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मदर टेरेसा की पुण्यतिथि पर विशेष : मानवता का संदेश देता है अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस

संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 05 सितंबर को वैश्विक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस मनाया जाता है. इस दिन को स्वयंसेवी और लोक-हितैषी कार्यक्रमों के माध्यम से दूसरों की मदद करने के लिए दुनिया भर के लोगों, गैर सरकारी संगठनों और हितधारकों को संवेदनशील बनाने और जुटाने के लिए मनाया जाता है. साथ ही यह दिन मानवीय संकटों और राष्ट्रों के भीतर और मानवीय पीड़ा को कम करने में दान द्वारा निभाई जाने भूमिका को भी चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है.

मदर
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Published : Sep 5, 2021, 4:31 AM IST

हैदराबाद : संयुक्त राष्ट्र ने 05 सितंबर को कलकत्ता में हुए मदर टेरेसा के निधन की वर्षगांठ को अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस के रूप में घोषित किया था. मदर टेरेसा को 1979 में गरीबी और संकट से उबरने के संघर्ष में किए गए काम के लिए शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया था.

यह संस्कृति, विज्ञान, खेल की उन्नति और सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के संरक्षण में सहायता करता है. यह हाशिए पर और वंचितों के अधिकारों को भी बढ़ावा देता है और मानवता का संदेश देता है.

सितंबर 2015 में अपनाए गए सतत विकास (2030 UNO Agenda on Sustainable Development ) : संयुक्त राष्ट्र संघ के 2030 के एजेंडे में संयुक्त राष्ट्र ने माना कि गरीबी का उन्मूलन सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती है.

पिछले 100 वर्षों में दुनिया के 10 सबसे उदार लोगों की सूची में 102.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के दान के साथ, टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा ने सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है. दिलचस्प बात यह है कि वह शीर्ष 10 की सूची में एकमात्र भारतीय हैं.

रैंक परोपकारीदान का अनुमानित वर्तमान मूल्य (अरब अमरीकी डालर)साल परिवार के सदस्य देश दान का क्षेत्र
1. जमशेदजी टाटा102.4 1892 रतन टाटाभारतशिक्षा और स्वास्थ्य सेवा
2.बिल गेट्स और मेलिंडा फ्रेंच गेट्स74.6 2000 बिल गेट्स और मेलिंडा फ्रेंच गेट्सयूएसएहेल्थ केयर
3.हेनरी वेलकम56.7 1936 एलिजा मैनिंघम बुल्लेरयूकेहेल्थ केयर
4.हावर्ड ह्यूजेस38.6 1953क्लेटन एस रोजयूएसएअनुसंधान और विकास
5. वारेन बफेट37.4 2006 वारेन बफेटयूएसएहेल्थ केयर
6. जॉर्ज सोरो34.8 1979 जॉर्ज सोरोयूएसएमानवाधिकार और न्याय
7.हैंस विल्सडॉर्फ़31.5 1945 मार्क मौगुएस्विट्ज़रलैंडसामुदायिक विकास
8. जेके लिली 27.5 1937 एन क्ले रॉबिंसयूएसएसामुदायिक विकास
9.जॉन डी रॉकफेलर26.8 1913 शेरोन पर्सी रॉकफेलरयूएसएहेल्थ केयर
10.एडसेल फोर्ड26.6 1936 डैरेन वॉकरयूएसएमानवाधिकार और न्याय

पिछले 100 वर्षों में सर्वाधिक धर्मार्थ देश

देश रैंक दान का प्रतिशत देश रैंक प्रतिशत में दान
सबसे कम चैरिटी वाले देश सबसे ज्यादा चैरिटी वाले देश
चीन12611.00% संयुक्त राज्य अमेरिका158.00%
यूनान1257.00% म्यांमार258.00%
यमन1246.00% न्यूजीलैंड357.00%
सर्बिया12322.00% ऑस्ट्रेलिया456.00%
बुल्गारिया12016.00% आयरलैंड556.00%
फिलिस्तीन12210.00% कनाडा655.00%
लिथुआनिया12112.00% यूनाइटेड किंगडम754.00%
मोंटेनेग्रो11920.00% नीदरलैंड853.00%
रूस11712.00% श्री लंका951.00%
डॉ कांगो11311.00% इंडोनेशिया1050.00%
देशरैंक प्रतिशत में दान अजनबियों की मदद करना
भारत82 26.00%19.00%

आपकाे बता दें कि मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को मेसिडोनिया के स्कोप्जे शहर में हुआ था. उनका असली नाम आन्येजे गोंजा बोयाजियू (Anjeze Gonxhe Bojaxhiu) है. माना जाता है कि जब यह मात्र 12 साल की थीं तभी उन्हें ये अनुभव हो गया था कि वो अपना सारा जीवन मानव सेवा में लगाएंगी.

