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जाने क्यों पीएम मोदी ने आधी रात को जयशंकर से पूछा था, जागे हो

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान में मजार-ए-शरीफ पर हुए हमले को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व कौशल की प्रशंसा की.

जाने क्यों प्रधानमंत्री ने आधी रात को जयशंकर से पूछा था, जागे हो
जाने क्यों प्रधानमंत्री ने आधी रात को जयशंकर से पूछा था, जागे हो
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Published : Sep 23, 2022, 11:45 AM IST

Updated : Sep 23, 2022, 11:56 AM IST

न्यूयॉर्क (यूएस): न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय वाणिज्य दूतावास के पास अफगानिस्तान में मजार-ए-शरीफ पर हुए हमले को याद करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व कौशल की प्रशंसा की. वर्ष 2016 में अफगानिस्तान की स्थिति को याद करते हुए, जयशंकर ने गुरुवार को यहां एक पुस्तक चर्चा कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा कि आधी रात हो गई थी, और मजार-ए-शरीफ, अफगानिस्तान में हमारे वाणिज्य दूतावास पर हमला किया गया था. हम फोन से पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि क्या हुआ है.

स्थिति बहुत तनावपूर्ण थी और सभी ज्यादा से ज्यादा अपडेट लेने की कोशिश कर रहे शे. फिर, मेरा फोन बजा. जब प्रधान मंत्री कॉल करते हैं, तो कोई कॉलर आईडी नहीं होता है. उनका पहला सवाल था -जागे हो? विदेश मंत्री जयशंकर ने मोदी@20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी पुस्तक पर चर्चा के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कि पीएम ने जयशंकर से फोन पर पूछा कि जागे हो...अच्छा टीवी देख रहे हैं... तो क्या हो रहा है? जयशंकर ने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री से फोन कॉल का हवाला देते हुए कहा कि मैंने उनसे कहा कि इसमें कुछ और घंटे लग सकते हैं और मैं उनके कार्यालय में फोन करूंगा. इस पर उन्होंने जवाब दिया- 'मुझे फोन कर देना'.

पढ़ें: भारत ने फिर दोहराया- यूक्रेन संघर्ष का खत्म होना आवश्यक, विदेश मंत्री बोले- भारत का स्थायी सदस्य बनना दुनिया के हित में

पीएम मोदी के नेतृत्व कौशल की प्रशंसा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि बहुत बड़े फैसलों के परिणामों को संभालने के लिए, यह एक विलक्षण गुण है. विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री के साथ अपनी पहली मुलाकात को भी याद किया. जयशंकर ने कहा कि मोदी जी से मिलने से पहले मैं स्पष्ट रूप से मोदी जी को पसंद करता था. और मैं जैसा कि कई लोग मेरी शिकायत भी करते हैं. मैं एक माइक्रो मैनेजर हूं. इससे कई लोगों को परेशानी होती है. लेकिन उन्होंने जिस स्तर की तैयारी की थी वह काबिले तारीफ थी.

विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि पीएम मोदी अपना दिन सुबह 7:30 बजे शुरू करते हैं...और दिन भर लगे रहे हैं. विदेश मंत्री ने पिछले साल देश के तालिबान के नियंत्रण में आने के बाद अफगानिस्तान से भारत की निकासी के प्रयासों को भी याद किया. भारत ने संकट के दौरान अफगान धरती पर कई बचाव अभियान चलाकर अफगानिस्तान से लौटने की इच्छा रखने वाले अपने लगभग सभी नागरिकों को निकाला. भारत ने काबुल से अपने नागरिकों को एयरलिफ्ट किया.

इसने ताजिकिस्तान और कतर में दुशांबे के माध्यम से अपने नागरिकों को भी एयरलिफ्ट किया. जयशंकर ने पिछले तीन दिनों में न्यूयॉर्क में वार्षिक संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के मौके पर दुनिया भर के दूतों और राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की है. विशेष रूप से एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरिबियन और छोटे द्वीपों के विकासशील देशों के साथ जयशंकर की बैठकों का मुख्य आकर्षण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार पर केंद्रित है. जयशंकर शनिवार को महासभा में विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे, जिसके बाद वह वाशिंगटन के लिए रवाना होंगे और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बैठक करेंगे.

