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क्या केरल के एलडीएफ मॉडल को अपना रहे हैं कमल हासन? - इंडियन पॉलिटिक्स एक्शन कमेटी

तमिलनाडु में होने वाले 2021 विधानसभा चुनावों के लिए जहां सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने चुनाव रणनीतिकार सुनील कानूनगो को चुना है, तो वहीं DMK प्रशांत किशोर की इंडियन पॉलिटिक्स एक्शन कमेटी पर निर्भर है, जबकि अभिनेता कमल हासन ने केरल में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार के मॉडल को अपनाया है.

कमल हासन
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Published : Feb 21, 2021, 5:47 PM IST

चेन्नई : अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन ने मक्कल नीधि मय्यम पार्टी की तीसरी वर्षगांठ मनाने के लिए रविवार को चेन्नई में एक मेगा कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. कमल हासन आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए लोगों से आवेदन प्राप्त करेंगे. इसके बाद वह नामित लोगों में से चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन करेंगे.

वहीं अगर बात की जाए राज्य को दो बड़ी द्रविड़ पार्टियों - AIADMK और DMK की, तो मोटे तौर पर वह कॉरपोरेट पेसफोलॉजिस्ट पर निर्भर हैं, जबकि कमल हासन केरल मॉडल को अपना रहे हैं. अब देखना होगा कि क्या यह चुनाव पार्टी के पक्ष में होगा और इसे बड़ी तादाद में वोट मिलेंगे? या पार्टी कई सीटें जीतेगी और चुनाव के बाद तमिलनाडु में तीसरी बड़ी पार्टी बनने में सफल होगी?

क्या केरल के एलडीएफ मॉडल को अपना रहे हैं कमल हासन?

क्या कमल हासन केरल के एलडीएफ मॉडल को अपना रहे हैं ?

तमिलनाडु में होने वाले 2021 विधानसभा चुनावों के लिए जहां सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने चुनाव रणनीतिकार सुनील कानूनगो को चुना है, तो वहीं DMK प्रशांत किशोर की इंडियन पॉलिटिक्स एक्शन कमेटी पर निर्भर है, जबकि अभिनेता कमल हासन ने केरल में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार के मॉडल को अपनाया है.

केरल में एलडीएफ की सफलता से उत्साहित, कमल हासन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता विजयन से मिलते रहते हैं और अक्सर उनके बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं.

60 साल के लंबे फिल्म कैरियर के दौरान अपनी कई तमिल फिल्में बनाने के लिए हॉलीवुड, बॉलीवुड और अन्य फिल्मों की स्क्रिप्ट को अपनाने वाले अभिनेता ने इस साल तमिलनाडु की राजनीति में अपनी पहचान बनाने के लिए केरल की ओर रुख किया है.

2015 की ब्लॉकबस्टर थ्रिलर फिल्म पापनासम 2013 की मलयालम फिल्म दृश्यम की रीमेक थी. इस फिल्म में कमल ने एक मध्यमवर्गीय केबल टीवी ऑपरेटर, सुयम्बु की भूमिका निभाई थी.

हालांकि, वास्तविक जीवन में कमल हासन ने पिनारयी विजयन के मॉडल को अपनाया है. बता दें कि एलडीएफ ने पिछले साल दिसंबर में केरल में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में शानदार जीत दर्ज की थी.

उल्लेखनीय है कि एलडीएफ ने प्रसिद्ध लोक सेवकों, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और प्रभावशाली व्यक्तित्वों की रोपिंग की नीति अपनाई. इसी रास्ते पर चलते हुए कमल हासन ने भी आईएएस, आईपीएस, वैज्ञानिकों और अन्य लोगों को आमंत्रित किया है, जिन्होंने लोगों के कल्याण के लिए काम किया है.

सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी ए जी मौर्य और अन्य को पार्टी में पहले ही जगह दिया गया था. हाल ही में IAS अधिकारी डॉ संतोष कुमार वीआरएस लेने के बाद पार्टी में शामिल हुए हैं. इसके बाद पार्टी ने आईएएस अधिकारी सगायम और पोनराज से भी संपर्क किया है, जिन्होंने पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन स्वर्गीय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के निजी सहायक पद से वीआरएस लिया था.

