ETV Bharat / bharat

क्यों और किसके लिए मनाया जाता है अचीवर्स के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस? - सुहास गोपीनाथ

हर वर्ष आज के दिन यानी 24 मार्च को इंटरनेशनल डे फॉर अचीवर्स मनाया जाता है. इसका उद्देश्य उन लोगों की उपलब्धियों को सराहना है जिन्होंने समाज की बेहतरी के लिए कार्य किया है. इसका एक अन्य उद्देश्य लोगों को प्रेरणा देना भी है.

International Day for Achievers
International Day for Achievers
author img

By

Published : Mar 24, 2021, 12:18 PM IST

Updated : Mar 24, 2021, 3:45 PM IST

हैदराबाद : इंटरनेशनल डे फॉर अचीवर्स एक ऐसा दिवस है जो किसी भी क्षेत्र में कुछ हासिल करने वालों को सम्मानित करता है. यह दिन उन लोगों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास प्रदर्शित किया है. यह वो लोग हैं जिनकी उपलब्धियों से मनुष्यों के जीवन स्तर में सुधार आया है. यह दिवस शक्तिशाली और प्रसिद्ध लोगों को सम्मानित करने का दिन नहीं है, बल्कि उन लोगों को सम्मानित करने का दिन है, जिन्होंने वास्तव में दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने की दिशा में कार्य किया है.

उदाहरण के लिए, डॉक्टर, शिक्षक, वैज्ञानिक, समाज सेवी संरक्षणवादी आदि. उन्हें संगठनों द्वारा सम्मानित किए जाने के साथ-साथ अन्य माध्यमों से सम्मानित किया जा सकता है. उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को भी सम्मानित किया जा सकता है. हर वर्ष 24 मार्च को वैश्विक स्तर पर अचीवर्स के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है.

इस दिन के ही कारण अनगिनत लोगों की उपलब्धियां दुनिया के सामने आती हैं. इस दिवस को कोई भी मना सकता है.

यह उन लोगों को प्रसिद्धि और मान्यता देता है, जिन्होंने कुछ हासिल किया है. यह लोगों को महान कार्य करने के लिए प्रेरित करता है. हो सकता है उससे वित्तीय लाभ न हो, लेकिन समाज के लिए वह अत्यंत लाभदायक हो सकता है.

यह हमेशा याद रखना चाहिए कि जिन्होंने ने भी जीवन में कुछ हासिल किया है उनका मार्गदर्शन करने के लिए उनके साथ कोई था. इन बुलंदियों को छूने वाले लोग हमारी आप की तरह ही सामान्य होते हैं.

2020 में भारत की शीर्ष 10 महिला अचीवर्स

  • वंदना लूथरा- वीएलसीसी की संस्थापक
  • फाल्गुनी नायर- न्याका के संस्थापक
  • रितु कुमार- फैशन डिजाइनर
  • किरण मजूमदार शॉ- बायोकॉन लिमिटेड की संस्थापक
  • श्रद्धा शर्मा- योरस्टोरी की संस्थापक
  • अदिति गुप्ता- मेंस्ट्रूपीडिया की सह-संस्थापक
  • शुभ्रा चड्डा- सह-संस्थापक और उत्पादों की प्रमुख, चुम्बक
  • सुप्रिया पॉल- जोश टॉक्स की संस्थापक
  • राधिका घई अग्रवाल - सह-संस्थापक और CMO, Shopclues.com
  • शहनाज हुसैन- शहनाज हर्बल्स की सीईओ

उपलब्धि हासिल करने वाले भारतीय

सुहास गोपीनाथ : उनका जन्म 4 नवंबर 1986 को हुआ था और वह 17 साल में दुनिया के सबसे कम उम्र के सीईओ बन गए थे. वर्ष 2000 उन्हें सबसे कम उम्र (14 साल) के प्रोफेशनल वेब-डेवलपर के रूप में भी पहचाना गया. बैंगलोर के एक छोटे साइबर कैफे से सुहास ने अपनी कंपनी ग्लोबल्स इंक शुरू की. उनकी कंपनी में 200 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. उनके कार्यालय 11 देशों में है और कंपनी का 1 मिलियन डॉलर से अधिक का कारोबार है.

डॉ. तथागत अवतार तुलसी : उनका जन्म 1987 में बिहार की राजधानी पटना में हुआ था. उन्होंने 9 साल की उम्र में स्कूल पूरा किया. उन्होंने बी.एससी. 10 और पटना साइंस कॉलेज से एम.एससी. 12 साल की उम्र में और पीएच.डी. 21 साल की उम्र में पूरी की. उन्हें आईआईटी बॉम्बे में लेक्चरर के पद की पेशकश की गई जब वह सिर्फ 22 साल के थे.

युगरत्न श्रीवास्तव : सितंबर 2009 में 13 वर्ष की आयु में, युगरत्न को जलवायु परिवर्तन पर शिखर सम्मेलन में विश्व के युवाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा आमंत्रित किया गया था. वह तरुमित्र (पेड़ों के दोस्त) की एक सक्रिय सदस्य हैं, जो स्कूली बच्चों के बीच सक्रिय एक गैर सरकारी संगठन है, जिसमें पूरे भारत में 1600 से अधिक स्कूल हैं और वह पर्यावरण के बारे में उनको जागरूक करते हैं.

