पलामू: ब्रिटेन की महारानी के निधन पर शोक में राष्ट्रीय ध्वज को झुकाना आजादी का सबसे बड़ा अपमान है, ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ साम्राज्यवाद का प्रतीक थीं. यह बातें भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव (CPI ML National General Secretary) दीपांकर भट्टाचार्य ने पलामू में कही. दीपांकर भट्टाचार्य, बगोदर विधायक विनोद सिंह, बिहार के आंगियाव विधायक मनोज मंजिल, जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा के साथ इंकलाबी नौजवान (RYA) के राष्ट्रीय कन्वेंशन भाग (Inquilabi naujwan sabha National Convention Palamu) लेने के लिए पलामू पहुंचे थे.
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भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने ईटीवी भारत से कहा कि महारानी एलिजाबेथ साम्राज्यवाद का प्रतीक थीं, इनके देश का कई देशों पर कब्जा था. भारत की आजादी के बाद भी अफ्रीका, केन्या जैसे देशों में कई बड़े नरसंहार हुए हैं. भारत की आजादी में सैकड़ों लोगों ने बलिदान दिया है. ऐसे में महारानी की मौत पर राष्ट्रीय झंडे को झुकाना, आजादी का अपमान है और इससे अधिक अपमान क्या होगा.
1857 क्रांति के नायक नीलाम्बर पीताम्बर उपेक्षितः दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि 1857 के क्रांति के नायक नीलाम्बर पीताम्बर की समाधि स्थल आज भी उपेक्षित है, जबकि ब्रिटेन की महारानी के सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज को झुकाया जा रहा है. भगत सिंह ने चेतावनी दी थी कि ऐसा न हो कि गोरे अंग्रेज की जगह भूरे अंग्रेज आ जाएं, आज यही हो रहा है. उन्होंने कहा कि इंकलाबी नौजवान सभा का राष्ट्रीय कन्वेंशन है, इसमें युवा कई निर्णय लेंगे. कन्वेंशन में सुरक्षित नौकरी, शिक्षा और हालात को लेकर चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि आज युवाओं को कर्तव्य के नाम पर ठेके पर नौकरी दी जा रही है, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
RYA के राष्ट्रीय कन्वेंशन में नक्सलबाड़ी के समर्थन में लगे नारेः इंकलाबी नौजवान सभा का शनिवार से दो दिवसीय 7 वां राष्ट्रीय कन्वेंशन शुरू हो गया है. पलामू प्रमंडल के मुख्यालय मेदिनीनगर के टाउन हॉल में राष्ट्रीय कन्वेंशन का आयोजन किया गया है. कन्वेंशन की शुरुआत सबसे पहले नीलाम्बर पीताम्बर के समाधि स्थल पर माल्यार्पण के साथ हुई. उसके बाद पैदल मार्च का आयोजन किया गया. इस दौरान बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर, भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया.
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के दौरान नक्सलबाड़ी के समर्थन में और जय भीम के नारे लगे. इंकलाबी नौजवान सभा के कन्वेंशन में देश के 21 राज्यों से 500 से अधिक डेलीगेट भाग ले रहे हैं. इस कन्वेंशन में रोजगार शिक्षा देश के वर्तमान हालात समेत कई बिंदुओं पर प्रस्ताव पारित किए जाने हैं.