नई दिल्ली: गृह सचिव अजय कुमार भल्ला (Ajay Bhalla) ने शुक्रवार को दोहराया कि सभी केंद्रीय और राज्य खुफिया एजेंसियों को देश भर में आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से मिलकर काम करना चाहिए.
भल्ला के मुताबिक आतंकवाद के खिलाफ सफल लड़ाई के लिए केंद्र और राज्य की सभी एजेंसियों द्वारा आतंकी डेटाबेस का बहुआयामी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित उपयोग एक प्रमुख विकल्प होना चाहिए.
भल्ला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आयोजित दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन 2023 के समापन दिवस पर समापन भाषण दे रहे थे. सम्मेलन में केंद्र और राज्यों के शीर्ष खुफिया अधिकारियों की भागीदारी देखी गई, जिसमें वास्तविक समय की जानकारी साझा करने के महत्व को भी रेखांकित किया गया.
शीर्ष खुफिया अधिकारियों ने दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान खालिस्तानी आतंकवाद के वर्तमान खतरे, आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने और आतंकी फंडिंग को शामिल करते हुए शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं. सम्मेलन में आतंकी जांच में अच्छे अभ्यास, आतंक और अपराध का मुकाबला करने के लिए यूएपीए और अन्य कानूनी प्रावधानों का उपयोग और डिजिटल फोरेंसिक और डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से जांच संबंधी खुफिया जानकारी हासिल करने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई. सम्मेलन में असम में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ पर भी विस्तृत चर्चा हुई, यह मुद्दा हमेशा देश की बाहरी-आंतरिक सुरक्षा के केंद्र में रहा है.
असम पुलिस विशेष कार्य बल के उप महानिरीक्षक पार्थ सारथी महंत ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों पर एक केस स्टडी प्रस्तुत की. उत्तर प्रदेश से एटीएस के एसएसपी अभिषेक सिंह ने गोरखनाथ मंदिर हमले पर एक केस स्टडी प्रस्तुत की.
विजय सखारे, राजीव कुमार मीना, एचजीएस धालीवाल, नीलाभ किशोर, होमकर अमोल विनुकांत और तरुण नायक सहित छह वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों ने आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने पर प्रस्तुतियां दीं.
टेरर फंडिंग के मुद्दे पर छह खुफिया अधिकारियों ने अपना प्रेजेंटेशन और केस स्टडीज दी. दो दिवसीय सम्मेलन का अंतिम सत्र डिजिटल फोरेंसिक और डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से खोजी खुफिया जानकारी हासिल करने पर था.
एनआईए से आशीष बत्रा, कर्नाटक से एम चंद्र शेखा, आई4सी से राजेश कुमार, एनसीआरबी से संजय माथुर, बीएसएफ और आईआईटी दिल्ली से केके शर्मा और तन्मय, हैदराबाद से मनीसिह गर्ग और एम कृष्णा सहित सात शीर्ष खुफिया अधिकारियों ने डिजिटल फोरेंसिक और डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से खोजी खुफिया जानकारी हासिल करने पर अपना अध्ययन प्रस्तुत किया.