हैदराबाद : पेंडोरा पेपर्स की रिपोर्ट आ चुकी हैं. पेंडोरा पेपर्स में फर्जी कंपनियां बनाकर वित्तीय लेन-देन में की गई गड़बड़ी पकड़ी गई है. पहले दिन हुए खुलासे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के मंत्रिमंडल के कई सदस्य समेत 700 पाकिस्तानियों के नाम उजागर किए गए हैं. टैक्स चोरी करने और अपनी संपत्ति छुपाने वालों की इस लिस्ट में 380 भारतीयों के नाम हैं.
क्या है पेंडोरा पेपर लीक (Pandora Paper Leak)
यह पनामा पेपर लीक की अगली कड़ी है. पैंडोरा पेपर्स यह खुलासा करता है कि कैसे दुनिया के कई धनवान और राजनेता अपनी संपत्ति छिपा रहे हैं. द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में ऑफ शोर कंपनी बनाकर अमीर लोग कारोबार कर रहे थे. ऑफ शोर कंपनी का मतलब देश के बाहर बनाई गई कंपनी से है, जहां कमाई गई रकम पर स्थानीय सरकार को टैक्स नहीं दिया गया. पेंडोरा पेपर लीक दुनिया की14 फाइनैंस कंपनियों के करीब 1.19 करोड़ लीक दस्तावेजों पर आधारित है. ‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) से जुड़े 117 देशों के 600 से अधिक पत्रकारों ने अपने-अपने देशों में लीक रिपोर्ट के आधार पर तथ्यों की पड़ताल की है. ICIJ की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पड़ताल में करीब 1,000 कंपनियों राजदूतों और 336 हाई प्रोफाइल राजनेताओं और अधिकारियों के बीच संबंध मिले हैं. इनमें से अधिकतर कंपनियां ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में बनाई गई थी. इंडियन एक्सप्रेस ने इस सूची में से 60 प्रमुख कंपनियों और लोगों के नाम की पुष्टि की है.
अनिल अंबानी, उद्योगपति
पेंडोरा पेपर्स के रिकॉर्ड से पता चलता है कि रिलायंस एडीए समूह के अध्यक्ष और उनके प्रतिनिधि जर्सी, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (बीवीआई) और साइप्रस में कम से कम 18 ऑफ शोर कंपनियों के मालिक हैं. 2007 और 2010 के बीच इनमें से सात कंपनियों ने उधार लिया है और कम से कम 1.3 बिलियन डॉलर का निवेश किया है. जर्सी में, अनिल अंबानी के पास तीन कंपनियां थीं - बैटिस्ट अनलिमिटेड, रेडियम अनलिमिटेड और हुई इन्वेस्टमेंट अनलिमिटेड - जिन्हें दिसंबर 2007 और जनवरी 2008 के बीच बनाया गया था. गौरतलब है कि फरवरी 2020 में अनिल अंबानी ने लंदन की एक अदालत को बताया कि वह दिवालिया हो गए हैं. साथ ही उन्होंने कहा था कि उनके पास विदेशों में कोई संपत्ति नहीं है. रिपोर्टस आने के बाद अनिल अंबानी की कंपनी ने आरोपों का खंडन किया है.
विनोद अडानी, उद्योगपति
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्टस के मुताबिक, अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद शांतिलाल शाह अडानी ने 2018 में ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में हिबिस्कस आरई होल्डिंग्स लिमिटेड की स्थापना की थी. विनोद अडानी तकनीकी तौर से साइप्रस के नागरिक हैं और फिलहाल दुबई में रहते हैं. वह ऑफ शोर अपतटीय फर्म के एकमात्र शेयरधारक हैं. वह कंपनी के डायरेक्टर भी थे. उनके पास ही कंपनी के 50,000 शेयर भी थे. विनोद अडानी का कहना है कि हिबिस्कस आरई होल्डिंग्स की स्थापना का उद्देश्य वैश्विक बाजार में व्यापार और सेवाओं का विस्तार करना था. कंपनी की वर्तमान संपत्ति करीब 10-15 मिलियन डॉलर थी. फिलहाल यह कंपनी बंद हो गई है.
गैंगस्टर इकबाल मिर्ची
इकबाल मिर्ची अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम का भरोसेमंद सहयोगी था. मुंबई पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय को उसकी तलाश थी. उसे 1994 में स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने गिरफ्तार किया था. 2013 में लंदन में दिल का दौरा पड़ने से उसकी मृत्यु हो गई थी. पेंडोरा पेपर्स के मुताबिक, उसकी मौत के बाद उसके परिवारवालों ने एक रिटायर्ड पाकिस्तानी जनरल की मदद से उसने ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड ( British Virgin Islands) में 17 कंपनियां बनाई थीं.
नीरा राडिया, कॉरपोरेट लॉबिस्ट
पेंडोरा पेपर्स के मुताबिक, कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया के एक दर्जन ऑफ शोर फर्म थे. इनकी कंपनियों का स्विस बैंक से भी कनेक्शन सामने आया है. राडिया ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड की कॉरपोरेट सर्विस प्रोवाइडर फर्म ट्राइडेंट ट्रस्ट कंपनी की 'डोंट कॉन्टैक्ट क्लाइंट' थी. यानी वह सीधा लेन-देन नहीं करती थी. इसका संचालन वह लंदन के पूर्व स्विस बैंकर संजय नेवतिया के माध्यम से करती थी. नीरा ने दुबई में 251,500 डॉलर की घड़ी की खरीद भी इसी तरह की थी. जनवरी 2011 में, राडिया ने ट्राइडेंट ट्रस्ट को अपनी कंपनी रॉक्सबरी एस्टेट्स के क्रेडिट स्विस बैंक खाते को बंद करने को कहा था. उन्होंने 97,860 डॉलर ट्रांसफर की रकम दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कराए थे. हालांकि नीरा राडिया ने भी इंडियन एक्सप्रेस को भेजे गए मेल में दावा किया है कि उनका किसी भी कंपनी में शेयर नहीं है.