श्रवण और संजय कुमारन: ये भाई अब 16 और 14 साल के हो गए हैं. वे सबसे कम उम्र में मुख्य अधिकारी बन गए थे, जब वह क्रमशः 12 और 10 साल के थे. श्रवण उनकी कंपनी 'गो डाइमेंशन्स' अध्यक्ष और संजय सीईओ हैं. यह कंपनी ऐप्पल स्टोर के लिए मोबाइल एप्लिकेशन विकसित करती है.

प्रियांशी सोमानी : वह 16 नवंबर 1998 को पैदा हुई थीं और मानसिक गणना विश्व कप 2010 (Mental Calculation World Cup 2010 ) में सबसे कम उम्र की प्रतिभागी थीं और उन्होंने समग्र खिताब जीता. वह एकमात्र प्रतिभागी हैं जिसने आज तक एडिशन, गुणा और वर्गमूल में 100% सटीक जवाब दिया है. उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और द गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी जोड़ा गया है.

हैरिस इम्तियाज खान : 1998 में जन्मे, हारिस इम्तियाज खान एक लाइव चित्र कलाकार हैं. हारिस ने 10 साल की उम्र में लाइव पोर्ट्रेट बनाना शुरू कर दिया था. इससे उन्होंने सबसे कम उम्र के लाइव पोट्रेट कलाकार के रूप में विश्व रिकॉर्ड कायम किया है. 7 साल की उम्र में, उन्होंने चारकोल का उपयोग करके महात्मा गांधी का चित्र बनाया था. उनकी कला को कई लोगों ने सराहा है.

श्रुति पांडे : उन्होंने अपने बड़े भाई से प्रेरणा ली और जब वह सिर्फ 2 साल की थी, तब योग आसनों का अभ्यास करना शुरू कर दिया. जब श्रुति पांडे 6 साल की थी, तब तक उन्होंने कुछ जटिल योग मुद्राएं करने में महारत हासिल कर ली थी और इलाहाबाद के एक आश्रम में लोगों को योग सिखाना शुरू कर दिया था. वह दुनिया की सबसे कम उम्र की योग शिक्षिका बन गई थीं.

अकृत ​​जसवाल : 1993 में जन्मे, अकृत जसवाल ने 7 साल की छोटी उम्र में अपनी पहली सर्जरी की थी. 5 साल की उम्र में, हिमाचल प्रदेश में अपने गृहनगर नूरपुर में डॉक्टरों ने उन्हें सर्जिकल प्रक्रियाएं देखने और सीखने की अनुमति दी. जब वह सिर्फ 12 साल का थे, तब उन्हें चंडीगढ़ कॉलेज में दाखिला मिल गया था.

हैदराबाद : इंटरनेशनल डे फॉर अचीवर्स एक ऐसा दिवस है जो किसी भी क्षेत्र में कुछ हासिल करने वालों को सम्मानित करता है. यह दिन उन लोगों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास प्रदर्शित किया है. यह वो लोग हैं जिनकी उपलब्धियों से मनुष्यों के जीवन स्तर में सुधार आया है. यह दिवस शक्तिशाली और प्रसिद्ध लोगों को सम्मानित करने का दिन नहीं है, बल्कि उन लोगों को सम्मानित करने का दिन है, जिन्होंने वास्तव में दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने की दिशा में कार्य किया है.

उदाहरण के लिए, डॉक्टर, शिक्षक, वैज्ञानिक, समाज सेवी संरक्षणवादी आदि. उन्हें संगठनों द्वारा सम्मानित किए जाने के साथ-साथ अन्य माध्यमों से सम्मानित किया जा सकता है. उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को भी सम्मानित किया जा सकता है. हर वर्ष 24 मार्च को वैश्विक स्तर पर अचीवर्स के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है.

इस दिन के ही कारण अनगिनत लोगों की उपलब्धियां दुनिया के सामने आती हैं. इस दिवस को कोई भी मना सकता है.

यह उन लोगों को प्रसिद्धि और मान्यता देता है, जिन्होंने कुछ हासिल किया है. यह लोगों को महान कार्य करने के लिए प्रेरित करता है. हो सकता है उससे वित्तीय लाभ न हो, लेकिन समाज के लिए वह अत्यंत लाभदायक हो सकता है.

यह हमेशा याद रखना चाहिए कि जिन्होंने ने भी जीवन में कुछ हासिल किया है उनका मार्गदर्शन करने के लिए उनके साथ कोई था. इन बुलंदियों को छूने वाले लोग हमारी आप की तरह ही सामान्य होते हैं.

