उत्तराखंड: केदारनाथ के पास गरुड़चट्टी में मंगलवार को आर्यन कंपनी का जो हेलीकॉप्टर क्रैश (Kedarnath Helicopter Crash) हुआ उसके बारे में जो जानकारी आ रही है वो दिल दहला देने वाली है. इस हादसे में पायलट समेत 7 तीर्थयात्रियों की जान चली गई. हादसा इतना भयानक था कि घटनास्थल पर शव या तो जल चुके थे या अंग इधर उधर बिखरे पड़े थे. आइए आपको टाइम लाइन से समझाते हैं कि हेलीकॉप्टर क्रैश से पहले और बाद में क्या हुआ.
सुबह 11.30 बजे हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ को उड़ान भरी: मंगलवार सुबह 11:30 बजे हेलीकॉप्टर ने गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी. सुबह 11:39 बजे यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ पहुंचा. वहां तीर्थ यात्रियों को उतारने के बाद तीन मिनट हेलीकॉप्टर केदारनाथ में रुका. तीन मिनट रुकने के बाद पायलट ने 6 तीर्थ यात्रियों को हेलीकॉप्टर में बिठाया और 11:42 बजे वापस गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी.
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वापसी में उड़ान भरने के एक मिनट बाद हुआ हादसा: मंगलवार सुबह 11.42 बजे आर्यन कंपनी के हेलीकॉप्टर ने 6 तीर्थयात्रियों को लेकर केदारनाथ से वापस गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी. उड़ान भरने के एक मिनट बाद ही यानी 11:43 बजे केदारनाथ हेलीपैड से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर गरुड़चट्टी देवदर्शनी के समीप तेज धमाके के साथ हेलीकाप्टर में आग लग गई. इसके साथ ही हेलीकॉप्टर खाई में गिर गया.
तमिलनाडु और गुजरात के छह तीर्थयात्रियों की मौत: हेलीकॉप्टर क्रैश होने से बाबा केदारनाथ के दर्शन कर लौट रहे तमिलनाडु व गुजरात के छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई. हेलीकॉप्टर क्रैश में पायलट भी मारा गया. इस तरह आर्यन कंपनी के इस हेलीकॉप्टर क्रैश में सात लोगों की जान चली
इन लोगों की हुई मौत: केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश में मुंबई निवासी हेलीकाप्टर उड़ा रहे आर्मी ऐविएशन के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल पायलट व सभी छह श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई. दुर्घटना में एक दपंती समेत पांच महिला व दो पुरुष शामिल थे.
पायलट अनिल कुमार (57 वर्ष) निवासी मुंबई
पूर्वा रामानुज (26 वर्ष), निवासी गुजरात
कुर्ती बराड़ (30 वर्ष), निवासी गुजरात
ऊर्वी बराड़ (25 वर्ष), निवासी गुजरात
सुजाता (56 वर्ष), निवासी तमिलनाडु
सुजाता के पति प्रेम कुमार (63 वर्ष), निवासी तमिलनाडु
कला (60 वर्ष), निवासी तमिलनाडू
घना कोहरा बना हेलीकॉप्टर क्रैश का कारण: दुर्घटना सुबह पौने 12 बजे केदारनाथ हेलीपैड से उड़ान भरने के एक मिनट के बाद हो गई. दुर्घटना का प्रारंभिक कारण घना कोहरा बताया जा रहा है. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तत्काल मौके पर पहुंची और राहत बचाव कार्य शुरू किया. लेकिन हादसा इतना भयानक था कि कोई बचा नहीं था. हेलीकॉप्टर में आग लग गई थी. हेलीकॉप्टर में सवार लोगों के शव कुछ जल चुके थे. कई के अंग कटकर इधर उधर बिखरे पड़े थे.
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बर्फबारी और बारिश से राहत कार्य में आई दिक्कत: केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश की जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीमें दुर्गम स्थल होने के बावजूद तेजी से हादसा स्थल पर पहुंची. लेकिन इस दौरान बारिश और बर्फबारी हो रही थी. इस कारण आपदा राहत कार्यों में भी दिक्कत पेश आई.
डीजीसीए की टीम घटनास्थल पर जाएगी: नागरिक उड्डयन विभाग के अपर सचिव व उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि जांच के लिए डीजीसीए की टीम देहरादून पहुंच गई है. आज सुबह टीम घटनास्थल पर जाएगी.
दुर्घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश: प्रशासन की ओर से राहत व बचाव कार्य पूरे होने तक हेली सेवा रोकी गई थी. आज से हेली सेवा पहले की तरह सुचारू रहेगी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख व्यक्त करते हुए दुर्घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं.
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सबसे पहले पैदल केदारनाथ जा रहे यात्रियों ने दी हादसे की सूचना: पैदल यात्रा मार्ग से केदारनाथ जा रहे यात्रियों को सबसे पहले केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश की पता चला. इन तीर्थ यात्रियों ने अपने सामने हेलीकॉप्टर को क्रैश होते देखा. पैदल केदारनाथ यात्रा पर जा रहे तीर्थ यात्रियों ने तत्काल हेलीकॉप्टर क्रैश की सूचना पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंची. वहां का दृश्य देखकर सभी भौचक्के थे. हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद उसमें सवार कोई व्यक्ति बचा नहीं था. सबकी मृत्यु हो चुकी थी. हादसा स्थल पर शव क्षत-विक्षत स्थिति में पड़े थे. धमाके के बाद हेलीकाप्टर कई हिस्सों में टूट गया था. बीच का हिस्सा पूरी तरह जलकर राख हो गया था.
रिटायर्ड ले. कर्नल अनिल कुमार उड़ा रहे थे हेलीकाप्टर: केदारनाथ के पास गरुड़चट्टी में जो हेलीकाप्टर क्रैश हुआ उसे आर्मी एविएशन के सेवानिवृत्त ले. कर्नल अनिल कुमार उड़ा रहे थे. अनिल कुमार को 4800 घंटे से अधिक उड़ान भरने का अनुभव था. केदार घाटी में भी वर्ष 2018 से वह लगातार अपनी सेवाएं दे रहे थे. पुलिस ने सभी सात शव बरामद कर लिए, जिन्हें हेली से गुप्तकाशी लाया गया.
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केदारनाथ यात्रा को लेकर इस बार भारी उत्साह है: कोरोना काल के बाद इस बार केदारनाथ यात्रा को लेकर तीर्थ यात्रियों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. इस वर्ष अब तक हेली सेवा से 142,100 यात्रियों ने केदारनाथ के दर्शन किए हैं. शटल इस वर्ष अब तक 26,639 उड़ान भरी जा चुकी हैं. अगर रोज का औसत निकालें तो प्रति दिन हेली सेवाएं 250 के करीब उड़ान भर रही हैं.
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