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IT Raid triggers political war: आईटी रेड में 42 करोड़ बरामद , भाजपा का आरोप-'पांच राज्यों के चुनाव के लिए कर्नाटक से भेजा जा रहा पैसा' - 42 crore cash recovered

कर्नाटक में एक पूर्व पार्षद के रिश्तेदार के घर से आयकर विभाग ने करीब 42 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं (42 crore cash recovered), जिसके बाद से राज्य की राजनीति गर्मा गई है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं (IT Raid issue triggers political war).

IT Raid triggers political war
आईटी रेड में 42 करोड़ बरामद
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 13, 2023, 6:23 PM IST

बेंगलुरु: बेंगलुरु में आईटी छापे (Bengaluru IT Raid) के दौरान एक पूर्व पार्षद के रिश्तेदार के घर से 42 करोड़ रुपये नकद मिलने के बाद बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है (IT Raid issue triggers political war).

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का कहना है कि 'पूर्व मंत्री, भाजपा विधायक मुनिरत्न का यह आरोप कि राज्य के धन का उपयोग आगामी पांच राज्यों के चुनावों के लिए किया जाएगा, झूठा है. क्या उन्होंने इसे देखा है?'

सीएम बोले, आरोप सही नहीं : सीएम ने कहा, 'मैं विधायक मुनिरत्न द्वारा लगाए गए इस आरोप पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. क्या आपने इसे देखा है? क्या मुनिरत्न ने इसे देखा है? हर कोई दोष दे सकता है. सारे आरोप झूठे हैं.' सीएम ने पलटवार करते हुए कहा, 'बीजेपी विधायक के आरोप सही नहीं हैं.'

वहीं, इस मामले में कर्नाटक राज्य कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डी केम्पन्ना ने कहा, 'वह व्यक्ति कई वर्षों से ठेकेदार के रूप में काम नहीं कर रहा है. मुझे आईटी छापे के बारे में उचित जानकारी नहीं है. मैं सुबह टीवी भी नहीं देखता. यह उनका एकमात्र व्यवसाय नहीं है. यहां खेती, क्रशर समेत कई व्यवसाय हैं.'

मामले में पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि पांच राज्यों के चुनावों की घोषणा के बाद कर्नाटक में कपास के बक्से में पैसे पाए गए. कुमारस्वामी ने एक्स पर पोस्ट किया, 'आईटी छापे के दौरान ठेकेदार के रिश्तेदार के घर से किसका पैसा मिला? यह 42 करोड़ रुपये बीबीएमपी द्वारा चयनित ठेकेदारों को 650 करोड़ रुपये जारी करने के बाद आईटी अधिकारियों को प्राप्त हुए. तो कलेक्शन सच्चा था. वह कितना प्रतिशत है? इसके पीछे कौन है?'

कुमारस्वामी ने अनुरोध किया कि सीबीआई, ईडी, वर्तमान न्यायाधीश और सेवानिवृत्त न्यायाधीश कृपया बताएं कि जांच किसके द्वारा की गई. उन्होंने कहा कि 'जानकारी है कि 23 बक्सों में भरकर पैसा पड़ोसी राज्य तेलंगाना ले जाया जा रहा था. तो ये सच है कि ये पैसा चुनाव के लिए इकट्ठा किया गया था. तभी आईटी विभाग की रेड का नतीजा सबके सामने आ जाता है. इसका मतलब यह है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार में प्रतिशत है. सिद्धारमैया को बताना चाहिए कि 42 करोड़ रुपये के बारे में क्या जांच होगी.'

भाजपा ने उठाए सवाल : बीजेपी विधायक, पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ अश्वत्थनारायण ने कहा कि 'इस बात की उचित जांच होनी चाहिए कि ठेकेदार अंबिकापति के आवास में करोड़ों रुपये कैसे आए, जबकि ठेकेदार बिल बकाया के पैसे के बिना संकट में है. बीजेपी विधायक ने मांग की है 'हमारी भाजपा सरकार के खिलाफ आरोप लगाने वाले व्यक्ति के आवास में पाए गए धन के स्रोत का खुलासा किया जाना चाहिए.'

अश्वत्थनारायण ने बेंगलुरु में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'एक ठेकेदार के आवास पर आईटी रेड हुई है. कालेधन का पता लगाने के लिए आईटी रेड जरूरी हैं. मौजूदा मामले में ठेकेदार के पास पैसे नहीं हैं. इस सरकार ने बिना बकाया बिल वाले ठेकेदारों के लिए मुश्किल स्थिति पैदा कर दी है. ऐसे में उनके पास 42 करोड़ कैश कैसे आए?' अश्वत्थनारायण ने कहा, 'इस पैसे के स्रोत की जांच की जानी चाहिए.'

उन्होंने कहा कि 'साथ ही आरोप है कि राज्य की कांग्रेस सरकार पांच राज्यों के चुनाव के लिए फंडिंग कर रही है. इसी आरोप की पृष्ठभूमि में अब यह छापेमारी हुई है.'

वहीं, उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि देश में बिना राजनीतिक मकसद के आईटी रेड नहीं होती. बेंगलुरु में इस बारे में बात करते हुए शिवकुमार ने कहा कि 'कोई भी आईटी रेड बिना राजनीति के नहीं होती.' उन्होंने आरोप लगाया, 'राजनीति से प्रेरित आईटी रेड अन्य राज्यों में भी हो रही हैं.'

जब पूर्व मंत्री अश्वत्थनारायण के इस आरोप के बारे में पूछा गया कि पांच राज्यों के चुनावों के लिए कर्नाटक से पैसा भेजा जा रहा है, तो शिवकुमार ने कहा, 'मैं उन लोगों को जवाब नहीं देता जो सड़कों पर चलते हैं.'

