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विषम परिस्थितियों में सैनिकों को फिट रखने पर आईटीबीपी का विशेष फोकस - इंडो तिब्बत सीमा बल

ITBP अपने अधिकारियों और जवानों को LAC की दुर्गम परिस्थितियों में जीवित रखने के लिए कई तरह के उपाय कर रहा है. इस क्रम में सुरक्षाबलों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए 31 अक्टूबर को तीन दिवसीय वॉकथॉन का आयोजन किया गया था, जो सोमवार को समाप्त हो गई.

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Published : Nov 2, 2020, 5:38 PM IST

Updated : Nov 2, 2020, 8:26 PM IST

जयपुर : जैसे- जैसे सर्दियों का मौसम आ रहा है. वैसे वैसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनात जवानों के लिए परिस्थितियां और भी कठिन होती जा रही हैं. सीमा से लगे क्षेत्रों का तापमान धीरे-धीरे नीचे गिरने लगा है. यह दुनिया की सबसे कठिन सीमा है और यह 10,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर है. इसके अलावा यहां कम ऑक्सीजन स्तर कम होने के साथ-साथ सर्दियों के दौरान तापमान माइनस 45 डिग्री पहुंच जाता है, जो सेना के सामने बड़ी चुनौती पेश करता है. ऐसे में चीन की 3,488 किलोमीटर की सीमा पर मोर्चा संभाले जवानों को फिट रहने की आवश्यक्ता महसूस की जा रही है.

इस संबंध में इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के महानिदेशक एस एस देसवाल ने सोमवार को कहा कि बल चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कठोर परिस्थितियों में रहने के लिए अपने अधिकारियों तथा जवानों को तंदुरुस्त रखने के लिहाज से कई तरह के कदम उठा रहा है.

देसवाल ने कहा कि चीन-भारत फ्रंट, जहां लद्दाख क्षेत्र में भारत और चीन की सेना के बीच पिछले कुछ महीनों से गतिरोध चल रहा है, पूरी तरह से सुरक्षित है और सैनिकों का मनोबल ऊंचा है.

ITBP प्रमुख ने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगने वाले थार रेगिस्तान में तीन दिन तक चली 200 किमी की लंबी 'फिट इंडिया' वॉकथॉन के समाप्त होने के बाद पत्रकारों से बात की.

वॉकथॉन पिछले महीने 31 अक्टूबर को शुरू हुई थी और इसका शुभारंभ केंद्रीय खेलमंत्री किरेन रिजिजू द्वारा जैसलमेर के नाथूवाला गांव में किया गया था.

देसवाल ने आगे कहा कि हमें चीन के साथ 3,488 किलोमीटर की सीमा के मोर्चे पर पहरा देने वाले अपने बलों को फिट रखने की आवश्यकता है. यह दुनिया की सबसे कठिन सीमा है और यह 10,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर है. इतना ही नहीं यहां घास का एक तिनका भी नहीं उगता है और इस सीमा क्षेत्र में कम ऑक्सीजन स्तर कम होने के साथ-साथ सर्दियों के दौरान तापमान माइनस 45 डिग्री पहुंच जाता है. यह हर तरह से जानलेवा सीमा रेखा है.

उन्होंने आगे कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे अधिकारी और जवान स्वस्थ हों और इन कठिन परिस्थितियों से बचे रहें.

आईटीबीपी के महानिदेशक ने कहा, हम अपने कर्मियों के प्रशिक्षण को उन्नत बना रहे हैं, ताकि वह मुस्तैदी के साथ अपने काम को पूरा कर सकें.

पढ़ें - चीन से मुकाबला करने को संयुक्त रूप से तैयार थल और वायुसेना

इस दौरान जब उनसे वॉकथॉन के उद्देश्य के बारे में पूछा गया तो, उन्होंने कहा कि विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य पुलिस बलों के लगभग 100 अधिकारियों ने राष्ट्र को स्वस्थ बनाने के लिए वॉकथॉन में भाग लिया और उन्होंने फिटनेस संबंधित जागरूकता फैलाने के लिए कई स्थानों की पैदल यात्राएं कीं.

उन्होंने बताया कि यह वॉकथॉन रेगिस्तानी क्षेत्र जिनमें सखीरवाला, भुट्टेवाला, काटोच और इंदिरा गांधी नहर से होकर गुजरी. इस दौरान 90,000 सुरक्षाकर्मियों ने LAC की 3,488 किमी लंबी सीमा की यात्रा की.

जयपुर : जैसे- जैसे सर्दियों का मौसम आ रहा है. वैसे वैसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनात जवानों के लिए परिस्थितियां और भी कठिन होती जा रही हैं. सीमा से लगे क्षेत्रों का तापमान धीरे-धीरे नीचे गिरने लगा है. यह दुनिया की सबसे कठिन सीमा है और यह 10,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर है. इसके अलावा यहां कम ऑक्सीजन स्तर कम होने के साथ-साथ सर्दियों के दौरान तापमान माइनस 45 डिग्री पहुंच जाता है, जो सेना के सामने बड़ी चुनौती पेश करता है. ऐसे में चीन की 3,488 किलोमीटर की सीमा पर मोर्चा संभाले जवानों को फिट रहने की आवश्यक्ता महसूस की जा रही है.

इस संबंध में इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के महानिदेशक एस एस देसवाल ने सोमवार को कहा कि बल चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कठोर परिस्थितियों में रहने के लिए अपने अधिकारियों तथा जवानों को तंदुरुस्त रखने के लिहाज से कई तरह के कदम उठा रहा है.

देसवाल ने कहा कि चीन-भारत फ्रंट, जहां लद्दाख क्षेत्र में भारत और चीन की सेना के बीच पिछले कुछ महीनों से गतिरोध चल रहा है, पूरी तरह से सुरक्षित है और सैनिकों का मनोबल ऊंचा है.

ITBP प्रमुख ने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगने वाले थार रेगिस्तान में तीन दिन तक चली 200 किमी की लंबी 'फिट इंडिया' वॉकथॉन के समाप्त होने के बाद पत्रकारों से बात की.

वॉकथॉन पिछले महीने 31 अक्टूबर को शुरू हुई थी और इसका शुभारंभ केंद्रीय खेलमंत्री किरेन रिजिजू द्वारा जैसलमेर के नाथूवाला गांव में किया गया था.

देसवाल ने आगे कहा कि हमें चीन के साथ 3,488 किलोमीटर की सीमा के मोर्चे पर पहरा देने वाले अपने बलों को फिट रखने की आवश्यकता है. यह दुनिया की सबसे कठिन सीमा है और यह 10,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर है. इतना ही नहीं यहां घास का एक तिनका भी नहीं उगता है और इस सीमा क्षेत्र में कम ऑक्सीजन स्तर कम होने के साथ-साथ सर्दियों के दौरान तापमान माइनस 45 डिग्री पहुंच जाता है. यह हर तरह से जानलेवा सीमा रेखा है.

उन्होंने आगे कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे अधिकारी और जवान स्वस्थ हों और इन कठिन परिस्थितियों से बचे रहें.

आईटीबीपी के महानिदेशक ने कहा, हम अपने कर्मियों के प्रशिक्षण को उन्नत बना रहे हैं, ताकि वह मुस्तैदी के साथ अपने काम को पूरा कर सकें.

पढ़ें - चीन से मुकाबला करने को संयुक्त रूप से तैयार थल और वायुसेना

इस दौरान जब उनसे वॉकथॉन के उद्देश्य के बारे में पूछा गया तो, उन्होंने कहा कि विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य पुलिस बलों के लगभग 100 अधिकारियों ने राष्ट्र को स्वस्थ बनाने के लिए वॉकथॉन में भाग लिया और उन्होंने फिटनेस संबंधित जागरूकता फैलाने के लिए कई स्थानों की पैदल यात्राएं कीं.

उन्होंने बताया कि यह वॉकथॉन रेगिस्तानी क्षेत्र जिनमें सखीरवाला, भुट्टेवाला, काटोच और इंदिरा गांधी नहर से होकर गुजरी. इस दौरान 90,000 सुरक्षाकर्मियों ने LAC की 3,488 किमी लंबी सीमा की यात्रा की.

Last Updated : Nov 2, 2020, 8:26 PM IST
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