2020 में भारत की शीर्ष 10 महिला अचीवर्स

  • वंदना लूथरा- वीएलसीसी की संस्थापक
  • फाल्गुनी नायर- न्याका के संस्थापक
  • रितु कुमार- फैशन डिजाइनर
  • किरण मजूमदार शॉ- बायोकॉन लिमिटेड की संस्थापक
  • श्रद्धा शर्मा- योरस्टोरी की संस्थापक
  • अदिति गुप्ता- मेंस्ट्रूपीडिया की सह-संस्थापक
  • शुभ्रा चड्डा- सह-संस्थापक और उत्पादों की प्रमुख, चुम्बक
  • सुप्रिया पॉल- जोश टॉक्स की संस्थापक
  • राधिका घई अग्रवाल - सह-संस्थापक और CMO, Shopclues.com
  • शहनाज हुसैन- शहनाज हर्बल्स की सीईओ

उपलब्धि हासिल करने वाले भारतीय

सुहास गोपीनाथ : उनका जन्म 4 नवंबर 1986 को हुआ था और वह 17 साल में दुनिया के सबसे कम उम्र के सीईओ बन गए थे. वर्ष 2000 उन्हें सबसे कम उम्र (14 साल) के प्रोफेशनल वेब-डेवलपर के रूप में भी पहचाना गया. बैंगलोर के एक छोटे साइबर कैफे से सुहास ने अपनी कंपनी ग्लोबल्स इंक शुरू की. उनकी कंपनी में 200 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. उनके कार्यालय 11 देशों में है और कंपनी का 1 मिलियन डॉलर से अधिक का कारोबार है.

डॉ. तथागत अवतार तुलसी : उनका जन्म 1987 में बिहार की राजधानी पटना में हुआ था. उन्होंने 9 साल की उम्र में स्कूल पूरा किया. उन्होंने बी.एससी. 10 और पटना साइंस कॉलेज से एम.एससी. 12 साल की उम्र में और पीएच.डी. 21 साल की उम्र में पूरी की. उन्हें आईआईटी बॉम्बे में लेक्चरर के पद की पेशकश की गई जब वह सिर्फ 22 साल के थे.

युगरत्न श्रीवास्तव : सितंबर 2009 में 13 वर्ष की आयु में, युगरत्न को जलवायु परिवर्तन पर शिखर सम्मेलन में विश्व के युवाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा आमंत्रित किया गया था. वह तरुमित्र (पेड़ों के दोस्त) की एक सक्रिय सदस्य हैं, जो स्कूली बच्चों के बीच सक्रिय एक गैर सरकारी संगठन है, जिसमें पूरे भारत में 1600 से अधिक स्कूल हैं और वह पर्यावरण के बारे में उनको जागरूक करते हैं.

श्रवण और संजय कुमारन: ये भाई अब 16 और 14 साल के हो गए हैं. वे सबसे कम उम्र में मुख्य अधिकारी बन गए थे, जब वह क्रमशः 12 और 10 साल के थे. श्रवण उनकी कंपनी 'गो डाइमेंशन्स' अध्यक्ष और संजय सीईओ हैं. यह कंपनी ऐप्पल स्टोर के लिए मोबाइल एप्लिकेशन विकसित करती है.

प्रियांशी सोमानी : वह 16 नवंबर 1998 को पैदा हुई थीं और मानसिक गणना विश्व कप 2010 (Mental Calculation World Cup 2010 ) में सबसे कम उम्र की प्रतिभागी थीं और उन्होंने समग्र खिताब जीता. वह एकमात्र प्रतिभागी हैं जिसने आज तक एडिशन, गुणा और वर्गमूल में 100% सटीक जवाब दिया है. उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और द गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी जोड़ा गया है.

हैरिस इम्तियाज खान : 1998 में जन्मे, हारिस इम्तियाज खान एक लाइव चित्र कलाकार हैं. हारिस ने 10 साल की उम्र में लाइव पोर्ट्रेट बनाना शुरू कर दिया था. इससे उन्होंने सबसे कम उम्र के लाइव पोट्रेट कलाकार के रूप में विश्व रिकॉर्ड कायम किया है. 7 साल की उम्र में, उन्होंने चारकोल का उपयोग करके महात्मा गांधी का चित्र बनाया था. उनकी कला को कई लोगों ने सराहा है.

श्रुति पांडे : उन्होंने अपने बड़े भाई से प्रेरणा ली और जब वह सिर्फ 2 साल की थी, तब योग आसनों का अभ्यास करना शुरू कर दिया. जब श्रुति पांडे 6 साल की थी, तब तक उन्होंने कुछ जटिल योग मुद्राएं करने में महारत हासिल कर ली थी और इलाहाबाद के एक आश्रम में लोगों को योग सिखाना शुरू कर दिया था. वह दुनिया की सबसे कम उम्र की योग शिक्षिका बन गई थीं.

अकृत ​​जसवाल : 1993 में जन्मे, अकृत जसवाल ने 7 साल की छोटी उम्र में अपनी पहली सर्जरी की थी. 5 साल की उम्र में, हिमाचल प्रदेश में अपने गृहनगर नूरपुर में डॉक्टरों ने उन्हें सर्जिकल प्रक्रियाएं देखने और सीखने की अनुमति दी. जब वह सिर्फ 12 साल का थे, तब उन्हें चंडीगढ़ कॉलेज में दाखिला मिल गया था.

Last Updated : Mar 24, 2021, 3:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.