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International Women Day: आगरा मेट्रो को धरातल पर ला रहीं ये इंजीनियर महिलाएं - झांसी की इंजीनियर स्वर्णलता

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ने आगरा मेट्रो में महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन उदाहरण पेश कर रही महिला इंजीनियर झांसी की स्वर्णलता और आगरा की अन्नू यादव से बात की. उन्होंने बताया कि कैसे दोनों ने अपने सपनों को उड़ान दी.

International Women Day
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Published : Mar 8, 2023, 7:45 AM IST

आगरा मेट्रो में महिला सशक्तिकरण की मिसाल

आगराः आगरा मेट्रो लोगों का सफर बेहतर बनाने के साथ ही महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दे रही है. सरकार की मंशा सन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ताजनगरी में मेट्रो दौड़ने की है. सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो पहली आगरा मेट्रो की कमान महिला ड्राइवर के हाथ ही होगी. इसको लेकर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) तेजी से काम कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आपको मिलवाते हैं उन इंजीनियर महिलाओं से जो आगरा मेट्रो के अलग-अलग फील्ड में महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन परिचय दे रही हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में आगरा मेट्रो की इंजीनियर महिलाओं ने कहा कि आज बेटियां किसी से कम नहीं हैं. उनकी मेहनत ही सफलता का मूलमंत्र है. अपनी मेहनत के दम और काबिलियत से वह हर मुकाम हासिल कर रही हैं.

बता दें कि यूपीएमआरसी की लखनऊ और कानपूर मेट्रो में महिलाएं ट्रेन ऑपरेशन्स से लेकर सिविल, रोलिंग स्टॉक, इलेक्ट्रिकल, सिग्नलिंग में अपनी काबिलियत के जौहर दिखा रही हैं. आगरा मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है. मेट्रो में सिविल वर्क, इलेक्ट्रिकल और जनसंपर्क विभाग में 4 महिलाएं जॉब कर रहीं हैं. आने वाले दिनों में भी इस कार्य में महिलाओं की संख्या और बढ़ेगी.

पिता की इच्छा इंजीनियरः झांसी निवासी स्वर्णलता आगरा मेट्रो में असिस्टेंट मैनेजर (इलेक्ट्रिकल) हैं. स्वर्णलता ने बताया कि, 'मैंने 2019 में जूनियर इंजीनियर के पद पर ज्वाॅइन किया था. इसके बाद साल 2020 में किसी कारण वश मुझे यह जाॅब छोड़नी पड़ी. इसके बाद फिर मैंने आगरा मेट्रो में असिस्टेंट मैनेजर (एएम) के पद पर ज्वाॅइन किया. मेरे पिता रिटायर्ड एसआई हैं. मेरे परिवार में सभी अलग-अलग फील्ड में है. पिताजी की इच्छा भी यही रही थी कि सभी बच्चे अलग-अलग क्षेत्र में जाएं. इसलिए, मेरी बड़ी बहन डाॅक्टर, एक शिक्षिका, बड़े भाई अधिवक्ता और छोटा भाई लगातार काॅम्प्टीशन की तैयारी कर रहा है. मैंने इंजीनियरिंग की और आगरा मेट्रो में सेवाएं दे रही हूं.'

फ्रैंडली हैं यहां सीनियर और जूनियरः स्वर्णलता ने कहा कि 'आगरा मेट्रो के अधिकारी महिलाओं को लेकर काफी सपोर्टिव हैं. सीनियर और जूनियर बहुत सपोर्टिव हैं. यहां पर काम करने को लेकर फ्रैंडली माहौल है. सभी एक दूसरे की मदद करते हैं. मुझे यहां पर तमाम चीजें सीखने को मिल रही हैं. यहां पर काम करने का माहौल बेहतरीन है. हमें प्रेरित भी किया जाता है. यहां पर सेफ्टी और सिक्योरिटी भी बेहतर हैं. यूपी में महिलाओं की बात करें, तो अब महिला की स्थिति पहले से ज्यादा चीजें अच्छी हो गईं है. पहले तमाम विभाग और कार्यालय में महिलाएं कम थीं. मगर, इस सरकार में महिलाओं को खूब मौके मिल रहे हैं.'



आगरा मेट्रो मेरा पैशनः आगरा निवासी अन्नू यादव आगरा मेट्रो में जूनियर इंजीनियर हैं. अन्नू यादव ने बताया कि 'यह मेरी पहली जाॅब है. मैं डिपो की शुरूआत में आगरा मेट्रो से जुड़ी थी. मुझे सरकारी संस्थान में ही जाॅब करनी थी. इसलिए, मैंने आगरा आगरा मेट्रो में ट्राई किया. यहां पर काम का माहौल बेहतर है. हर किसी को हर तरह का काम कराया जाता है. ऐसा नहीं है कि, हम जूनियर इंजीनियर हैं, तो यह नहीं कर सकते हैं. हमें यहां पर सीखने और काम करने का बेहतर मौका मिल रहा है. अन्नू यादव की युवाओं को यही सलाह है कि, शाॅर्ट कट, शाॅर्ट टर्म में काम करता है. लांग टर्म में काम नहीं करता है. इसलिए, शाॅर्ट कट न अपनाएं. यह बेहतर भविष्य के लिए सही नहीं है. आगरा टूरिस्ट सिटी होने की वजह से यहां पर मेट्रो खूब दौडे़गी.'

