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रथयात्रा के दो दिन बाद 25 जुलाई को जनता के लिए खुलेगा जगन्नाथ मंदिर - मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार

रथयात्रा के दो दिन बाद पुरी का प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर 25 जुलाई को जनता के लिए खुलेगा. यह जानकारी प्राधिकारियों ने दी.

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Published : Jun 17, 2021, 4:20 AM IST

पुरी : मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने कहा कि यह निर्णय श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) की बैठक में लिया गया. उन्होंने कहा कि मंदिर 15 जून तक भक्तों के लिए बंद था. जिसे 25 जुलाई तक बढ़ा दिया गया. रथ यात्रा उत्सव पूरा होने के दो दिन बाद मंदिर जनता के लिए खुलेगा.

भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ 23 जुलाई को नौ दिवसीय रथयात्रा उत्सव के बाद मंदिर लौटेंगे. उन्होंने कहा कि भक्तों को दो दिन बाद मंदिर में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा. कुमार ने कहा कि हालांकि एसजेटीए 24 या 25 जुलाई को फिर से बैठक करेगा और मौजूदा स्थिति के आधार पर जनता को अनुमति देने पर फैसला करेगा.

24 जून को स्नान यात्रा (स्नान उत्सव) और 12 जुलाई को रथ यात्रा राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार भक्तों के बिना, कोविड-19 दिशानिर्देशों के पालन के साथ आयोजित की जाएगी. कुमार ने कहा कि रथ यात्रा सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में सेवादारों की भागीदारी से होगी. उन्होंने कहा कि उत्सव में भाग लेने वाले सेवकों को टीकाकरण की दोनों खुराकों का प्रमाण पत्र या कोविड निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी.

जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने कहा कि त्योहार के दौरान पुरी में निषेधाज्ञा लागू की जाएगी. एसजेटीए ने एक अलग बैठक में जगन्नाथ मंदिर में आठ दरवाजों पर चांदी की परत चढ़ाने के लिए दो समितियों का गठन करने का भी निर्णय लिया. उनमें से एक तकनीकी समिति होगी और दूसरी सेवादारों का प्रतिनिधित्व करेगी.

यह भी पढ़ें-मीडिया का मुंह बंद करने व ध्यान भटकाने की कोशिश में यूपी पुलिस : पत्रकार निकाय

कुमार ने कहा कि एक दानदाता चांदी प्रदान करेगा. कुमार ने कहा कि लगभग दो टन धातु का उपयोग होने की संभावना है.

(पीटीआई-भाषा)

पुरी : मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने कहा कि यह निर्णय श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) की बैठक में लिया गया. उन्होंने कहा कि मंदिर 15 जून तक भक्तों के लिए बंद था. जिसे 25 जुलाई तक बढ़ा दिया गया. रथ यात्रा उत्सव पूरा होने के दो दिन बाद मंदिर जनता के लिए खुलेगा.

भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ 23 जुलाई को नौ दिवसीय रथयात्रा उत्सव के बाद मंदिर लौटेंगे. उन्होंने कहा कि भक्तों को दो दिन बाद मंदिर में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा. कुमार ने कहा कि हालांकि एसजेटीए 24 या 25 जुलाई को फिर से बैठक करेगा और मौजूदा स्थिति के आधार पर जनता को अनुमति देने पर फैसला करेगा.

24 जून को स्नान यात्रा (स्नान उत्सव) और 12 जुलाई को रथ यात्रा राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार भक्तों के बिना, कोविड-19 दिशानिर्देशों के पालन के साथ आयोजित की जाएगी. कुमार ने कहा कि रथ यात्रा सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में सेवादारों की भागीदारी से होगी. उन्होंने कहा कि उत्सव में भाग लेने वाले सेवकों को टीकाकरण की दोनों खुराकों का प्रमाण पत्र या कोविड निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी.

जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने कहा कि त्योहार के दौरान पुरी में निषेधाज्ञा लागू की जाएगी. एसजेटीए ने एक अलग बैठक में जगन्नाथ मंदिर में आठ दरवाजों पर चांदी की परत चढ़ाने के लिए दो समितियों का गठन करने का भी निर्णय लिया. उनमें से एक तकनीकी समिति होगी और दूसरी सेवादारों का प्रतिनिधित्व करेगी.

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कुमार ने कहा कि एक दानदाता चांदी प्रदान करेगा. कुमार ने कहा कि लगभग दो टन धातु का उपयोग होने की संभावना है.

(पीटीआई-भाषा)

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