शव लेकर विलाप करती रही, लेकिन सब ने कानों में जेल मैनुअल की ठेपी डाल, मां की पुकार अनसुनी कर दी. विवश होकर दोपहर मृत बच्चे के अंतिम संस्कार (new born last rites) के लिए दो बजे वह बैरंग लौट गई.

इधर अधिकारियों का कहना है कि नवजात के शव के साथ एक महिला को गेट के समीप होने की जानकारी मिली थी. मंडल कारा अधीक्षक को जानकारी दी गई थी. उन्होंने जेल मैन्युअल का पालन करने का निर्देश दिया. इसी वजह से महिला की मुलाकात नहीं कराई गई. चतरा के जेलर दिनेश वर्मा ने कहा कि रविवार को बंदियों से मुलाकात का कोई प्रावधान नहीं है.

चतरा: नियम कानून की दीवारों ने रखवालों के दिलों को भी पत्थर बना दिया है. तभी चतरा में एक 'मां' की पुकार उनके कानों और दिल तक पहुंच सकी. भले जब तब और जगह-जगह सरकारी कर्मचारियों पर नियम कानूनों को रौंदने के आरोप लगते रहे हों, लेकिन जब किसी मजलूम और खाली हाथ की बात हो तो इनका कर्तव्य चौंकन्ना होकर खड़ा हो जाता है. रविवार को चतरा में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला.

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और रूठ के दूर चला गयाः वशिष्ठ नगर थाना क्षेत्र के बंदरचुवां गांव की रहने वाली 27 वर्षीय चुमन महतो की पत्नी फूल देवी ने शुक्रवार रात एक बच्चे को जन्म दिया था. प्रसव उसके मायके प्रतापपुर के घोरदौड़ा के निजी क्लीनिक में हुआ था, जन्म के समय जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ थे. शनिवार रात अचानक नवजात की तबीयत बिगड़ गई. सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण आवागमन की उचित व्यवस्था नहीं थी. इससे सुबह का इंतजार करने लगे. लेकिन परिजनों के लिए एक-एक पल काटना भारी पड़ रहा था, सुबह होने पर नवजात को उपचार के लिए लेकर जाने वाले थे. इससे पहले ही रात में ही नवजात ने दम तोड़ दिया और परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.

बता दें कि नवजात के पिता चुमन महतो पिछले सात महीनों से एनडीपीएस एक्ट के मामले में मंडल कारा में बंद है. उसके नवजात बेटे की मौत के बाद नानी कुलेश्वरी देवी अपने बेटे के साथ बाइक से नवजात का शव लेकर कारा में बंद चुमन को दर्शन कराने के लिए ले आई थी. रविवार सुबह आठ बजे से वह कारा के मुख्य द्वार पर शव लेकर विलाप करती रही, लेकिन सब ने कानों में जेल मैनुअल की ठेपी डाल, मां की पुकार अनसुनी कर दी. विवश होकर दोपहर मृत बच्चे के अंतिम संस्कार (new born last rites) के लिए दो बजे वह बैरंग लौट गई.

इधर अधिकारियों का कहना है कि नवजात के शव के साथ एक महिला को गेट के समीप होने की जानकारी मिली थी. मंडल कारा अधीक्षक को जानकारी दी गई थी. उन्होंने जेल मैन्युअल का पालन करने का निर्देश दिया. इसी वजह से महिला की मुलाकात नहीं कराई गई. चतरा के जेलर दिनेश वर्मा ने कहा कि रविवार को बंदियों से मुलाकात का कोई प्रावधान नहीं है.

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