जब इस आरोप के बारे में पूछा गया कि बीबीएमपी द्वारा जारी 650 करोड़ के अनुदान से प्राप्त कमीशन का पैसा एक ठेकेदार के माध्यम से भेजा जा रहा था, तो शिवकुमार ने कहा, 'मुझे इस मामले के बारे में पता नहीं था.'

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मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का कहना है कि 'पूर्व मंत्री, भाजपा विधायक मुनिरत्न का यह आरोप कि राज्य के धन का उपयोग आगामी पांच राज्यों के चुनावों के लिए किया जाएगा, झूठा है. क्या उन्होंने इसे देखा है?'

सीएम बोले, आरोप सही नहीं : सीएम ने कहा, 'मैं विधायक मुनिरत्न द्वारा लगाए गए इस आरोप पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. क्या आपने इसे देखा है? क्या मुनिरत्न ने इसे देखा है? हर कोई दोष दे सकता है. सारे आरोप झूठे हैं.' सीएम ने पलटवार करते हुए कहा, 'बीजेपी विधायक के आरोप सही नहीं हैं.'

वहीं, इस मामले में कर्नाटक राज्य कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डी केम्पन्ना ने कहा, 'वह व्यक्ति कई वर्षों से ठेकेदार के रूप में काम नहीं कर रहा है. मुझे आईटी छापे के बारे में उचित जानकारी नहीं है. मैं सुबह टीवी भी नहीं देखता. यह उनका एकमात्र व्यवसाय नहीं है. यहां खेती, क्रशर समेत कई व्यवसाय हैं.'

मामले में पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि पांच राज्यों के चुनावों की घोषणा के बाद कर्नाटक में कपास के बक्से में पैसे पाए गए. कुमारस्वामी ने एक्स पर पोस्ट किया, 'आईटी छापे के दौरान ठेकेदार के रिश्तेदार के घर से किसका पैसा मिला? यह 42 करोड़ रुपये बीबीएमपी द्वारा चयनित ठेकेदारों को 650 करोड़ रुपये जारी करने के बाद आईटी अधिकारियों को प्राप्त हुए. तो कलेक्शन सच्चा था. वह कितना प्रतिशत है? इसके पीछे कौन है?'

कुमारस्वामी ने अनुरोध किया कि सीबीआई, ईडी, वर्तमान न्यायाधीश और सेवानिवृत्त न्यायाधीश कृपया बताएं कि जांच किसके द्वारा की गई. उन्होंने कहा कि 'जानकारी है कि 23 बक्सों में भरकर पैसा पड़ोसी राज्य तेलंगाना ले जाया जा रहा था. तो ये सच है कि ये पैसा चुनाव के लिए इकट्ठा किया गया था. तभी आईटी विभाग की रेड का नतीजा सबके सामने आ जाता है. इसका मतलब यह है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार में प्रतिशत है. सिद्धारमैया को बताना चाहिए कि 42 करोड़ रुपये के बारे में क्या जांच होगी.'

भाजपा ने उठाए सवाल : बीजेपी विधायक, पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ अश्वत्थनारायण ने कहा कि 'इस बात की उचित जांच होनी चाहिए कि ठेकेदार अंबिकापति के आवास में करोड़ों रुपये कैसे आए, जबकि ठेकेदार बिल बकाया के पैसे के बिना संकट में है. बीजेपी विधायक ने मांग की है 'हमारी भाजपा सरकार के खिलाफ आरोप लगाने वाले व्यक्ति के आवास में पाए गए धन के स्रोत का खुलासा किया जाना चाहिए.'

अश्वत्थनारायण ने बेंगलुरु में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'एक ठेकेदार के आवास पर आईटी रेड हुई है. कालेधन का पता लगाने के लिए आईटी रेड जरूरी हैं. मौजूदा मामले में ठेकेदार के पास पैसे नहीं हैं. इस सरकार ने बिना बकाया बिल वाले ठेकेदारों के लिए मुश्किल स्थिति पैदा कर दी है. ऐसे में उनके पास 42 करोड़ कैश कैसे आए?' अश्वत्थनारायण ने कहा, 'इस पैसे के स्रोत की जांच की जानी चाहिए.'

उन्होंने कहा कि 'साथ ही आरोप है कि राज्य की कांग्रेस सरकार पांच राज्यों के चुनाव के लिए फंडिंग कर रही है. इसी आरोप की पृष्ठभूमि में अब यह छापेमारी हुई है.'

वहीं, उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि देश में बिना राजनीतिक मकसद के आईटी रेड नहीं होती. बेंगलुरु में इस बारे में बात करते हुए शिवकुमार ने कहा कि 'कोई भी आईटी रेड बिना राजनीति के नहीं होती.' उन्होंने आरोप लगाया, 'राजनीति से प्रेरित आईटी रेड अन्य राज्यों में भी हो रही हैं.'

जब पूर्व मंत्री अश्वत्थनारायण के इस आरोप के बारे में पूछा गया कि पांच राज्यों के चुनावों के लिए कर्नाटक से पैसा भेजा जा रहा है, तो शिवकुमार ने कहा, 'मैं उन लोगों को जवाब नहीं देता जो सड़कों पर चलते हैं.'

जब इस आरोप के बारे में पूछा गया कि बीबीएमपी द्वारा जारी 650 करोड़ के अनुदान से प्राप्त कमीशन का पैसा एक ठेकेदार के माध्यम से भेजा जा रहा था, तो शिवकुमार ने कहा, 'मुझे इस मामले के बारे में पता नहीं था.'

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