हैदराबाद : प्लास्टिक बैग के उपयोग को जड़ से खत्म करने के लिए संपूर्ण विश्व में 'अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस' 3 जुलाई को मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 3 जुलाई 2009 से की गई. प्लास्टिक प्रदूषण एक वैश्विक आपदा है और दुख की बात है कि यह मानव निर्मित है. इसका पर्यावरण, वन्य जीवन और वास्तव में मानव स्वास्थ्य पर अत्यंत हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है. हालांकि, किराने की खरीदारी के दौरान प्लास्टिक के बैग सुविधाजनक लगते हैं, लेकिन इनकी वजह से पर्यावरण पर भी भारी दबाव पड़ता है.वहीं प्लास्टिक की थैलियों के नष्ट होने में 500 साल तक का समय लग सकता है, इसलिए वे हमारे लिए व हमारे जलमार्गों के एक बड़े हिस्से को प्रदूषित करते हैं.
अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस का इतिहास
औद्योगिक क्रांति के अंत और आधुनिक युग में प्लास्टिक एक सस्ता और भरपूर संसाधन बन गया है जिसका प्लास्टिक बैग सिर्फ एक आदर्श उदाहरण है. प्लास्टिक बैग के इतिहास ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है. सबसे पहले 1933 में पॉलीथीन बनाया गया था. इसे इंग्लैंड के नॉर्थविच में एक रासायनिक संयंत्र में दुर्घटना से बनाया गया था.जबकि पॉलीथीन को पहले छोटे बैचों में बनाया गया था, और शुरुआत में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना द्वारा गुप्त रूप से इसका इस्तेमाल किया गया था.
अमेरिका में पेश, फिर बाजार में आक्रामक ढंग से आया
स्वीडिश कंपनी सेलोप्लास्ट द्वारा वन-पीस पॉलीइथाइलीन शॉपिंग बैग का 1965 में पेटेंट कराया गया था. वहीं प्लास्टिक बैग को इंजीनियर स्टेन गुस्ताफ थुलिन द्वारा डिजाइन किया गया. लेकिन प्लास्टिक बैग को यूरोप में जल्दी ही कपड़े और प्लास्टिक को बदलना शुरू कर दिया था. हालांकि यूरोप में 80 फीसद बैग बाजार को नियंत्रित करने के बाद विदेशों में चले गए और 1979 में संयुक्त राज्य अमेरिका में इन्हें व्यापक रूप से पेश किया गया. साथ ही प्लास्टिक कंपनियों ने अपने उत्पाद को कागज और पुन: प्रयोज्य बैग से बेहतर के रूप में आक्रामक रूप से बाजार में लाना शुरू कर दिया.
समुद्री कछुओं को मारने के लिए कुख्यात
यह 1997 तक नहीं था जब नाविक और शोधकर्ता चार्ल्स मूर ने ग्रेट पैसिफिक गारबेज पैच की खोज की, जो दुनिया के महासागरों में कई समुद्रों में सबसे बड़ा है, जहां भारी मात्रा में प्लास्टिक कचरा जमा हो गया है. इससे समुद्री जीवन को खतरा पैदा हो गया है.यह भी पता चला है कि प्लास्टिक की थैलियां समुद्री कछुओं को मारने के लिए कुख्यात हैं, जो गलती से उन्हें जेलीफ़िश समझ कर खा जाते हैं फलस्वरूप उनकी मौत हो जाती है.इनमें हर तीन में से एक समुद्री कछुए के पेट में प्लास्टिक पाया गया है.
प्लास्टिक थैली बैन करने वाला दुनिया का पहला देश
साथ ही प्लास्टिक की थैलियां खराब होने के बाद भी जहरीली बनी रहती हैं. हालांकि, बांग्लादेश 2002 में पतली प्लास्टिक की थैलियों पर प्रतिबंध लागू करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. उस दौरान यह पाया गया था कि विनाशकारी बाढ़ के दौरान प्लास्टिक की थैलियों ने जल निकासी व्यवस्था को बंद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.इसीक्रम में दक्षिण अफ्रीका, रवांडा, चीन, ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे अन्य देशों ने भी अपने यहां प्रतिबंध लगा दिया था. अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस यह प्रदर्शित करने के लिए होता है कि प्लास्टिक के उपयोग के बिना भी दुनिया संभव है.