ये भी पढ़ेंः International Women Day : किसी ने बनाई अपनी खुद की पहचान तो कोई संभाल रहा अपने पूर्वज का काम

आगरा मेट्रो में महिला सशक्तिकरण की मिसाल

आगराः आगरा मेट्रो लोगों का सफर बेहतर बनाने के साथ ही महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दे रही है. सरकार की मंशा सन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ताजनगरी में मेट्रो दौड़ने की है. सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो पहली आगरा मेट्रो की कमान महिला ड्राइवर के हाथ ही होगी. इसको लेकर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) तेजी से काम कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आपको मिलवाते हैं उन इंजीनियर महिलाओं से जो आगरा मेट्रो के अलग-अलग फील्ड में महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन परिचय दे रही हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में आगरा मेट्रो की इंजीनियर महिलाओं ने कहा कि आज बेटियां किसी से कम नहीं हैं. उनकी मेहनत ही सफलता का मूलमंत्र है. अपनी मेहनत के दम और काबिलियत से वह हर मुकाम हासिल कर रही हैं.

बता दें कि यूपीएमआरसी की लखनऊ और कानपूर मेट्रो में महिलाएं ट्रेन ऑपरेशन्स से लेकर सिविल, रोलिंग स्टॉक, इलेक्ट्रिकल, सिग्नलिंग में अपनी काबिलियत के जौहर दिखा रही हैं. आगरा मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है. मेट्रो में सिविल वर्क, इलेक्ट्रिकल और जनसंपर्क विभाग में 4 महिलाएं जॉब कर रहीं हैं. आने वाले दिनों में भी इस कार्य में महिलाओं की संख्या और बढ़ेगी.

पिता की इच्छा इंजीनियरः झांसी निवासी स्वर्णलता आगरा मेट्रो में असिस्टेंट मैनेजर (इलेक्ट्रिकल) हैं. स्वर्णलता ने बताया कि, 'मैंने 2019 में जूनियर इंजीनियर के पद पर ज्वाॅइन किया था. इसके बाद साल 2020 में किसी कारण वश मुझे यह जाॅब छोड़नी पड़ी. इसके बाद फिर मैंने आगरा मेट्रो में असिस्टेंट मैनेजर (एएम) के पद पर ज्वाॅइन किया. मेरे पिता रिटायर्ड एसआई हैं. मेरे परिवार में सभी अलग-अलग फील्ड में है. पिताजी की इच्छा भी यही रही थी कि सभी बच्चे अलग-अलग क्षेत्र में जाएं. इसलिए, मेरी बड़ी बहन डाॅक्टर, एक शिक्षिका, बड़े भाई अधिवक्ता और छोटा भाई लगातार काॅम्प्टीशन की तैयारी कर रहा है. मैंने इंजीनियरिंग की और आगरा मेट्रो में सेवाएं दे रही हूं.'

फ्रैंडली हैं यहां सीनियर और जूनियरः स्वर्णलता ने कहा कि 'आगरा मेट्रो के अधिकारी महिलाओं को लेकर काफी सपोर्टिव हैं. सीनियर और जूनियर बहुत सपोर्टिव हैं. यहां पर काम करने को लेकर फ्रैंडली माहौल है. सभी एक दूसरे की मदद करते हैं. मुझे यहां पर तमाम चीजें सीखने को मिल रही हैं. यहां पर काम करने का माहौल बेहतरीन है. हमें प्रेरित भी किया जाता है. यहां पर सेफ्टी और सिक्योरिटी भी बेहतर हैं. यूपी में महिलाओं की बात करें, तो अब महिला की स्थिति पहले से ज्यादा चीजें अच्छी हो गईं है. पहले तमाम विभाग और कार्यालय में महिलाएं कम थीं. मगर, इस सरकार में महिलाओं को खूब मौके मिल रहे हैं.'



आगरा मेट्रो मेरा पैशनः आगरा निवासी अन्नू यादव आगरा मेट्रो में जूनियर इंजीनियर हैं. अन्नू यादव ने बताया कि 'यह मेरी पहली जाॅब है. मैं डिपो की शुरूआत में आगरा मेट्रो से जुड़ी थी. मुझे सरकारी संस्थान में ही जाॅब करनी थी. इसलिए, मैंने आगरा आगरा मेट्रो में ट्राई किया. यहां पर काम का माहौल बेहतर है. हर किसी को हर तरह का काम कराया जाता है. ऐसा नहीं है कि, हम जूनियर इंजीनियर हैं, तो यह नहीं कर सकते हैं. हमें यहां पर सीखने और काम करने का बेहतर मौका मिल रहा है. अन्नू यादव की युवाओं को यही सलाह है कि, शाॅर्ट कट, शाॅर्ट टर्म में काम करता है. लांग टर्म में काम नहीं करता है. इसलिए, शाॅर्ट कट न अपनाएं. यह बेहतर भविष्य के लिए सही नहीं है. आगरा टूरिस्ट सिटी होने की वजह से यहां पर मेट्रो खूब दौडे़गी.'

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