ETV Bharat / bharat

जम्मू कश्मीर: अधिवास प्रमाणपत्र के प्रति प्रवासियों को नहीं दिलचस्पी, प्रशासन ने तारीख आगे बढ़ाई

author img

By

Published : Sep 14, 2021, 5:34 PM IST

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पिछले साल कश्मीरी प्रवासियों को अधिवास प्रमाणपत्र देने की घोषणा की थी. तब से लेकर अब तक कुछ ही परिवार इस प्रमाण पत्र के लिए आगे आए हैं. कश्मीरी प्रवासियों की इसके प्रति दिलचस्पी नहीं होते देख प्रशासन ने विभिन्न उपाय निकालने के साथ प्रमाणपत्र पाने की अंतिम तारीख आगे बढ़ा दी है.

जम्मू कश्मीर
जम्मू कश्मीर

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर प्रशासन (Jammu and Kashmir administration) ने कश्मीरी प्रवासियों को अधिवास प्रमाणपत्र देने की तारीख आगे बढ़ाई है. इसका कारण प्रवासियों (Migrants) का इसके प्रति दिलचस्पी नहीं लेना है. पिछले साल प्रशासन ने 1980 के दौरान क्षेत्र से पलायन कर गए सभी पूर्व निवासियों को अधिवास प्रमाणपत्र (domicile certificates) जारी करने का ऐलान किया था. लेकिन प्रवासियों द्वारा प्रशासन के इस कदम को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. जिसकी वजह से प्रशासन ने प्रमाणपत्र के लिए आवेदन की तारीख आगे बढ़ा दी है.

प्रशासन के मुताबिक, प्रवासियों को केवल राहत और पुनर्वास आयुक्त (प्रवासी) के निकट खुद को पंजीकृत करना है, जिसके बाद उन्हें जम्मू-कश्मीर का अधिवास प्रमाणपत्र मिल जाएगा. प्रशासन की घोषणा के बाद कुछ ही परिवार इस प्रमाणपत्र के लिए आगे आए.

इस वजह से आज प्रशासन ने पंजीकरण की आखिरी तारीख आगे बढ़ाकर 15 मई 2022 कर दी है. इस तारिख के बाद किसी भी प्रकार का आवेदन नहीं लिया जाएगा.

उन्होंने बताया कि आयुक्तालय की ओर से अन्य राज्यों में भी शिविर लगाकर पूर्व कश्मीरी प्रवासियों को जागरूक किया गया. इस तरह के अब तक 50 शिविर लगाए गए हैं, दिल्ली में भी शिविर लगाया गया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

बता दें कि 1980 के दौरान कई कश्मीरी पंडितों ने पलायन कर लिया था, जिसमें से करीब 25,000 अपंजीकृत कश्मीरी पंडित दिल्ली में रह रहे हैं तथा अब तक केवल तीन हजार लोग ही शिविर में प्रमाणपत्र के लिए आए हैं.

उन्होंने बताया कि तीन हजार लोगों में से 806 का पंजीकरण हो गया जबकि अन्यों के कागजातों की जांच हो रही हैं. उम्मीद है कि इन शिविरों में पंजीकरण के लिए लोग आगे आएंगे और जम्मू कश्मीर में नौकरी करने के इच्छुक भी होंगे.

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर प्रशासन (Jammu and Kashmir administration) ने कश्मीरी प्रवासियों को अधिवास प्रमाणपत्र देने की तारीख आगे बढ़ाई है. इसका कारण प्रवासियों (Migrants) का इसके प्रति दिलचस्पी नहीं लेना है. पिछले साल प्रशासन ने 1980 के दौरान क्षेत्र से पलायन कर गए सभी पूर्व निवासियों को अधिवास प्रमाणपत्र (domicile certificates) जारी करने का ऐलान किया था. लेकिन प्रवासियों द्वारा प्रशासन के इस कदम को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. जिसकी वजह से प्रशासन ने प्रमाणपत्र के लिए आवेदन की तारीख आगे बढ़ा दी है.

प्रशासन के मुताबिक, प्रवासियों को केवल राहत और पुनर्वास आयुक्त (प्रवासी) के निकट खुद को पंजीकृत करना है, जिसके बाद उन्हें जम्मू-कश्मीर का अधिवास प्रमाणपत्र मिल जाएगा. प्रशासन की घोषणा के बाद कुछ ही परिवार इस प्रमाणपत्र के लिए आगे आए.

इस वजह से आज प्रशासन ने पंजीकरण की आखिरी तारीख आगे बढ़ाकर 15 मई 2022 कर दी है. इस तारिख के बाद किसी भी प्रकार का आवेदन नहीं लिया जाएगा.

उन्होंने बताया कि आयुक्तालय की ओर से अन्य राज्यों में भी शिविर लगाकर पूर्व कश्मीरी प्रवासियों को जागरूक किया गया. इस तरह के अब तक 50 शिविर लगाए गए हैं, दिल्ली में भी शिविर लगाया गया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

बता दें कि 1980 के दौरान कई कश्मीरी पंडितों ने पलायन कर लिया था, जिसमें से करीब 25,000 अपंजीकृत कश्मीरी पंडित दिल्ली में रह रहे हैं तथा अब तक केवल तीन हजार लोग ही शिविर में प्रमाणपत्र के लिए आए हैं.

उन्होंने बताया कि तीन हजार लोगों में से 806 का पंजीकरण हो गया जबकि अन्यों के कागजातों की जांच हो रही हैं. उम्मीद है कि इन शिविरों में पंजीकरण के लिए लोग आगे आएंगे और जम्मू कश्मीर में नौकरी करने के इच्छुक भी होंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.