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चुड़ैल की निकर !
इसको लेकर सितंबर, 2016 में फ्री फ्रॉम प्लास्टिक मूवमेंट शुरू किया गया था और इसमें लगभग 1,500 संगठन शामिल हुए थे. इस आंदोलन का मकसद प्लास्टिक प्रदूषण संकट के समाधान के साथ मनुष्यों, पर्यावरण और वन्यजीवों के लिए सुरक्षित बनाना था. प्लास्टिक के बैग से बच्चों में परेशानी की समस्या सामने आई थी. इसके अलावा प्लास्टिक की पन्नियां जो पेड़ों में फंस जाती थीं उन्हें चुड़ैल की निकर (witch’s knickers) के नाम से जाना जाता था. इसके अलावा उसे अन्य नामों से भी पुकारा जाता था.
हर साल लगभग 500 बिलियन प्लास्टिक बैग
वहीं दक्षिण अफ्रीका में प्लास्टिक बैग पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं जिसे कई लोग मजाक में इन्हें नया राष्ट्रीय फूल भी कहते हैं. इसी प्रकार उत्तरी प्रशांत महासागर में प्लवक की तुलना में 6 गुना अधिक प्लास्टिक का मलबा है. इसके खराब होने के बाद पर्यावरण को दूषित होता है. ऐसा अनुमान है कि वैश्विक स्तर पर हर साल लगभग 500 बिलियन प्लास्टिक बैग का उपयोग किया जाता है?
प्लास्टिक थैली नष्ट होने में लगते हैं सैकड़ों वर्ष
औसतन हर बारह मिनट में एक प्लास्टिक बैग का उपयोग किया जाता है. प्लास्टिक की थैलियों का उत्पादन पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और अन्य रसायनों का उपयोग करके किया जाता है. इससे यह जानवरों के लिए भी बेहद घातक है. वहीं इंडोनेशिया की एक कंपनी ने एक इको फ्रेंडली प्लास्टिक बैग बनाया है. जहां तक प्लास्टिक थैलियों के नष्ट होने का सवाल है तो यह गर्मी और नमी जैसी पर्यावरणीय परिस्थितियों में इसके खराब होने में 15 से सैकड़ों साल लगते हैं.
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प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग बंद करें
प्लास्टिक की थैलियों के बंद करने के लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि 3 जुलाई को आप किराने की दुकान से लेकर पार्क तक, रेस्तरां में जहां भी हों, सुनिश्चित करें कि आप प्लास्टिक बैग का उपयोग न करें और न ही मांगें. साथ ही इसके पुन: उपयोग को भी कम करें . बता दें कि 2008 में समुद्र के किनारे एक व्हेल के पेट में लगभग 50 पाउंड सिंगल यूज प्लास्टिक पाया गया था. समुद्री स्तनधारियों की 31 प्रजातियों को समुद्री प्लास्टिक का सेवन करने की जानकारी सामने आई है.
प्रभावित हो रहा पर्यावरण और मनुष्य का जीवन
यह वास्तव में पर्यावरण, वन्य जीवन और मानव जीवन की गुणवत्ता पर अत्यंत हानिकारक प्रभाव डालता है. इससे बचने के लिए जरूरी है कि ऐसे कदम उठाएं जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सके. समुद्र के विशाल क्षेत्रों में सभी प्रकार के प्लास्टिक कचरे की समस्या की भयावहता इतनी है कि ये सैकड़ों मील तक पहुंच जाते हैं. जिससे समुद्री जीव के साथ मनुष्य के जीवन को भी प्रभावित करता है.