18 साल की उम्र में उन्होंने ‘सिस्टर्स ऑफ लोरेटो’ में शामिल होने का फैसला ले लिया. इसके बाद वह आयरलैंड गईं जहां उन्होंने अंग्रेजी भाषा सीखी. अंग्रेजी सीखना इसलिए जरुरी था क्योंकि इसी माध्यम में बच्चों को भारत में पढ़ाती थीं. 1929 में वह भारत आकर बेसहारा लोगों की सेवा करने लगी. उन्होंने कोढ़ जैसी बीमारी से पीड़ित लोगों की सेवा की. उनके इन्हीं कामों ने उन्हें पूरी दुनिया में पहचान दी. उन्होंने साल 1948 में भारत की नागरिकता ली.

दया, करुणा और ममता की प्रतिमूर्ति टेरेसा : 1949 में मदर टेरेसा ने गरीब, असहाय व अस्वस्थ लोगों की मदद के लिए ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ की स्थापना की. इस चैरिटी को 1950 में रोमन कैथोलिक चर्च ने मान्यता दी. इतना ही नहीं, पीड़ितों की सेवा और बच्चों की देखभाल के लिए उन्होंने ‘निर्मल हृदय’ और ‘निर्मला शिशु भवन’ के नाम से आश्रम खोले. इन आश्रमों में उन लोगों को भी पनाह मिली जिन्हें समाज ने बाहर निकाल दिया हो.

मदर टेरेसा को मिले सम्मान : मदर टेरेसा को समाजसेवा के लिए 1962 में भारत सरकार की ओर से पद्मश्री से नवाजा गया. 1980 में मदर टेरेसा को उनके द्वारा किये गये कार्यों के कारण भारत सरकार ने भारत रत्‍न से भी उन्हें अलंकृत किया. विश्व भर में फैले उनके मिशनरी के कार्यों की वजह से मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला.

मदर टेरेसा का निधन

1983 में 73 वर्ष की आयु में मदर टेरेसा रोम में पॉप जॉन पॉल द्वितीय से मिलने के लिए गईं. वहीं, उन्हें पहला हार्ट अटैक आ गया. इसके बाद साल 1989 में उन्हें दूसरा हृदयाघात आया. लगातार गिरती सेहत की वजह से 5 सितंबर 1997 में उनका निधन हो गया.

हैदराबाद : संयुक्त राष्ट्र ने 05 सितंबर को कलकत्ता में हुए मदर टेरेसा के निधन की वर्षगांठ को अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस के रूप में घोषित किया था. मदर टेरेसा को 1979 में गरीबी और संकट से उबरने के संघर्ष में किए गए काम के लिए शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया था.

यह संस्कृति, विज्ञान, खेल की उन्नति और सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के संरक्षण में सहायता करता है. यह हाशिए पर और वंचितों के अधिकारों को भी बढ़ावा देता है और मानवता का संदेश देता है.

सितंबर 2015 में अपनाए गए सतत विकास (2030 UNO Agenda on Sustainable Development ) : संयुक्त राष्ट्र संघ के 2030 के एजेंडे में संयुक्त राष्ट्र ने माना कि गरीबी का उन्मूलन सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती है.

पिछले 100 वर्षों में दुनिया के 10 सबसे उदार लोगों की सूची में 102.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के दान के साथ, टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा ने सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है. दिलचस्प बात यह है कि वह शीर्ष 10 की सूची में एकमात्र भारतीय हैं.