न्यूयॉर्क (यूएस): न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय वाणिज्य दूतावास के पास अफगानिस्तान में मजार-ए-शरीफ पर हुए हमले को याद करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व कौशल की प्रशंसा की. वर्ष 2016 में अफगानिस्तान की स्थिति को याद करते हुए, जयशंकर ने गुरुवार को यहां एक पुस्तक चर्चा कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा कि आधी रात हो गई थी, और मजार-ए-शरीफ, अफगानिस्तान में हमारे वाणिज्य दूतावास पर हमला किया गया था. हम फोन से पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि क्या हुआ है.

स्थिति बहुत तनावपूर्ण थी और सभी ज्यादा से ज्यादा अपडेट लेने की कोशिश कर रहे शे. फिर, मेरा फोन बजा. जब प्रधान मंत्री कॉल करते हैं, तो कोई कॉलर आईडी नहीं होता है. उनका पहला सवाल था -जागे हो? विदेश मंत्री जयशंकर ने मोदी@20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी पुस्तक पर चर्चा के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कि पीएम ने जयशंकर से फोन पर पूछा कि जागे हो...अच्छा टीवी देख रहे हैं... तो क्या हो रहा है? जयशंकर ने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री से फोन कॉल का हवाला देते हुए कहा कि मैंने उनसे कहा कि इसमें कुछ और घंटे लग सकते हैं और मैं उनके कार्यालय में फोन करूंगा. इस पर उन्होंने जवाब दिया- 'मुझे फोन कर देना'.

पढ़ें: भारत ने फिर दोहराया- यूक्रेन संघर्ष का खत्म होना आवश्यक, विदेश मंत्री बोले- भारत का स्थायी सदस्य बनना दुनिया के हित में

पीएम मोदी के नेतृत्व कौशल की प्रशंसा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि बहुत बड़े फैसलों के परिणामों को संभालने के लिए, यह एक विलक्षण गुण है. विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री के साथ अपनी पहली मुलाकात को भी याद किया. जयशंकर ने कहा कि मोदी जी से मिलने से पहले मैं स्पष्ट रूप से मोदी जी को पसंद करता था. और मैं जैसा कि कई लोग मेरी शिकायत भी करते हैं. मैं एक माइक्रो मैनेजर हूं. इससे कई लोगों को परेशानी होती है. लेकिन उन्होंने जिस स्तर की तैयारी की थी वह काबिले तारीफ थी.

विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि पीएम मोदी अपना दिन सुबह 7:30 बजे शुरू करते हैं...और दिन भर लगे रहे हैं. विदेश मंत्री ने पिछले साल देश के तालिबान के नियंत्रण में आने के बाद अफगानिस्तान से भारत की निकासी के प्रयासों को भी याद किया. भारत ने संकट के दौरान अफगान धरती पर कई बचाव अभियान चलाकर अफगानिस्तान से लौटने की इच्छा रखने वाले अपने लगभग सभी नागरिकों को निकाला. भारत ने काबुल से अपने नागरिकों को एयरलिफ्ट किया.

इसने ताजिकिस्तान और कतर में दुशांबे के माध्यम से अपने नागरिकों को भी एयरलिफ्ट किया. जयशंकर ने पिछले तीन दिनों में न्यूयॉर्क में वार्षिक संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के मौके पर दुनिया भर के दूतों और राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की है. विशेष रूप से एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरिबियन और छोटे द्वीपों के विकासशील देशों के साथ जयशंकर की बैठकों का मुख्य आकर्षण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार पर केंद्रित है. जयशंकर शनिवार को महासभा में विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे, जिसके बाद वह वाशिंगटन के लिए रवाना होंगे और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बैठक करेंगे.

Last Updated : Sep 23, 2022, 11:56 AM IST

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