मक्कल नीधि मय्यम के राज्य सचिव मुरली अप्पस का कहना है कि जैसे ही कमल हासन ने राजनीति में कदम रखा, राजनीति में एक अंतर आया है. वर्तमान में तमिलनाडु दोहरी राजनीति को फॉलो कर रहा है, जो गलत है.

केवल दो दल एक दूसरे को हराने के बाद सत्ता में वापस आते रहते हैं. वह एक नए मॉडल को फॉलो कर रहे हैं. यदि यह नया मॉडल सफल होता है, तो भविष्य में अन्य दल भी इसे अपना सकते हैं.

उन्होंने कहा 2019 के लोक सभा चुनाव में पार्टी ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इन 40 सीटों पर MNM का वोट शेयर 0.26 प्रतीशत था. 2018 में पार्टी अस्तित्व में आने के बाद पहली बार राज्य में विधानसभा चुनाव में उतर रही है.

पार्टी अपनी ताकत दिखाने के लिए पूरी तरह तैयार है और कोई कसर नहीं छोड़ रही है. केरल सीएम द्वारा अपनाए जा रहे मॉडल सहित वह कई रणनीतियों को अपना रही है.

पढ़ें - महाराष्ट्र : आसमान छू रहे संतरे के दाम, किसान बेहाल

इससे पहले शनिवार को कमल की मुलाकात सुपरस्टार रजनीकांत से हुई, जिन्होंने राजनीति में प्रवेश करने से पहले ही संन्यास ले लिया. ऐसा लगता है कि उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए रजनीकांत की मदद मांगी. इसके अलावा कमल हासन ने कथित रूप से अरापोर इयक्कम के भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं और एक पर्यावरण समूह पूवुलागिन नानबराल के साथ भी बात की.

इतना ही नहीं उन्होंने स्थानीय क्षेत्रों में प्रसिद्ध हस्तियों के साथ भी बातचीत की. जो पार्टी को चुनाव के दौरान समर्थन प्रदान करेंगे. पार्टी के लोग उनके पीछे रैली करेंगे. उनका विचार अधिक से अधिक सीटें जीतने का है.

सूत्रों के अनुसार पार्टी ने सगायम और पोनराज को चुनाव में उतारने का फैसला किया है.

चेन्नई : अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन ने मक्कल नीधि मय्यम पार्टी की तीसरी वर्षगांठ मनाने के लिए रविवार को चेन्नई में एक मेगा कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. कमल हासन आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए लोगों से आवेदन प्राप्त करेंगे. इसके बाद वह नामित लोगों में से चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन करेंगे.

वहीं अगर बात की जाए राज्य को दो बड़ी द्रविड़ पार्टियों - AIADMK और DMK की, तो मोटे तौर पर वह कॉरपोरेट पेसफोलॉजिस्ट पर निर्भर हैं, जबकि कमल हासन केरल मॉडल को अपना रहे हैं. अब देखना होगा कि क्या यह चुनाव पार्टी के पक्ष में होगा और इसे बड़ी तादाद में वोट मिलेंगे? या पार्टी कई सीटें जीतेगी और चुनाव के बाद तमिलनाडु में तीसरी बड़ी पार्टी बनने में सफल होगी?

क्या केरल के एलडीएफ मॉडल को अपना रहे हैं कमल हासन?

क्या कमल हासन केरल के एलडीएफ मॉडल को अपना रहे हैं ?

तमिलनाडु में होने वाले 2021 विधानसभा चुनावों के लिए जहां सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने चुनाव रणनीतिकार सुनील कानूनगो को चुना है, तो वहीं DMK प्रशांत किशोर की इंडियन पॉलिटिक्स एक्शन कमेटी पर निर्भर है, जबकि अभिनेता कमल हासन ने केरल में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार के मॉडल को अपनाया है.

केरल में एलडीएफ की सफलता से उत्साहित, कमल हासन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता विजयन से मिलते रहते हैं और अक्सर उनके बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं.