रैंक परोपकारीदान का अनुमानित वर्तमान मूल्य (अरब अमरीकी डालर)साल परिवार के सदस्य देश दान का क्षेत्र
1. जमशेदजी टाटा102.4 1892 रतन टाटाभारतशिक्षा और स्वास्थ्य सेवा
2.बिल गेट्स और मेलिंडा फ्रेंच गेट्स74.6 2000 बिल गेट्स और मेलिंडा फ्रेंच गेट्सयूएसएहेल्थ केयर
3.हेनरी वेलकम56.7 1936 एलिजा मैनिंघम बुल्लेरयूकेहेल्थ केयर
4.हावर्ड ह्यूजेस38.6 1953क्लेटन एस रोजयूएसएअनुसंधान और विकास
5. वारेन बफेट37.4 2006 वारेन बफेटयूएसएहेल्थ केयर
6. जॉर्ज सोरो34.8 1979 जॉर्ज सोरोयूएसएमानवाधिकार और न्याय
7.हैंस विल्सडॉर्फ़31.5 1945 मार्क मौगुएस्विट्ज़रलैंडसामुदायिक विकास
8. जेके लिली 27.5 1937 एन क्ले रॉबिंसयूएसएसामुदायिक विकास
9.जॉन डी रॉकफेलर26.8 1913 शेरोन पर्सी रॉकफेलरयूएसएहेल्थ केयर
10.एडसेल फोर्ड26.6 1936 डैरेन वॉकरयूएसएमानवाधिकार और न्याय

पिछले 100 वर्षों में सर्वाधिक धर्मार्थ देश

देश रैंक दान का प्रतिशत देश रैंक प्रतिशत में दान
सबसे कम चैरिटी वाले देश सबसे ज्यादा चैरिटी वाले देश
चीन12611.00% संयुक्त राज्य अमेरिका158.00%
यूनान1257.00% म्यांमार258.00%
यमन1246.00% न्यूजीलैंड357.00%
सर्बिया12322.00% ऑस्ट्रेलिया456.00%
बुल्गारिया12016.00% आयरलैंड556.00%
फिलिस्तीन12210.00% कनाडा655.00%
लिथुआनिया12112.00% यूनाइटेड किंगडम754.00%
मोंटेनेग्रो11920.00% नीदरलैंड853.00%
रूस11712.00% श्री लंका951.00%
डॉ कांगो11311.00% इंडोनेशिया1050.00%
देशरैंक प्रतिशत में दान अजनबियों की मदद करना
भारत82 26.00%19.00%

आपकाे बता दें कि मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को मेसिडोनिया के स्कोप्जे शहर में हुआ था. उनका असली नाम आन्येजे गोंजा बोयाजियू (Anjeze Gonxhe Bojaxhiu) है. माना जाता है कि जब यह मात्र 12 साल की थीं तभी उन्हें ये अनुभव हो गया था कि वो अपना सारा जीवन मानव सेवा में लगाएंगी.

18 साल की उम्र में उन्होंने ‘सिस्टर्स ऑफ लोरेटो’ में शामिल होने का फैसला ले लिया. इसके बाद वह आयरलैंड गईं जहां उन्होंने अंग्रेजी भाषा सीखी. अंग्रेजी सीखना इसलिए जरुरी था क्योंकि इसी माध्यम में बच्चों को भारत में पढ़ाती थीं. 1929 में वह भारत आकर बेसहारा लोगों की सेवा करने लगी. उन्होंने कोढ़ जैसी बीमारी से पीड़ित लोगों की सेवा की. उनके इन्हीं कामों ने उन्हें पूरी दुनिया में पहचान दी. उन्होंने साल 1948 में भारत की नागरिकता ली.

दया, करुणा और ममता की प्रतिमूर्ति टेरेसा : 1949 में मदर टेरेसा ने गरीब, असहाय व अस्वस्थ लोगों की मदद के लिए ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ की स्थापना की. इस चैरिटी को 1950 में रोमन कैथोलिक चर्च ने मान्यता दी. इतना ही नहीं, पीड़ितों की सेवा और बच्चों की देखभाल के लिए उन्होंने ‘निर्मल हृदय’ और ‘निर्मला शिशु भवन’ के नाम से आश्रम खोले. इन आश्रमों में उन लोगों को भी पनाह मिली जिन्हें समाज ने बाहर निकाल दिया हो.

मदर टेरेसा को मिले सम्मान : मदर टेरेसा को समाजसेवा के लिए 1962 में भारत सरकार की ओर से पद्मश्री से नवाजा गया. 1980 में मदर टेरेसा को उनके द्वारा किये गये कार्यों के कारण भारत सरकार ने भारत रत्‍न से भी उन्हें अलंकृत किया. विश्व भर में फैले उनके मिशनरी के कार्यों की वजह से मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला.

मदर टेरेसा का निधन

1983 में 73 वर्ष की आयु में मदर टेरेसा रोम में पॉप जॉन पॉल द्वितीय से मिलने के लिए गईं. वहीं, उन्हें पहला हार्ट अटैक आ गया. इसके बाद साल 1989 में उन्हें दूसरा हृदयाघात आया. लगातार गिरती सेहत की वजह से 5 सितंबर 1997 में उनका निधन हो गया.

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