जयपुर. केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की ओर से जयपुर में आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन डैम सेफ्टी का शुक्रवार को समापन हुआ. इस मौके पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत दुनिया में तीसरा सबसे अधिक बांधों वाला देश है. इस लिहाज से हमें इस विषय पर गंभीरता और सजगता से काम करने की आवश्यकता है.
भारत ग्लोबल लीडर बनकर उभराः उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आईआईटी रुड़की और आईडीएससी बेंगलुरु में बांध सुरक्षा में अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज की शुरुआत की गई है. जयपुर एमएनआईटी में हमने भूकंप से बांध की सुरक्षा को होने वाले खतरे के संबंध में केस स्टडी सेंटर की स्थापना की है. शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ग्लोबल लीडर की तरह उभरा है और जिस तरह से बांध सुरक्षा को लेकर काम किया जा रहा है. आने वाले समय में इस मामले में भी भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा.
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मंत्री शेखावत ने बांधों के निर्माण के समय रही कमियों पर डिटेल पेपर वर्क तैयार करने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि जहां बांधों का निर्माण हो रहा है और बांध के डिजाइन के लिए सीडब्ल्यूसी और राज्यों में जो एजेंसियां काम कर रही हैं, उन्होंने ऐसी कमियों को चिह्नित किया है, जिससे उन विषयों को कोर्स के रूप में लागू करने में मदद मिल सकेगी. इस संबंध में लॉन्ग टर्म प्लान बनाने की आवश्यकता है.
अधिनियम के बाद नई चेतना आईः मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि देश में साल 2021 में बांधों की सुरक्षा को लेकर बनाए गए बांध सुरक्षा अधिनियम के बाद से देश में इस संबंध में नई चेतना का उदय हुआ है. इसके चलते आज चाहे बांधों के निरीक्षण की बात हो या फिर सुरक्षा की बात, इस पर गंभीरता के साथ काम किया जा रहा है. पहले जहां कुछ सौ बांधों के निरीक्षण होते थे, आज यह संख्या हर साल 12 हजार हो गई है. हाल ही के दिनों में दुनिया में बांधों की सुरक्षा को लेकर एक माहौल बना है, जिसे आगे बढ़ाने की दरकार है.
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इमरजेंसी एक्शन प्लान पर काम करने की जरूरतः गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जिस तरह क्लाइमेट चेंज का असर दिखाई दे रहा है और बारिश का पैटर्न बदल रहा है. ऐसे में आने वाले समय में बांध टूटने या बाढ़ की घटनाओं की बहुत अधिक संभावना रहेगी. इसलिए इस विषय पर अधिक गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है. बांधों के फेल्योर ऑफ इमरजेंसी एक्शन प्लान पर भी काम करने की जरूरत है.
दो दिन के मंथन पर बने डिटेल रणनीतिः शेखावत ने कहा कि बांधों के ड्रिप वन प्रोग्राम के तहत हमने जिन बांधों पर काम किया था, उन्हें राज्यों के साथ शेयर कर रहे हैं. ज्वांइट एक्शन प्लान बनाकर विभिन्न परिस्थितियों को चिह्नित करके काम करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि पिछले दो दिन में हमने जो काम किया है और मंथन किया है, इसे प्रभावी ढंग से कैसे आगे ले जा सकते हैं? इस संबंध में भी एक कंप्लीट रणनीति बनाने की आवश्यकता है.
बना रहे एक इंटरेक्टिव प्लेटफॉर्मः मंत्री शेखावत ने कहा कि पहले हम बांधों की सुरक्षा पर बात करते थे तो आउट ऑफ सब्जेक्ट लगता था, लेकिन समय के साथ इस पर बात करना महत्वपूर्ण हो गया है. इसलिए हमने एक इंटरेक्टिव प्लेटफॉर्म बनाने का निर्णय लिया है. उस प्लेटफॉर्म पर हम कैसे इन विषयों पर बात कर सकें?, केस स्टडी कर सकें और संबंधित क्षेत्र के एक्सपर्टस को कैसे जोड़ सकें?. उस पर भी गंभीरता के साथ काम करना होगा, ताकि हमें सकारात्मक परिणाम मिल सके.