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Chhattisgarh Assembly: अमृतपाल के समर्थन में रायपुर में निकली रैली का मुद्दा छत्तीसगढ़ विधानसभा में गूंजा - वारिस पंजाब दे

छत्तीसगढ़ में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के समर्थन में बुधवार को रायपुर में रैली निकाली गई थी. गुरुवार को ये मुद्दा विधानसभा में भी गूंजा. बीजेपी ने कानून व्यवस्था के सवाल पर प्रदेश सरकार को घेरा. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए रोकनी पड़ी.Chhattisgarh Assembly

issue of rally in favor of Khalistan supporter
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Published : Mar 23, 2023, 4:35 PM IST

Updated : Mar 23, 2023, 6:38 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बुधवार को खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के समर्थन में निकली रैली का मुद्दा गर्मा गया है. गुरुवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ. शून्यकाल में विधायक धर्मजीत सिंह ने सरकार को घेरा. धर्मजीत सिंह ने कहा कि "छत्तीसगढ़ में खालिस्तान के समर्थन में रैली निकाली जा रही है. सरकार अपराध पर काबू नहीं कर पा रही है."

रैली को लेकर बीजेपी ने सरकार पर बोला हमला : बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि ''यह छत्तीसगढ़ के लिए अलार्मिंग सिचुएशन है.'' विधायक धरमलाल कौशिक ने भी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया. कौशिक ने कहा कि ''सरकार के सभी तंत्र फेल हो गए हैं. किसी सोर्स को नहीं पता कि खालिस्तान के समर्थन में रैली निकाली जा रही है.'' विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर इस मामले में संज्ञान नहीं लेने का आरोप लगाया. विपक्ष ने सरकार के इंटेलिजेंस पर भी सवाल उठाए.

रोकनी पड़ी सदन की कार्यवाही: कृषि मंत्री रवि चौबे ने सदन में कहा कि ''मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों से चर्चा कर निर्देश दिए हैं. इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.'' छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध के मामले को लेकर विपक्ष शून्यकाल में चर्चा के लिए स्थगन लेकर आई. विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को आसंदी ने स्वीकार नहीं किया. इसके बाद जमकर हंगामा हुआ.

ये भी पढ़ें- रायपुर में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के समर्थन में रैली, सीएम भूपेश ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण

जानिए कौन है अमृतपाल : अब आईए आपको बताते हैं कि आखिर कौन है अमृतपाल. यह वो शख्स है, जिसने वारिस पंजाब दे नामक एक संस्था की जिम्मेदारी ली है. ये वही संस्था है जिससे दीप संधू जुड़ा था और जिस पर लाल किले में खालिस्तानी झंडा फहराने का आरोप था. दीप संधू की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद अमृतपाल दुबई से वापस आया और संगठन का जिम्मा संभाला. इस संस्था के ज्यादातर लोग ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए खालिस्तान समर्थक भिंडरावाला के समर्थक माने जाते हैं. इसलिए इस ग्रुप को खालिस्तान का समर्थक बताया जा रहा है. वहीं हाल ही में इंटेलिजेंस को ये भी रिपोर्ट मिली है कि अमृतपाल को पाकिस्तान से फंडिंग की जा रही थी, जिसका इस्तेमाल वो प्राइवेट आर्मी बनाने में कर रहा था. दुर्भाग्य ये है कि जब तक पुलिस अमृतपाल को गिरफ्तार करती वो चकमा देकर फरार हो गया.

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बुधवार को खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के समर्थन में निकली रैली का मुद्दा गर्मा गया है. गुरुवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ. शून्यकाल में विधायक धर्मजीत सिंह ने सरकार को घेरा. धर्मजीत सिंह ने कहा कि "छत्तीसगढ़ में खालिस्तान के समर्थन में रैली निकाली जा रही है. सरकार अपराध पर काबू नहीं कर पा रही है."

रैली को लेकर बीजेपी ने सरकार पर बोला हमला : बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि ''यह छत्तीसगढ़ के लिए अलार्मिंग सिचुएशन है.'' विधायक धरमलाल कौशिक ने भी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया. कौशिक ने कहा कि ''सरकार के सभी तंत्र फेल हो गए हैं. किसी सोर्स को नहीं पता कि खालिस्तान के समर्थन में रैली निकाली जा रही है.'' विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर इस मामले में संज्ञान नहीं लेने का आरोप लगाया. विपक्ष ने सरकार के इंटेलिजेंस पर भी सवाल उठाए.

रोकनी पड़ी सदन की कार्यवाही: कृषि मंत्री रवि चौबे ने सदन में कहा कि ''मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों से चर्चा कर निर्देश दिए हैं. इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.'' छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध के मामले को लेकर विपक्ष शून्यकाल में चर्चा के लिए स्थगन लेकर आई. विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को आसंदी ने स्वीकार नहीं किया. इसके बाद जमकर हंगामा हुआ.

ये भी पढ़ें- रायपुर में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के समर्थन में रैली, सीएम भूपेश ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण

जानिए कौन है अमृतपाल : अब आईए आपको बताते हैं कि आखिर कौन है अमृतपाल. यह वो शख्स है, जिसने वारिस पंजाब दे नामक एक संस्था की जिम्मेदारी ली है. ये वही संस्था है जिससे दीप संधू जुड़ा था और जिस पर लाल किले में खालिस्तानी झंडा फहराने का आरोप था. दीप संधू की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद अमृतपाल दुबई से वापस आया और संगठन का जिम्मा संभाला. इस संस्था के ज्यादातर लोग ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए खालिस्तान समर्थक भिंडरावाला के समर्थक माने जाते हैं. इसलिए इस ग्रुप को खालिस्तान का समर्थक बताया जा रहा है. वहीं हाल ही में इंटेलिजेंस को ये भी रिपोर्ट मिली है कि अमृतपाल को पाकिस्तान से फंडिंग की जा रही थी, जिसका इस्तेमाल वो प्राइवेट आर्मी बनाने में कर रहा था. दुर्भाग्य ये है कि जब तक पुलिस अमृतपाल को गिरफ्तार करती वो चकमा देकर फरार हो गया.

Last Updated : Mar 23, 2023, 6:38 PM IST
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