नई दिल्ली : अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद तेहरान भारत को तेल की आपूर्ति करने के लिए तैयार है क्योंकि दोनों देशों के करीबी संबंध हैं. उक्त बातें भारत में ईरान के राजदूत डॉ इराज इलाही (Dr Iraj Elahi) ने एक विशेष साक्षात्कार में शुक्रवार को कही. उन्होंने कहा,'हम हमेशा भारत के साथ अपने आर्थिक संबंधों को बढ़ाने के लिए अपनी तत्परता व्यक्त करते हैं. यह भारत पर निर्भर है, हम तेल पहुंचाने के लिए तैयार हैं.'
उन्होंने तेल पर अमेरिकी प्रतिबंध को अवैध बताते हुए कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने हाल ही में भारत स्थित पेट्रोकेमिकल कंपनी सहित ईरानी पेट्रोकेमिकल्स और पेट्रोलियम उत्पादों को बेचने में शामिल कंपनियों के एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के लिए प्रतिबंधों की घोषणा की है. ईरान के राजदूत ने कहा कि प्रतिबंध एक बाधा है. भारत और ईरान को इस समस्या को अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार हल करने का रास्ता खोजना चाहिए, न कि अवैध अमेरिकी प्रतिबंधों के अनुसार. उन्होंने कहा कि हम भारत को तेल बेचना चाहते हैं और भारत से अपनी जरूरत की चीजें खरीदना चाहते हैं.
ईरान के दूतावास ने 'द वर्ल्ड यूनाइटेड अगेंस्ट टेररिज्म' की थीम के तहत इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर, नई दिल्ली में ईरान के शाह चेराग में आईएआईएस आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक शोक प्रार्थना समारोह में इराज इलाही ने कहा, 'ईरानी सरकार के आतंकवादी समूहों के खिलाफ भारत के साथ घनिष्ठ संबंध और घनिष्ठ सहयोग है और हमें उम्मीद है कि हम उस सहयोग को लागू करेंगे.' इस अवसर पर ईरान में पूर्व भारतीय राजदूत डीपी श्रीवास्तव, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयुक्त (एनसीएम) के पूर्व अध्यक्ष त्रिलोचन सिंह के अलावा कई मुस्लिम मौलवियों और विद्वानों ने शोक प्रार्थन में भाग लिया.
ईरानी राजदूत ने कहा कि अमेरिका लगातार दोहराता रहा है कि ईरान संयुक्त व्यापक कार्य योजना का उल्लंघन कर अपने परमाणु कार्यक्रम में तेजी ला रहा है. अमेरिकी सरकार ने कहा था कि वह ईरान की पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल बिक्री पर प्रतिबंधों को लागू करने में तेजी जारी रखेगी. उन्होंने कहा कि ये प्रवर्तन कार्रवाई नियमित रूप से जारी रहेगी, जिसका उद्देश्य ईरान के तेल और पेट्रोकेमिकल निर्यात को गंभीर रूप से प्रतिबंधित करना है. इन अवैध बिक्री और लेनदेन को सुविधाजनक बनाने में शामिल किसी भी व्यक्ति को अमेरिकी प्रतिबंधों से बचने की इच्छा होने पर तुरंत बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार ईरानी नीतियों की एक विस्तृत श्रृंखला के बारे में चिंतित बनी हुई है.
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(ANI)