भावनगर (गुजरात) : कई असाधारण उपलब्धियां हासिल करने वाला भारतीय नौसेना का विमान वाहक पोत आईएनएस विराट तोड़ा जा रहा है. गुजरात में अलंग बंदरगाह पर यह काम हो रहा है. अलंग में देश का सबसे बड़ा यार्ड है, यहां सभी पुराने जहाजों को तोड़ा जाता है. दशकों तक सराहनीय सेवा के बाद भारतीय नौसेना ने मार्च 2017 में उसे सेवानिवृत्त कर दिया था.
एमएसटीसी लिमिटेड द्वारा की गई एक नीलामी में इस जहाज को गुजरात के श्रीराम ग्रीन शिप रिसाइक्लिंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा 38.50 करोड़ रुपये में खरीदा था.
कई लड़ाकू जहाज उठाने में था सक्षम
करीब 1,500 क्रू दल के साथ वह लड़ाकू-तैयार हवाई जहाजों और हेलीकाप्टरों का एक बड़ा भार उठा सकता था. इसने अक्टूबर 2001-जुलाई 2002 में ऑपरेशन पराक्रम में भाग लिया था, 18 जुलाई से 17अगस्त, 1989 तक श्रीलंका में ऑपरेशन पवन में भाग लिया था. अपने लंबे समुद्री करियर में उसने कई अन्य असाधारण उपलब्धियां हासिल की थीं.
पहले एचएमएस हर्मिस था नाम
इसे पहले 'एचएमएस हर्मिस' के रूप में जाना जाता था, इसने नवंबर 1959 से अप्रैल 1984 तक ब्रिटिश नौसेना की सेवा की थी. साल 1974 में ब्रिटिश सिंहासन के उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स ने 'एचएमएस हर्मिस' पर सवार 845 नेवल एयर स्क्वाड्रन उड़ाए थे. बाद में इसे भारतीय नौसेना में अपने दूसरे विमान वाहक पोत, 'आईएनएस विराट' के रूप में मई 1987 में व्यापक नवीनीकरण और अपनी युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने के बाद शामिल किया गया था.
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शिवसेना सांसद प्रियंका ने की थी संरक्षण की मांग
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा थी. उन्होंने रक्षा मंत्री से आईएनएस विराट के मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की थी. प्रियंका ने लिखा था कि नौसेना के युद्ध पोत आईएनस विराट को संरक्षित करने के लिए तत्काल नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) दिया जाए. प्रियंका ने आईएनएस विराट को संरक्षित करने की अपील की थी. उनका कहना था कि आईएनएस विराट भारत और देश की नौसेना का गौरवशाली भाग रहा है. इससे राष्ट्रभक्ति, गर्व और भारत के राष्ट्रवाद की अनुभूति होती है.