नई दिल्ली : आयकर विभाग (Income Tax Department) ने इस्लामिक संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) (Islamic organisation PFI) को दी गई कर छूट को वापस ले लिया है. विभाग ने पाया कि पीएफआई की गतिविधियां कानूनी रूप से अधिसूचित परमार्थ संगठनों की तरह नहीं हैं. संगठन की गतिविधियां सही नहीं हैं.
विभाग ने हाल में पीएफआई को आयकर कानून, 1961 की धारा 12एए (3) के तहत दिए गए पंजीकरण को रद्द कर दिया था. पीएफआई को यह पंजीकरण अगस्त, 2012 में मिला था. विभाग की ओर से मार्च में जारी आदेश में कहा गया है कि पीएफआई को दिया गया कर लाभ आकलन वर्ष 2016-17 से 'रद्द किया जा रहा है/वापस लिया जा रहा है.
इस आदेश का मतलब है कि पीएफआई को अब आयकर देना होगा. साथ ही पीएफआई के दानदाताओं को भी किसी तरह की कर छूट नहीं मिलेगी. पीएफआई इस आदेश को विभाग के उच्च प्राधिकरणों और बाद में अदालतों में चुनौती दे सकता है.
पीएफआई की स्थापना 2006 (PFI formed in 2006) में केरल में हुई थी. इसका मुख्यालय दिल्ली में है. विभिन्न राज्यों के पुलिस विभागों के साथ केंद्रीय एजेंसियां मसलन प्रवर्तन निदेशालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ( National Investigation Agency) पीएफआई की जांच कर रही है. पीएफआई के सदस्यों पर मनी लांड्रिंग के अलावा आतंकवादी गतिविधियों में भी शामिल होने का आरोप है.
यह भी पढ़ें- बेनामी जमीन मामले में दवा कंपनी पर आयकर विभाग ने मारा छापा
विभाग ने आयकर कानून की धारा 12एए के साथ ही 12ए और धारा 80 जी के तहत पीएफआई का परमार्थ संगठन का दर्जा वापस ले लिया है. धारा 12ए/12एए किसी परमार्थ संगठन या धर्मार्थ न्यास या संगठन को कर छूट दिये जाने से संबंधित है. वहीं धारा 80 जी के तहत परमार्थ या धर्मार्थ संस्थानों को दान करने वाले व्यक्तियों को मिलने वाली आयकर छूट से संबंधित है.