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कश्मीर विवि के प्रोफेसर को मिला इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज का फेलो - indian-academy-of-sciences

प्रोफेसर रोमशू जम्मू कश्मीर और लद्दाख के पहले वैज्ञानिक हैं, जिन्हें प्रतिष्ठित इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के फेलो के रूप में चुना गया है.

प्रतिष्ठित इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के फेलो के रूप में चुने गए कश्मीर विवि. के प्रो शकील ए रोमशू
प्रतिष्ठित इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के फेलो के रूप में चुने गए कश्मीर विवि. के प्रो शकील ए रोमशू
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Published : Jan 5, 2021, 9:38 PM IST

Updated : Jan 5, 2021, 10:21 PM IST

श्रीनगर : कश्मीर विश्वविद्यालय के डीन ऑफ रिसर्च प्रो शकील ए रोमशू को प्रतिष्ठित इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के फेलो के रूप में चुना गया है. उन्हें डियन सोसायटी ऑफ जियोमैटिक्स के फेलो के रूप में चुने जाने के बाद यह सम्मान दिया गया है.

1934 में स्थापना के बाद से, प्रोफेसर रोमशू जम्मू कश्मीर और लद्दाख के पहले वैज्ञानिक हैं, जिन्हें अकादमी में फेलो के रूप में चुना गया. भारत में विज्ञान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली अकादमी ने अब तक देश के भीतर और बाहर से लगभग 2,000 शीर्ष वैज्ञानिकों का चयन किया है. नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर सी. वी. रमन द्वारा स्थापित अकादमी, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्थान है.

प्रतिष्ठित इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के फेलो के रूप में चुने गए कश्मीर विवि. के प्रो शकील ए रोमशू
प्रतिष्ठित इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के फेलो के रूप में चुने गए कश्मीर विवि. के प्रो शकील ए रोमशू

कश्मीर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो तलत अहमद ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रोफेसर रोमशू को भारतीय विज्ञान अकादमी द्वारा देश में विज्ञान को बढ़ावा देने में उनके गहन और निरंतर योगदान देने के लिए सम्मानित किए जाने पर उन्हें खुशी हुई.

उन्होंने कहा कि हम सभी को देशभर में विज्ञान के कद को बढ़ाने और हमारे युवाओं में वैज्ञानिक स्वभाव को एक नई दिशा देने के लिए एक साथ काम करने की आवश्यकता है.

पढ़ें : पद्मश्री से सम्मानित रघु राम का नाम ब्रिटेन की नववर्ष सम्मान सूची में शामिल

प्रो रोमशू ने जलवायु परिवर्तन के लिए क्योटो प्रोटोकॉल के संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के कार्यान्वयन के लिए बड़े पैमाने पर उपग्रह डेटा पर काम किया है. उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में पीएचडी किया है.

30 से अधिक वर्षों के अकादमिक अनुभव के साथ, प्रोफेसर रोमशू ने अतीत में, जापान अंतरिक्ष एजेंसी टोक्यो में एक वैज्ञानिक के रूप में और द एनर्जी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, दिल्ली में फेलो के रूप में काम किया है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में 200 पीयर-रिव्यूड लेख प्रकाशित किए हैं और 19 पीएचडी विद्यार्थियों को मेंटोर किया है.

उन्होंने स्वतंत्र रूप से कश्मीर विश्वविद्यालय में प्रमुख अनुसंधान परियोजनाओं के स्कोर को संभाला है और वे यूटी, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण, जल, जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन पर कई नीति निर्धारण समितियों और कार्य समूहों के सदस्य भी हैं.

प्रोफेसर रोमशू को एक दर्जन से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है और उन्हें इंडियन सोसाइटी ऑफ रिमोट सेंसिंग और हाल ही में, इंडियन सोसाइटी ऑफ जियोमैटिक्स के फेलो के रूप में चुना गया है.

श्रीनगर : कश्मीर विश्वविद्यालय के डीन ऑफ रिसर्च प्रो शकील ए रोमशू को प्रतिष्ठित इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के फेलो के रूप में चुना गया है. उन्हें डियन सोसायटी ऑफ जियोमैटिक्स के फेलो के रूप में चुने जाने के बाद यह सम्मान दिया गया है.

1934 में स्थापना के बाद से, प्रोफेसर रोमशू जम्मू कश्मीर और लद्दाख के पहले वैज्ञानिक हैं, जिन्हें अकादमी में फेलो के रूप में चुना गया. भारत में विज्ञान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली अकादमी ने अब तक देश के भीतर और बाहर से लगभग 2,000 शीर्ष वैज्ञानिकों का चयन किया है. नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर सी. वी. रमन द्वारा स्थापित अकादमी, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्थान है.

प्रतिष्ठित इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के फेलो के रूप में चुने गए कश्मीर विवि. के प्रो शकील ए रोमशू
प्रतिष्ठित इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के फेलो के रूप में चुने गए कश्मीर विवि. के प्रो शकील ए रोमशू

कश्मीर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो तलत अहमद ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रोफेसर रोमशू को भारतीय विज्ञान अकादमी द्वारा देश में विज्ञान को बढ़ावा देने में उनके गहन और निरंतर योगदान देने के लिए सम्मानित किए जाने पर उन्हें खुशी हुई.

उन्होंने कहा कि हम सभी को देशभर में विज्ञान के कद को बढ़ाने और हमारे युवाओं में वैज्ञानिक स्वभाव को एक नई दिशा देने के लिए एक साथ काम करने की आवश्यकता है.

पढ़ें : पद्मश्री से सम्मानित रघु राम का नाम ब्रिटेन की नववर्ष सम्मान सूची में शामिल

प्रो रोमशू ने जलवायु परिवर्तन के लिए क्योटो प्रोटोकॉल के संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के कार्यान्वयन के लिए बड़े पैमाने पर उपग्रह डेटा पर काम किया है. उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में पीएचडी किया है.

30 से अधिक वर्षों के अकादमिक अनुभव के साथ, प्रोफेसर रोमशू ने अतीत में, जापान अंतरिक्ष एजेंसी टोक्यो में एक वैज्ञानिक के रूप में और द एनर्जी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, दिल्ली में फेलो के रूप में काम किया है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में 200 पीयर-रिव्यूड लेख प्रकाशित किए हैं और 19 पीएचडी विद्यार्थियों को मेंटोर किया है.

उन्होंने स्वतंत्र रूप से कश्मीर विश्वविद्यालय में प्रमुख अनुसंधान परियोजनाओं के स्कोर को संभाला है और वे यूटी, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण, जल, जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन पर कई नीति निर्धारण समितियों और कार्य समूहों के सदस्य भी हैं.

प्रोफेसर रोमशू को एक दर्जन से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है और उन्हें इंडियन सोसाइटी ऑफ रिमोट सेंसिंग और हाल ही में, इंडियन सोसाइटी ऑफ जियोमैटिक्स के फेलो के रूप में चुना गया है.

Last Updated : Jan 5, 2021, 10:21 PM IST
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