श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर प्रशासन स्थानीय आबादी की आमदनी बढ़ाने के लिए व्यापार और पर्यटन क्षेत्र में निवेश जुटाने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बनाने और रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण पर खासतौर से जोर दिया जाएगा. वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में 2019 से विभिन्न व्यावसायिक घरानों से लगभग 56,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. इसमें से 38,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है.
गौरतलब है कि 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करके तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य से लद्दाख को अलग कर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का गठन किया गया था. प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि लगभग 12,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम पहले से ही जारी है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि लोगों से जुड़ी सभी गतिविधियों को व्यावहारिक बनाया जाए.
राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार 22 भारतीय भाषाओं में भूमि अभिलेखों का अनुवाद कर रही है ताकि निवेशक और स्थानीय लोग आसानी से उनका उपयोग कर सकें. उन्होंने कहा कि इसके लिए सी-डैक द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है. अधिकारियों ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश ने पिछले तीन वर्षों में मुख्य रूप से विनिर्माण और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में निवेश आकर्षित किया है. इसके अलावा वाहन उद्योग से संबंधित कुछ परियोजनाओं पर चर्चा चल रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पर्यटन क्षेत्र पर विशेष रूप से काम किया जा रहा है, ताकि स्थानीय लोगों की आमदनी बढ़ सके.
ये भी पढ़ें : J-k में करीब 300 आतंकवादी सक्रिय, 160 आतंकी POK के लॉंच पैड्स पर : उत्तरी सेना कमांडर
(PTI)