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ISRO espionage : पूर्व डीजीपी श्रीकुमार ने ट्रांजिट जमानत मांगी, हाईकोर्ट से सीबीआई को नोटिस

गुजरात हाईकोर्ट ने इसरो 'जासूसी' मामले (ISRO espionage case) में ट्रांजिट जमानत की मांग वाली याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया है. अदालत ने यह नोटिस पूर्व डीजीपी श्रीकुमार की याचिका पर जारी किया. बता दें कि इसरो जासूसी मामले में श्रीकुमार को भी आरोपी बनाया गया है.

ISRO espionage case
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Published : Jul 21, 2021, 1:45 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात उच्च न्यायालय ने इसरो जासूसी मामले (ISRO espionage case) में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को एक नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार (retired Gujarat DGP RB Sreekumar) को 28 जुलाई तक गिरफ्तारी से संरक्षण का आदेश दिया.

मंगलवार को न्यायमूर्ति ए एस सुपेहिया ने सीबीआई को नोटिस जारी किया जिस पर सीबीआई को 28 जुलाई को जवाब देना है. अदालत ने उन्हें उस तारीख तक गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की. श्रीकुमार ने अग्रिम जमानत के लिए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने तक गिरफ्तारी से सुरक्षा मांगी थी क्योंकि मामला उसके अधिकार क्षेत्र में है.

गौरतलब है कि गुजरात काडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी श्रीकुमार को 1994 के इसरो जासूसी मामले (ISRO espionage case 1994) में सीबीआई द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी में 17 अन्य सेवानिवृत्त कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ एक आरोपी बनाया गया था, जिसमें इसरो के पूर्व वैज्ञानिक एस एन नारायणन को कथित रूप से फंसाया गया था.

गौरतलब है कि गत सात जुलाई को सीबीआई ने एक अहम बयान में कहा था कि नंबी नारायण को इसरो जासूसी मामले में फंसाया गया है. सीबीआई ने कहा कि दोनों आरोपियों के खिलाफ गंभीर प्रकृति के अपराध के मामले दर्ज हैं और दोनों ने अन्य आरोपियों के साथ साजिश रचते हुए जासूसी का मनगढ़ंत मामला बनाया.

यह भी पढ़ें- नंबी नारायणन को फंसाने से भारत के क्रायोजेनिक प्रौद्योगिकी विकास में देरी हुई: सीबीआई

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन (Nambi Narayanan ) को 1994 के एक जासूसी मामले में गिरफ्तार किये जाने में शामिल केरल पुलिस के दो पूर्व अधिकारियों की जमानत अर्जियों का बुधवार को केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) में विरोध करते हुए कहा कि दोनों ने वैज्ञानिक को 'मनगढ़ंत मामले' में फंसाया जिसकी वजह से भारत के क्रायोजेनिक प्रौद्योगिकी विकास में देरी हुई.

(पीटीआई-भाषा)

अहमदाबाद : गुजरात उच्च न्यायालय ने इसरो जासूसी मामले (ISRO espionage case) में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को एक नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार (retired Gujarat DGP RB Sreekumar) को 28 जुलाई तक गिरफ्तारी से संरक्षण का आदेश दिया.

मंगलवार को न्यायमूर्ति ए एस सुपेहिया ने सीबीआई को नोटिस जारी किया जिस पर सीबीआई को 28 जुलाई को जवाब देना है. अदालत ने उन्हें उस तारीख तक गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की. श्रीकुमार ने अग्रिम जमानत के लिए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने तक गिरफ्तारी से सुरक्षा मांगी थी क्योंकि मामला उसके अधिकार क्षेत्र में है.

गौरतलब है कि गुजरात काडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी श्रीकुमार को 1994 के इसरो जासूसी मामले (ISRO espionage case 1994) में सीबीआई द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी में 17 अन्य सेवानिवृत्त कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ एक आरोपी बनाया गया था, जिसमें इसरो के पूर्व वैज्ञानिक एस एन नारायणन को कथित रूप से फंसाया गया था.

गौरतलब है कि गत सात जुलाई को सीबीआई ने एक अहम बयान में कहा था कि नंबी नारायण को इसरो जासूसी मामले में फंसाया गया है. सीबीआई ने कहा कि दोनों आरोपियों के खिलाफ गंभीर प्रकृति के अपराध के मामले दर्ज हैं और दोनों ने अन्य आरोपियों के साथ साजिश रचते हुए जासूसी का मनगढ़ंत मामला बनाया.

यह भी पढ़ें- नंबी नारायणन को फंसाने से भारत के क्रायोजेनिक प्रौद्योगिकी विकास में देरी हुई: सीबीआई

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन (Nambi Narayanan ) को 1994 के एक जासूसी मामले में गिरफ्तार किये जाने में शामिल केरल पुलिस के दो पूर्व अधिकारियों की जमानत अर्जियों का बुधवार को केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) में विरोध करते हुए कहा कि दोनों ने वैज्ञानिक को 'मनगढ़ंत मामले' में फंसाया जिसकी वजह से भारत के क्रायोजेनिक प्रौद्योगिकी विकास में देरी हुई.

(पीटीआई-भाषा)

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