हैदराबाद : 21 जून को सातवां 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस'-2021 (International Yoga Day-2021) मनाया जा रहा है. इसकी शुरुआत वर्ष 2015 में भारत में हुई थी. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN Assembly) में इसका प्रस्ताव पेश किया था, जिसके बाद से विश्व में साल 2015 से 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' का आयोजन किया जा रहा है.
भारत में योग की उत्पत्ति
योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द से बनी हुई है, जिसका अर्थ व्यक्तिगत चेतना है. भारत में योग का इतिहास पांच हजार साल पुराना है. इसे शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य का अद्भुत विज्ञान माना जाता है. योग कथाओं के अनुसार शिव ने सबसे पहले अपने सात शिष्यों को योग का ज्ञान दिया था.
ऐसा माना जाता है कि ग्रीष्म संक्रांति के बाद पहली पूर्णिमा के दिन इन सात ऋषियों को योग की शिक्षा दी गई थी और इसलिए इस दिन को शिव के अवतार के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन को दक्षिणायन के नाम से भी जाना जाता है. यह भी कहा जाता है कि इस अवधि के दौरान यदि कोई साधना की जाती है, तो प्रकृति भी व्यक्ति को आध्यात्मिक लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करती है.
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योग का विकास
भारत में योग की शुरुआत वैदिक काल से मानी जाती है. योग के अस्तित्व के ऐतिहासिक प्रमाण पूर्व-वैदिक काल (2700 ईसा पूर्व) और उसके बाद पतंजलि के काल तक देखे गए हैं. महर्षि पतंजलि ने 'योगसूत्र' नामक ग्रंथ की रचना की है. माना जाता है कि यह ग्रंथ 2200 साल पहले लिखा गया है. योग विद्या में, शिव को पहले योगी या आदियोगी और पहले गुरु या आदि गुरु के रूप में देखा जाता है.
पहली बार योग दिवस कब मना
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विचार पहली बार भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने भाषण के दौरान रखा था. पीएम मोदी के इस प्रस्ताव को 11 दिसम्बर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पूर्ण बहुमत से पारित किया. पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया.
योग साधना की मूल बातें
योग व्यक्ति के शरीर, मन, भावना और ऊर्जा के स्तर पर कार्य करता है. इसके चार प्रकार के व्यापक वर्गीकरण हैं, जिसमें कर्म योग (शरीर का उपयोग), भक्ति योग (भावनाओं का उपयोग), ज्ञान योग (मन और बुद्धि का उपयोग) और क्रिया योग (ऊर्जा का उपयोग) शामिल हैं.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2021 की थीम
इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2021 की थीम (International Yoga Day 2021 Theme) 'स्वास्थ्य के लिए योगा (Yoga for Well Being)' है. इस वर्ष योग दिवस की थीम वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर रखी गई है.
21 जून को क्यों मनाया जाता है योग दिवस
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस संदर्भ में 11 दिसंबर को प्रस्ताव रख, 21 जून को 'योग दिवस' मनाने का फैसला लिया. इस दिन सूर्योदय सामान्य दिनों के मुकाबले जल्दी होता है और सूर्यास्त होने में अधिक समय लगता है. माना जाता है कि ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणयान हो जाता है, जिस कारण 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है.
योग के उद्देश्य
योग का अंतिम लक्ष्य मोक्ष (मुक्ति) है, हालांकि यह किस रूप में होता है, इसकी सटीक परिभाषा उस दार्शनिक या धार्मिक प्रणाली पर निर्भर करती है, जिसके साथ यह जुड़ा हुआ है. शरीर की क्रियाशीलता में वृद्धि करने और बेहतर सेहत के लिए योग बेहद आवश्यक माना जाता है.
योग के प्रकार
योग के वैसे तो कई प्रकार हैं, लेकिन जो सबसे ज्यादा प्रचलित हैं वे निम्नलिखित हैं.
- सूर्या नमस्कार : इसमें सूर्य को प्रणाम किया जाता है. यह तनाव को कम करने और एकाग्रता के स्तर को बढ़ाने के अलावा मन को शांति देने का काम करता है.
- ध्यान : 'ध्यान' योग की एक क्रिया है, जिसमें व्यक्ति अपने मन को चेतना की एक विशेष अवस्था में लाने की कोशिश करता है. इसका उद्देश्य कोई लाभ प्राप्त करना हो सकता है या ध्यान करना अपने-आप में एक लक्ष्य भी हो सकता है.
- प्राणायम : इसका अर्थ 'सांस को नियंत्रित करना' या कम करना ही नहीं है, बल्कि प्राण या श्वास का विस्तार ही प्राणायाम कहलाता है. यह प्राण -शक्ति का प्रवाह कर व्यक्ति को जीवन शक्ति प्रदान करता है.
योग के फायदे
- योग शरीर में शक्ति, संतुलन और लचीलेपन लाने में सहायक.
- पीठ दर्द में राहत दिलाने में मददगार.
- योग गठिया के लक्षणों को कम कर सकता है
- हृदय के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
- यह आपको आराम देता है, जिससे आपको बेहतर नींद लेने में मदद मिलती है.
- व्यवहार में ऊर्जा और सकारात्मकता लाने में मददगार
- तनाव से लड़ने में सहायक
- सामुहिक समुदाय में जोड़ने में मददगार
- खुद की देखभाल करने के लिए प्रेरित करता है.
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