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तमिलनाडु : आयकर विभाग की रेड में हजार करोड़ से ज्यादा की अघोषित आय का पता चला

चेन्नई के दो व्यापारियों से जुड़े प्रतिष्ठानों में बीते दिनों की गई आयकर विभाग की रेड में 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित आय का पता चला है. ये भी सामने आया है कि फर्जी कैश क्रेडिट दिखाया गया.

आयकर विभाग
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Published : Mar 17, 2021, 6:44 PM IST

चेन्नई/नई दिल्ली : आयकर विभाग ने 4 मार्च 2021 को चेन्नई के दो व्यापारियों से जुड़े प्रतिष्ठानों में रेड की थी. इनमें एक तमिलनाडु का प्रमुख सराफा व्यापारी है और दूसरा दक्षिण भारत के सबसे बड़े आभूषण विक्रेताओं में से एक है.

चेन्नई, मुंबई, कोयम्बटूर, मदुरै, त्रिसूर, नेल्लोर, जयपुर और इंदौर स्थित 27 परिसरों में छापा मारा गया था.

सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच मेंं सामने आया है कि सराफा व्यापारी ने बेहिसाब नकद बिक्री की थी. उसने फर्जी कैश क्रेडिट दिखाया. खरीद के लिए अग्रिम की आड़ में डमी खातों में नकद भुगतान किया. नोटबंदी के दौरान बेहिसाब नकदी जमा की. अन्य अनियमितताएं भी पाई गईं.

ज्वैलरी रिटेलर के परिसर में पाए गए सबूतों से पता चला कि करदाता ने स्थानीय फाइनेंसरों से नकद ऋण प्राप्त किया और चुकाया. बिल्डरों को नकद ऋण दिया और अचल संपत्ति में नकद निवेश किया. साथ ही बेहिसाब सोना खरीदा, गलत ऋण का दावा किया, पुराने सोने को आभूषण बनाने, बदलने में इस्तेमाल किया.

पढ़ें- दिल्ली में नेपाली महिला की गोली मारकर हत्या, वारदात सीसीटीवी में कैद

अब तक की जांच में 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित आय का पता चला है. 1.2 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं. जांच जारी है.

चेन्नई/नई दिल्ली : आयकर विभाग ने 4 मार्च 2021 को चेन्नई के दो व्यापारियों से जुड़े प्रतिष्ठानों में रेड की थी. इनमें एक तमिलनाडु का प्रमुख सराफा व्यापारी है और दूसरा दक्षिण भारत के सबसे बड़े आभूषण विक्रेताओं में से एक है.

चेन्नई, मुंबई, कोयम्बटूर, मदुरै, त्रिसूर, नेल्लोर, जयपुर और इंदौर स्थित 27 परिसरों में छापा मारा गया था.

सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच मेंं सामने आया है कि सराफा व्यापारी ने बेहिसाब नकद बिक्री की थी. उसने फर्जी कैश क्रेडिट दिखाया. खरीद के लिए अग्रिम की आड़ में डमी खातों में नकद भुगतान किया. नोटबंदी के दौरान बेहिसाब नकदी जमा की. अन्य अनियमितताएं भी पाई गईं.

ज्वैलरी रिटेलर के परिसर में पाए गए सबूतों से पता चला कि करदाता ने स्थानीय फाइनेंसरों से नकद ऋण प्राप्त किया और चुकाया. बिल्डरों को नकद ऋण दिया और अचल संपत्ति में नकद निवेश किया. साथ ही बेहिसाब सोना खरीदा, गलत ऋण का दावा किया, पुराने सोने को आभूषण बनाने, बदलने में इस्तेमाल किया.

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अब तक की जांच में 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित आय का पता चला है. 1.2 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं. जांच जारी है.

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