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ताजमहल में एंट्री न देने का मामला : पुलिस अभिरक्षा में जगतगुरु परमहंस को भेजा गया अयोध्या - तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस

भगवा वस्त्र व ब्रह्मदंड लेकर ताजमहल में एंट्री पाने में नाकाम व ताजमहल को तेजोमहालय का दावा करने वाले जगदगुरु परमहंसाचार्य को बुधवार को पुलिस ने आगरा से अयोध्या रवाना कर दिया.

जगतगुरु परम हंसाचार्य.
जगतगुरु परम हंसाचार्य.
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Published : May 4, 2022, 5:24 PM IST

आगरा : भगवा वस्त्र व ब्रह्मदंड लेकर ताजमहल में प्रवेश और शिव की प्राण प्रतिष्ठा का ऐलान करने वाले जगतगुरु परम हंसाचार्य को बुधवार की सुबह पुलिस अभिरक्षा में अयोध्या के लिए रवाना कर दिया गया. पुलिस अभिरक्षा में भेजे जा रहे जगतगुरु परमहंसाचार्य ने पुलिस पर मोबाइल छीनने और अभद्रता करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जब तक भगवा वस्त्र और ब्रह्मदंड के साथ ताजमहल में एंट्री नहीं दी जाएगी, उनका अनशन जारी रहेगा.

गौरतलब है कि ताजमहल के तेजो महालय होने का दावा करने वाले तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने 5 मई को ताजमहल में प्रवेश करके शिव की प्राण प्रतिष्ठा करने का ऐलान किया था. लेकिन ऐलान करने से पहले ही जगतगुरु परमहंस 4 मई को ही आगरा पहुंच गए. आगरा पहुंचकर जब वह ताजमहल में भगवान शिव की प्राण प्रतिष्ठा करने जा रहे थे, तो उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इस दौरान जगतगुरु की पुलिस से तीखी नोंकझोंक भी हुई थी.

बाद में पुलिस ने जगतगुरु परमहंस को हाउस अरेस्ट करके आगरा दिल्ली हाईवे पर कीठम में स्थित वन विभाग के गेस्ट हाउस में रखा. जहां से जगतगुरु परमहंस आचार्य ने अपने हाउस अरेस्ट होने का वीडियो वायरल किया था. बुधवार की सुबह 10:30 बजे आगरा एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने जगतगुरु परमहंसाचार्य से मिलकर बातचीत की.

मुलाकात के दौरान एसएसपी ने जगतगुरु को बताया की कि उन्हें पुलिस अभिरक्षा में अयोध्या भेजा जा रहा है. इसके बाद पुलिस अभिरक्षा में जगदगुरु परमहंसाचार्य और उनके शिष्य को अयोध्या के लिए रवाना कर दिया गया. पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने बुधवार को जगतगुरु को मीडिया से दूर रखा. पुलिस अभिक्षा में अयोध्या भेजे जाने के दौरान जगतगुरु ने पुलिस पर अभद्रता करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वह अयोध्या पहुंचकर आगे के अनशन और आंदोलन की रणनीति बनाएंगे.

ये है पूरा मामला :
अयोध्या से 26 अप्रैल 2022 को जगद्गुरु परमहंस आचार्य आगरा आए थे. जगदगुरु परमहंस आचार्य जब ताजमहल देखने पश्चिमी गेट पहुंचे, तो वहां तैनात सीआईएसएफ(CISF) के जवानों ने उन्हें भगवा वस्त्र और ब्रह्मदंड के कारण रोक दिया. रोके जाने के कारण परमहंस ताज का दीदार नहीं सके. इसके बाद आगरा में हिंदुवादी संगठनों ने हंगामा किया. मामला तूल पकड़ने पर एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने पूरे मामले की जांच कराई.

ये है जगदगुरु परमहंसाचार्य का दावा
जगदगुरु परमहंसाचार्य का दावा है कि मौजूदा समय में जहां ताजमहल है. उस स्थान पर भगवान शिव की पिंडी दबी हुई है. ताजमहल का असली नाम तेजोमहालय है. उनका कहना है कि, विधर्मी मुगलों ने तेजोमहालय को ताजमहल कहना शुरू किया था.

