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Big Achievement: मेकॉन के नाम एक और कीर्तिमान, इसरो में स्थापित टेस्ट स्टैंड पर सेमी क्रायोजेनिक इंजन का पहला परीक्षण सफल - mecon engineers

झारखंड की राजधानी रांची में स्थित मेकॉन के द्वारा तैयार इसरो में स्थापित टेस्ट स्टैंड पर सेमी क्रायोजेनिक इंजन का पहला परीक्षण सफल रहा है. इसे मेकॉन के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.

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Published : May 18, 2023, 6:36 PM IST

रांची: झारखंड की राजधानी में स्थित मेकॉन ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. 10 मई को तमिलनाडु के महेंद्रगिरी में जिस टेस्ट स्टैंड पर इसरो प्रोपल्शन कॉम्पलेक्स यानी आईपीआरसी-इसरो में नव-स्थापित सेमी क्रायोजेनिक एकीकृत इंजन के लिए स्टेटिक हॉट परीक्षण किया गया था. उसका निर्माण मेकॉन के इंजीनियरों ने किया है. नव-स्थापित सेमी क्रायोजेनिक एकीकृत इंजन का पहला परीक्षण सफल रहा है. परीक्षण सफल होने के साथ ही मेकॉन में निर्मित एकीकृत सेमी क्रायोजेनिक इंजन परीक्षण सुविधा का संचालन शुरू हो गया है.

यह भी पढ़ें: मेकॉन ने हासिल की बड़ी उपलब्धि, ब्रह्मपुत्र नदी पर बनायी देश की सबसे लंबी एचडीडी क्रासिंग की डिजाइन

मेकॉन द्वारा बनाई गई अपनी तरह की पहली परीक्षण सुविधा: खास बात है कि सेमी क्रायोजेनिक प्रोपल्शन सिस्टम पर इस तरह के परीक्षण के लिए मेकॉन द्वारा बनाई गई यह अपनी तरह की पहली परीक्षण सुविधा है. ये कामयाबी ना सिर्फ अंतरिक्ष मानव मिशन के भारत के सपनों को साकार करने की दिशा में एक बेहद महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकार करने की दिशा में भी लंबी छलांग है. इस सफलता से आने वाले दिनों में लाॅन्च वाहनों के लिए इसरो की पेलोड क्षमता को बढ़ाने का रास्ता भी साफ होगा.

मेकॉन की भूमिका: इसे तैयार करने में अगर मेकॉन की भूमिका की बात की जाए तो डिजाइनिंग से लेकर इंजीनियरिंग, खरीद सेवाएं, शॉप फैब्रिकेशन, साइट फैब्रिकेशन, निर्माण, निरीक्षण और परीक्षण से लेकर सिस्टम की कमीशनिंग तकके कामों में मेकॉन के इंजीनियर्स शामिल हैं. इसमें खास तौर पर सुपर स्ट्रक्चर, लोडिंग फ्रेम्स, फोल्डिंग प्लेटफॉर्म, स्विंग डोर्स, मूविंग प्लेटफॉर्म्स, एस्केप च्यूट, मेटेरिल हैंडलिंग इक्विपमेंट और इलेक्ट्रिकल सिस्टम्स को तैयार करने के काम शामिल हैं.

मेकॉन के इंजीनियर्स ने देश की सबसे लंबी हॉरिजेंटल डायरेक्शनल ड्रिलिंग क्रासिंग की डिजाइन पूरी: बता दें कि मेकॉन केंद्र सरकार की इकाई है. पिछले दिनों इसके इंजीनियरों ने ब्रह्मपुत्र नदी पर 4,085 मीटर यानी 4 किमी देश की सबसे लंबी हॉरिजेंटल डायरेक्शनल ड्रिलिंग क्रासिंग की डिजाइन पूरी की थी. यह काम आईजीजीएल के उत्तर पूर्व गैस ग्रिड परियोजना के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी के रूप में कार्य करते हुए पूरी की गई थी. इसकी बदौलत उत्तर पूर्व के राज्यों को प्राकृतिक गैस पाइप लाइन के जरिए जोड़ा जा सकेगा.

रांची: झारखंड की राजधानी में स्थित मेकॉन ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. 10 मई को तमिलनाडु के महेंद्रगिरी में जिस टेस्ट स्टैंड पर इसरो प्रोपल्शन कॉम्पलेक्स यानी आईपीआरसी-इसरो में नव-स्थापित सेमी क्रायोजेनिक एकीकृत इंजन के लिए स्टेटिक हॉट परीक्षण किया गया था. उसका निर्माण मेकॉन के इंजीनियरों ने किया है. नव-स्थापित सेमी क्रायोजेनिक एकीकृत इंजन का पहला परीक्षण सफल रहा है. परीक्षण सफल होने के साथ ही मेकॉन में निर्मित एकीकृत सेमी क्रायोजेनिक इंजन परीक्षण सुविधा का संचालन शुरू हो गया है.

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मेकॉन द्वारा बनाई गई अपनी तरह की पहली परीक्षण सुविधा: खास बात है कि सेमी क्रायोजेनिक प्रोपल्शन सिस्टम पर इस तरह के परीक्षण के लिए मेकॉन द्वारा बनाई गई यह अपनी तरह की पहली परीक्षण सुविधा है. ये कामयाबी ना सिर्फ अंतरिक्ष मानव मिशन के भारत के सपनों को साकार करने की दिशा में एक बेहद महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकार करने की दिशा में भी लंबी छलांग है. इस सफलता से आने वाले दिनों में लाॅन्च वाहनों के लिए इसरो की पेलोड क्षमता को बढ़ाने का रास्ता भी साफ होगा.

मेकॉन की भूमिका: इसे तैयार करने में अगर मेकॉन की भूमिका की बात की जाए तो डिजाइनिंग से लेकर इंजीनियरिंग, खरीद सेवाएं, शॉप फैब्रिकेशन, साइट फैब्रिकेशन, निर्माण, निरीक्षण और परीक्षण से लेकर सिस्टम की कमीशनिंग तकके कामों में मेकॉन के इंजीनियर्स शामिल हैं. इसमें खास तौर पर सुपर स्ट्रक्चर, लोडिंग फ्रेम्स, फोल्डिंग प्लेटफॉर्म, स्विंग डोर्स, मूविंग प्लेटफॉर्म्स, एस्केप च्यूट, मेटेरिल हैंडलिंग इक्विपमेंट और इलेक्ट्रिकल सिस्टम्स को तैयार करने के काम शामिल हैं.

मेकॉन के इंजीनियर्स ने देश की सबसे लंबी हॉरिजेंटल डायरेक्शनल ड्रिलिंग क्रासिंग की डिजाइन पूरी: बता दें कि मेकॉन केंद्र सरकार की इकाई है. पिछले दिनों इसके इंजीनियरों ने ब्रह्मपुत्र नदी पर 4,085 मीटर यानी 4 किमी देश की सबसे लंबी हॉरिजेंटल डायरेक्शनल ड्रिलिंग क्रासिंग की डिजाइन पूरी की थी. यह काम आईजीजीएल के उत्तर पूर्व गैस ग्रिड परियोजना के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी के रूप में कार्य करते हुए पूरी की गई थी. इसकी बदौलत उत्तर पूर्व के राज्यों को प्राकृतिक गैस पाइप लाइन के जरिए जोड़ा जा सकेगा.

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