कैप्टन सतीश शर्मा, कांग्रेस नेता
कैप्टन सतीश शर्मा गांघी परिवार के करीबियों में एक थे. वह दो बार अमेठी से सांसद भी रहे. पेंडोरा पेपर्स में यह खुलासा किया गया है कि कैप्टन सतीश शर्मा के पास विदेशों में संस्थाएं और संपत्तियां थीं. उनके परिवार के कम से कम 10 सदस्य उनकी पत्नी स्टेरे, बच्चे और नाती-पोते जन जेगर्स ट्रस्ट के लाभार्थियों में से हैं. इसकी जानकारी कैप्टन सतीश शर्मा ने चुनाव आयोग को नामांकन दाखिल करने के दौरान कभी नहीं दी थी. एशियासिटी ट्रस्ट के दस्तावेजों के अनुसार, ज़ेगर्स ट्रस्ट को 1995 में केमैन आइलैंड्स में बनाया जब बनाया गया था, तब कैप्टन सतीश शर्मा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री थे. कैप्टन सतीश शर्मा का निधन हो चुका है.
जैकी श्रॉफ, फिल्म अभिनेता
लोकप्रिय बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ न्यूजीलैंड में अपनी सास के एक ट्रस्ट के प्रमुख लाभार्थी थे. रिकॉर्डस के मुताबिक जैकी श्रॉफ ने भी इस ट्रस्ट में 'पर्याप्त योगदान' भी दिया. इस ट्रस्ट का स्विस बैंक में अकाउंट भी था. साथ ही ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में पंजीकृत एक ऑफ शोर कंपनी का स्वामित्व था. 29 नवंबर, 2005 को, श्रॉफ की पत्नी आयशा की मां क्लाउडिया ने मीडिया ट्रस्ट का गठन किया, जो न्यूजीलैंड में लंदन फिडुशियरी ट्रस्ट कंपनी लिमिटेड (एलएफटीसी) के साथ पंजीकृत है. एक ट्रस्टी कंपनी जो ट्रस्ट और कॉर्पोरेट सेवाएं प्रदान करती है. मीडिया ट्रस्ट को सितंबर 2013 में समाप्त कर दिया गया था. जैकी श्रॉफ के बेटे जय श्रॉफ (टाइगर श्रॉफ) और बेटी कृष्णा श्रॉफ इसके अन्य लाभार्थी थे.
सचिन तेंदुलकर, पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी
भारतीय क्रिकेट सुपरस्टार सचिन तेंदुलकर भी ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में ऑफ शोर कंपनी के मालिक थे. इस कंपनी को 2016 में समाप्त कर दिया गया था. परिवार के सदस्यों के साथ, पेंडोरा पेपर्स में ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (BVI) में एक अपतटीय इकाई के लाभकारी स्वामी के रूप में शामिल हैं, जिसे 2016 में समाप्त कर दिया गया था . पनामा लॉ फर्म एल्कोगल के रिकॉर्ड की जांच के अनुसार, सचिन, पत्नी अंजलि तेंदुलकर और ससुर आनंद मेहता के साथ ' सास इंटरनेशनल लिमिटेड' बनाई थी. यह कंपनी पनामा पेपर्स के खुलासे के तीन महीने बाद बनाई गई थी. राजनीति में होने की वजह एल्कोगल ने सचिन को पॉलिटिक्ली एक्सपोज़्ड पर्सन (PeP) की कैटेगरी में रख था. इसके अलावा सचिन को “हाई रिस्क” कैटेगरी में भी रखा गया था. बता दें कि सचिन तेंदुलकर 2012 से 2018 तक राज्यसभा सदस्य रहे थे. सचिन तेंदुलकर की तरफ से इसका खंडन किया गया है.
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🔴 A cricket celebrity turned politician, Imran Khan promised Pakistan a corruption-free era after the #PanamaPapers.
— ICIJ (@ICIJorg) October 3, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Now prime minister, the #PandoraPapers show key members of his inner circle have secretly owned companies and trusts holding millions. https://t.co/FbfFdc3WoW
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पाकिस्तान में मचा हड़कंप, पीएम इमरान के करीबियों पर आरोप
अभी पेंडोरा पेपर्स में कई नाम के खुलासे और होंगे. फिलहाल पाकिस्तान में पेंडारा पेपर्स के खुलासे से पाकिस्तान में हड़कंप मचा है. देश के वित्त मंत्री शौकत तारिन, जल संसाधन मंत्री मूनिस इलाही, सीनेटर फैसल वावडा, इशक डार के बेटे, पीपीपी के शारजील मेमन, उद्योग और उत्पादन मंत्री खुसरो बख्तियार का परिवार, पीटीआई नेता अब्दुल अलीम खान इसमें सबसे प्रमुख हैं. इनके अलावा शोएब शेख और कुछ मीडिया कंपनियों के मालिकों का नाम भी लीक में शामिल किया गया है. ये सभी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी माने जाते हैं. इमरान खान का कहना है कि जिन लोगों का नाम नई लिस्ट में आया है, उनकी जांच की जाएगी और दोषी पाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी.