नई दिल्ली : 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपना पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है कि जन संपर्क कार्यक्रम आम आदमी की चिंताओं को सार्वजनिक चर्चा में लाता है, लेकिन अगले चरण में असली चुनौती उन्हें जनता के मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगने की होगी(Congress to seek govt accountability).
रविवार को सूत्रों ने बताया कि अनुभवी दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय समन्वय समिति द्वारा 14 नवंबर को की जाने वाली यात्रा की व्यापक समीक्षा से पहले पार्टी हलकों में विचार किया जा रहा है. सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना होते हुए इस समय महाराष्ट्र में है. हालांकि पार्टी प्रबंधक यात्रा को सामाजिक आंदोलन बताते रहे हैं, लेकिन इसके परोक्ष राजनीतिक फायदे भी गिनाए जा रहे हैं.
संगठन के प्रभारी एआईसीसी सचिव वामशी चंद रेड्डी (Vamshi Chand Reddy) के अनुसार यात्रा ने काफी राजनीतिक पूंजी पैदा की है, अब ठोस कार्य योजनाओं के माध्यम से इसका लाभ उठाने की योजना बनानी चाहिए.
वामशी चंद रेड्डी ने ईटीवी भारत को बताया कि 'यात्रा को काफी सार्वजनिक प्रतिक्रिया मिली है,अगले चरण में राज्य इकाइयों को गति पकड़नी होगी और इसे जारी रखना होगा. यह सबसे अधिक फायदेमंद होगा कि राहुल गांधी के राज्य छोड़ने के बाद, स्थानीय टीम लोगों के साथ बातचीत के दौरान आने वाले मुद्दों को चिह्नित करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करती रहें.'
उन्होंने कहा कि 'राहुल गांधी ने महिलाओं, किसानों, बेरोजगार युवाओं, पेशेवरों और छोटे उद्योगपतियों सहित कई सामाजिक समूहों से मुलाकात की है. राज्य इकाइयों को कार्य योजना बनाते समय इन सभी समूहों के साथ जुड़ना चाहिए. उदाहरण के लिए कर्नाटक में जहां अगले साल अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां, लोगों द्वारा उठाए गए मुद्दों को हमारे घोषणापत्र में शामिल किया जा सकता है.
संगठन के प्रभारी एआईसीसी सचिव जेडी सीलम ने अपने सहयोगी के विचारों का समर्थन किया और कहा कि यात्रा मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने में सफल रही लेकिन राज्य इकाई को इसे जारी रखने की कार्रवाई करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि 'लोग यात्रा पर चर्चा कर रहे हैं और उन मुद्दों से अवगत हो रहे हैं जिन्हें हम हरी झंडी दिखा रहे हैं. राज्य इकाइयों को इसका फालोअप करने की आवश्यकता होगी, इससे सरकार पर दबाव बनेगा.'
राहुल गांधी के 120 साथी यात्रियों में से एक एआईसीसी के प्रवक्ता कन्हैया कुमार के अनुसार,'पहले चरण में पैदल मार्च के साथ देश सामान्य हो गया है जिसमें कई सार्वजनिक मुद्दों की पहचान की गई है. यात्रा लोगों के मुद्दों को सार्वजनिक चर्चा में ला रही है. वे जानते हैं कि हम उनके मुद्दों को उठा रहे हैं. अगले चरण में पार्टी को उन मुद्दों को हल करने में सरकार की जवाबदेही तय करने की आवश्यकता होगी.'
उन्होंने कहा कि 'मूल्य वृद्धि और बेरोजगारी लोगों को प्रभावित करने वाले सबसे प्रमुख मुद्दे हैं.' रेड्डी और कन्हैया दोनों ने कहा कि यात्रा ने लोगों के सामने असली राहुल गांधी को सामने लाया और नेता के बारे में सभी नकारात्मक प्रचार को ध्वस्त कर दिया. रेड्डी ने कहा कि 'विरोधियों ने राहुल की निगेटिव इमेज बनाई थी, लेकिन असली इंसान तो लोगों के सामने होता है.' वहीं, कन्हैया कुमार ने कहा कि 'राहुल के खिलाफ पूरे फर्जी अभियान को एक ही बार में ध्वस्त कर दिया गया है. यह केवल लोगों के पास जाकर किया गया.'
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