इसे पढ़ें- गिरफ्तारी के बाद जगतगुरु ने त्यागा अन्न-जल, बोले- ताजमहल के दर्शन किए बिना नहीं लौटूंगा अयोध्या

आगरा : भगवा वस्त्र व ब्रह्मदंड लेकर ताजमहल में प्रवेश और शिव की प्राण प्रतिष्ठा का ऐलान करने वाले जगतगुरु परम हंसाचार्य को बुधवार की सुबह पुलिस अभिरक्षा में अयोध्या के लिए रवाना कर दिया गया. पुलिस अभिरक्षा में भेजे जा रहे जगतगुरु परमहंसाचार्य ने पुलिस पर मोबाइल छीनने और अभद्रता करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जब तक भगवा वस्त्र और ब्रह्मदंड के साथ ताजमहल में एंट्री नहीं दी जाएगी, उनका अनशन जारी रहेगा.

गौरतलब है कि ताजमहल के तेजो महालय होने का दावा करने वाले तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने 5 मई को ताजमहल में प्रवेश करके शिव की प्राण प्रतिष्ठा करने का ऐलान किया था. लेकिन ऐलान करने से पहले ही जगतगुरु परमहंस 4 मई को ही आगरा पहुंच गए. आगरा पहुंचकर जब वह ताजमहल में भगवान शिव की प्राण प्रतिष्ठा करने जा रहे थे, तो उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इस दौरान जगतगुरु की पुलिस से तीखी नोंकझोंक भी हुई थी.

बाद में पुलिस ने जगतगुरु परमहंस को हाउस अरेस्ट करके आगरा दिल्ली हाईवे पर कीठम में स्थित वन विभाग के गेस्ट हाउस में रखा. जहां से जगतगुरु परमहंस आचार्य ने अपने हाउस अरेस्ट होने का वीडियो वायरल किया था. बुधवार की सुबह 10:30 बजे आगरा एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने जगतगुरु परमहंसाचार्य से मिलकर बातचीत की.

मुलाकात के दौरान एसएसपी ने जगतगुरु को बताया की कि उन्हें पुलिस अभिरक्षा में अयोध्या भेजा जा रहा है. इसके बाद पुलिस अभिरक्षा में जगदगुरु परमहंसाचार्य और उनके शिष्य को अयोध्या के लिए रवाना कर दिया गया. पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने बुधवार को जगतगुरु को मीडिया से दूर रखा. पुलिस अभिक्षा में अयोध्या भेजे जाने के दौरान जगतगुरु ने पुलिस पर अभद्रता करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वह अयोध्या पहुंचकर आगे के अनशन और आंदोलन की रणनीति बनाएंगे.

ये है पूरा मामला :
अयोध्या से 26 अप्रैल 2022 को जगद्गुरु परमहंस आचार्य आगरा आए थे. जगदगुरु परमहंस आचार्य जब ताजमहल देखने पश्चिमी गेट पहुंचे, तो वहां तैनात सीआईएसएफ(CISF) के जवानों ने उन्हें भगवा वस्त्र और ब्रह्मदंड के कारण रोक दिया. रोके जाने के कारण परमहंस ताज का दीदार नहीं सके. इसके बाद आगरा में हिंदुवादी संगठनों ने हंगामा किया. मामला तूल पकड़ने पर एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने पूरे मामले की जांच कराई.

ये है जगदगुरु परमहंसाचार्य का दावा
जगदगुरु परमहंसाचार्य का दावा है कि मौजूदा समय में जहां ताजमहल है. उस स्थान पर भगवान शिव की पिंडी दबी हुई है. ताजमहल का असली नाम तेजोमहालय है. उनका कहना है कि, विधर्मी मुगलों ने तेजोमहालय को ताजमहल कहना शुरू किया था.

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