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बेनामी जमीन मामले में दवा कंपनी पर आयकर विभाग ने मारा छापा

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Published : Dec 16, 2020, 10:26 PM IST

आयकर विभाग ने बेनामी जमीन मामले में दवा कंपनी पर छापा मारा. 13 दिसंबर को चंडीगढ़, दिल्ली और मुंबई के कुल 11 परिसरों को खंगाला गया. पढ़ें रिपोर्ट.

Income Tax Department
आयकर विभाग

नई दिल्ली : आयकर विभाग ने चंडीगढ़ स्थित सूचीबद्ध दवा कंपनी और इससे जुड़ी कंपनियों पर 13 दिसंबर को तलाशी और जब्ती कार्रवाई की. चंडीगढ़, दिल्ली और मुंबई के कुल 11 परिसरों को खंगाला गया. समूह के खिलाफ प्राथमिक आरोप यह था कि कंपनी ने इंदौर में 117 एकड़ बेनामी जमीन एक जाली कंपनी के नाम पर खरीदी है. जांच के दौरान कंपनी के खिलाफ पर्याप्त सबूत जब्त किए गए हैं. यह स्पष्ट रूप से स्थापित करता है कि दवा कंपनी ने एक बेनामी कंपनी बनाई थी. इसके सभी डमी निदेशकों और शेयरधारकों ने भी अपने संबंधित बयानों में स्वीकार किया है कि कंपनी एक शेल कंपनी थी, जिसकी कोई वास्तविक व्यावसायिक गतिविधि नहीं थी और इंदौर में जमीन प्रबंध निदेशक के लाभ के लिए सूचीबद्ध कंपनी के फंड से खरीदी गई थी.

हवाला के जरिए लेनदेन

कंपनी इस बेनामी जमीन को बेचने की तैयारी में थी. संभावित खरीदारों के कब्जे से 6 करोड़ भी बरामद हुए. खरीदारों ने अपने बयानों में स्वीकार किया है कि इस सौदे पर प्रबंध निदेशक द्वारा बातचीत की गई थी और प्रबंध निदेशक के कार्यालय में बेनामी भूमि की बिक्री के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. खरीदारों ने भी स्वीकार किया है कि उन्होंने एक हवाला ऑपरेटर के माध्यम से विभिन्न तारीखों पर 6 करोड़ दिए थे. हवाला ऑपरेटर ने अपने बयान में सूचीबद्ध कंपनी के कार्यालय में नकदी सौंपने की सटीक तारीखों और राशियों के साथ-साथ नकदी हस्तांतरण की एक विस्तृत विधि भी दी है. 4.29 करोड़ रुपये नकद राशि और 2.21 करोड़ के आभूषण अब तक जब्त किए गए हैं.

नई दिल्ली : आयकर विभाग ने चंडीगढ़ स्थित सूचीबद्ध दवा कंपनी और इससे जुड़ी कंपनियों पर 13 दिसंबर को तलाशी और जब्ती कार्रवाई की. चंडीगढ़, दिल्ली और मुंबई के कुल 11 परिसरों को खंगाला गया. समूह के खिलाफ प्राथमिक आरोप यह था कि कंपनी ने इंदौर में 117 एकड़ बेनामी जमीन एक जाली कंपनी के नाम पर खरीदी है. जांच के दौरान कंपनी के खिलाफ पर्याप्त सबूत जब्त किए गए हैं. यह स्पष्ट रूप से स्थापित करता है कि दवा कंपनी ने एक बेनामी कंपनी बनाई थी. इसके सभी डमी निदेशकों और शेयरधारकों ने भी अपने संबंधित बयानों में स्वीकार किया है कि कंपनी एक शेल कंपनी थी, जिसकी कोई वास्तविक व्यावसायिक गतिविधि नहीं थी और इंदौर में जमीन प्रबंध निदेशक के लाभ के लिए सूचीबद्ध कंपनी के फंड से खरीदी गई थी.

हवाला के जरिए लेनदेन

कंपनी इस बेनामी जमीन को बेचने की तैयारी में थी. संभावित खरीदारों के कब्जे से 6 करोड़ भी बरामद हुए. खरीदारों ने अपने बयानों में स्वीकार किया है कि इस सौदे पर प्रबंध निदेशक द्वारा बातचीत की गई थी और प्रबंध निदेशक के कार्यालय में बेनामी भूमि की बिक्री के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. खरीदारों ने भी स्वीकार किया है कि उन्होंने एक हवाला ऑपरेटर के माध्यम से विभिन्न तारीखों पर 6 करोड़ दिए थे. हवाला ऑपरेटर ने अपने बयान में सूचीबद्ध कंपनी के कार्यालय में नकदी सौंपने की सटीक तारीखों और राशियों के साथ-साथ नकदी हस्तांतरण की एक विस्तृत विधि भी दी है. 4.29 करोड़ रुपये नकद राशि और 2.21 करोड़ के आभूषण अब तक जब्त किए गए हैं.

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