60 साल के लंबे फिल्म कैरियर के दौरान अपनी कई तमिल फिल्में बनाने के लिए हॉलीवुड, बॉलीवुड और अन्य फिल्मों की स्क्रिप्ट को अपनाने वाले अभिनेता ने इस साल तमिलनाडु की राजनीति में अपनी पहचान बनाने के लिए केरल की ओर रुख किया है.

2015 की ब्लॉकबस्टर थ्रिलर फिल्म पापनासम 2013 की मलयालम फिल्म दृश्यम की रीमेक थी. इस फिल्म में कमल ने एक मध्यमवर्गीय केबल टीवी ऑपरेटर, सुयम्बु की भूमिका निभाई थी.

हालांकि, वास्तविक जीवन में कमल हासन ने पिनारयी विजयन के मॉडल को अपनाया है. बता दें कि एलडीएफ ने पिछले साल दिसंबर में केरल में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में शानदार जीत दर्ज की थी.

उल्लेखनीय है कि एलडीएफ ने प्रसिद्ध लोक सेवकों, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और प्रभावशाली व्यक्तित्वों की रोपिंग की नीति अपनाई. इसी रास्ते पर चलते हुए कमल हासन ने भी आईएएस, आईपीएस, वैज्ञानिकों और अन्य लोगों को आमंत्रित किया है, जिन्होंने लोगों के कल्याण के लिए काम किया है.

सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी ए जी मौर्य और अन्य को पार्टी में पहले ही जगह दिया गया था. हाल ही में IAS अधिकारी डॉ संतोष कुमार वीआरएस लेने के बाद पार्टी में शामिल हुए हैं. इसके बाद पार्टी ने आईएएस अधिकारी सगायम और पोनराज से भी संपर्क किया है, जिन्होंने पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन स्वर्गीय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के निजी सहायक पद से वीआरएस लिया था.

मक्कल नीधि मय्यम के राज्य सचिव मुरली अप्पस का कहना है कि जैसे ही कमल हासन ने राजनीति में कदम रखा, राजनीति में एक अंतर आया है. वर्तमान में तमिलनाडु दोहरी राजनीति को फॉलो कर रहा है, जो गलत है.

केवल दो दल एक दूसरे को हराने के बाद सत्ता में वापस आते रहते हैं. वह एक नए मॉडल को फॉलो कर रहे हैं. यदि यह नया मॉडल सफल होता है, तो भविष्य में अन्य दल भी इसे अपना सकते हैं.

उन्होंने कहा 2019 के लोक सभा चुनाव में पार्टी ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इन 40 सीटों पर MNM का वोट शेयर 0.26 प्रतीशत था. 2018 में पार्टी अस्तित्व में आने के बाद पहली बार राज्य में विधानसभा चुनाव में उतर रही है.

पार्टी अपनी ताकत दिखाने के लिए पूरी तरह तैयार है और कोई कसर नहीं छोड़ रही है. केरल सीएम द्वारा अपनाए जा रहे मॉडल सहित वह कई रणनीतियों को अपना रही है.

पढ़ें - महाराष्ट्र : आसमान छू रहे संतरे के दाम, किसान बेहाल

इससे पहले शनिवार को कमल की मुलाकात सुपरस्टार रजनीकांत से हुई, जिन्होंने राजनीति में प्रवेश करने से पहले ही संन्यास ले लिया. ऐसा लगता है कि उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए रजनीकांत की मदद मांगी. इसके अलावा कमल हासन ने कथित रूप से अरापोर इयक्कम के भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं और एक पर्यावरण समूह पूवुलागिन नानबराल के साथ भी बात की.

इतना ही नहीं उन्होंने स्थानीय क्षेत्रों में प्रसिद्ध हस्तियों के साथ भी बातचीत की. जो पार्टी को चुनाव के दौरान समर्थन प्रदान करेंगे. पार्टी के लोग उनके पीछे रैली करेंगे. उनका विचार अधिक से अधिक सीटें जीतने का है.

सूत्रों के अनुसार पार्टी ने सगायम और पोनराज को चुनाव में उतारने का फैसला किया है.

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